जम्मू के किसान धान की रोपाई से पहले ले सकते हैं सब्जियों की फसल
समय-समय पर खाद पानी का ख्याल रखा जाना चाहिए। अगर टमाटर की खेती की गई है तो फूल आने पर हारमोनिक स्प्रे करवाएं ताकि इसके फूल न गिरें।
जम्मू, जागरण संवाददाता। गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो गई है और कहीं-कहीं खेत खाली होने लगे हैं। अधिकांश किसान अब अगले डेढ़-दो माह खेत खाली रखकर धान की रोपाई का इंतजार करेंगे। कृषि विशेषज्ञ सागर शर्मा का कहना है कि अच्छा किसान वही है जो साल में अपने खेतों का जमकर उपयोग करे। अगर इन दिनों खेत खाली हो गए हैं तो धान की रोपाई से पहले सब्जियों की पैदावार ली जा सकती है। ऐसी कई सब्जियां हैं जो माहभर में तैयार हो जाती हैं। फिर जमीनों को खाली क्यों रखा जाए। इन दिनों टमाटर की खेती का सीजन है। अगर किसानों ने हाईब्रिड टमाटर की पनीरी तैयार कर ली है तो वे खेती कर सकते हैं। क्योंकि हाईब्रिड किस्म के इस पौधे के जमीन में जड़ पकड़ते ही फूल आने शुरू हो जाते हैं। यानि की कुछ ही दिनों में टमाटर लगने शुरू हो जाएंगे। अगर किसानों के पास पनीरी नहीं है, तो वे इसका बंदोबस्त दूसरे किसानों से या बाजार से कर सकते हैं।
ऐसे ही पालक 20-25 दिनों में तैयार हो जाता है। पालक लगाकर किसान अच्छी कमाई कर सकता है। कृषि विशेषज्ञ सागर शर्मा का कहना है कि खेत को खाली न रखा जाए। किसानों को करना यह है कि सबसे पहले खेतों में देसी खाद डालें और फिर खेत में हल चलवा कर सब्जी लगा दी जाए। समय-समय पर खाद, पानी का ख्याल रखा जाना चाहिए। अगर टमाटर की खेती की गई है तो फूल आने पर हारमोनिक स्प्रे करवाएं, ताकि इसके फूल न गिरें।
कहीं फल तो नहीं गिर रहे: इन दिनों आम, किन्नू व नींबू प्रजाति के पेड़ों पर छोटा-छोटा फल लगा हुआ है और इसका साइज बढ़ रहा है। बागवानी अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि अगर फल गिर रहे हैं तो किसानों को सजग होने की जरूरत है। इसको रोका नहीं गया तो आने वाले समय में किसानों को बड़ा नुकसान होगा। होता यह है कि फलों के पेड़ में आगजीन नामक हारमोन के बढऩे या कम होने से यह दिक्कत पनपती है और फल गिरने लग जाते हैं। अगर आपको लगता है कि फल गिर रहे हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लेकर 20 एमएल नेपथलीन एस्टिक एसिड एक लीटर पानी में घोलकर पेड़ों पर छिड़काव करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो फल लगातार गिरते ही जाएंगे और किसानों को बड़ा नुकसान होगा। संजीव कुमार ने कहा कि बागवानी को अगर सफलता की ओर लेकर जाना है तो छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। अधिकांश किसानों को फल गिरने का कारण ही समझ में नहीं आता और वे समय रहते कोई उपाय नहीं कर पाते। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
टिड्डों को पनपने से रोकें: गर्मी का मौसम आ चुका है। वहीं, इस बदलते मौसम में टिड्डों की फौज भी पनपना आरंभ हो गई है। टिड्डा (ग्रास हापर) के अंडे जो घासफूस में पलते हैं, से ही टिड्डों की फौज तैयार हो जाती है। यह टिड्डे हरी फसल को चट कर जाते हैं। अगर इनका प्रबंधन नहीं किया तो पूरे खेत पर ही हमला हो जाता है। धान की पनीरी कई बार किसानों को लगानी पड़ती है, क्योंकि टिड्डे बार-बार फसल खा जाते हैं। अगर किसान समझदार नहीं बने तो बड़ा नुकसान भुगतना पड़ता है। कृषि विभाग के सूचना अधिकारी जेसी रैना ने कहा कि खेत के बांध को साफ रखें और घास-फूस को हटा दें। इसी घास-फूस में अंडे पनपते हैं। सरकंडा अगर खेतों के आसपास है तो इसे नष्ट कर दें। ऐसे उपाय करके आप टिड्डों के पनपने से निजात पा सकते हैं।
मौसम को देखते हुए यह ध्यान रखें किसान
- सब्जी लगाने से पहले खेतों में पहले डाले देसी खाद
- टमाटर में फूल आने पर हारमोनिक स्प्रे करें, ताकि न गिरे फूल
- मौसम बदलते ही तेज धूप पडऩे लगी है। इस धूप से छोटे पौधों पर असर पड़ता है। इसलिए खास उपाय करने होंगे। जैसे तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचता है तो पौधों को बचाने की दिशा में काम होना चाहिए।
- तेज धूप होते ही छोटे पौधों को घास-फूस से ढका जा सकता है। इस तरह से ढका हो कि हवा अंदर आ सके। बड़े पेड़ के तने पर चूने का लेप देना चाहिए। इससे पेड़ हीट के प्रभाव से बच जाते हैं।
- माल मवेशी को साफ-सुथरा व ठंडा पानी पिलाया जाए।
- माल मवेशी के बाड़े साफ-सुथरे होने चाहिए। मवेशी घर में हवा आने के उचित बंदोबस्त किए जाने चाहिए।
- मधुमक्खियों की कॉलोनियों को इन दिनों फूलों के खेतों के पास रखा जाए। जो नए लोग मधुमक्खी पालन में आना चाहते हैं, यही समय है। क्योंकि इन दिनों फूलों की अच्छी संख्या है।
- गेहूं की फसल को बिना देरी किए समेटें। जहां कहीं बिजली का हाईटेंशन वायर है, उस क्षेत्र से खेत जल्दी खाली करें, ताकि आग लगने के खतरे को कम किया जा सके।
- गेहूं की फसल की कटाई के समय मजदूरों को धूमपान करने की इजाजत न दें। इस तरह से आग लगने के खतरे को कम किया जा सकता है।
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