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अन्नदाताआें की मेहनत पर भारी पड़ रही एक चिंगारी। जानिए कैसे?

पिछले दस दिनों में ही जम्मू जिले के बिश्नाह आरएसपुर अरनिया अखनूर कानाचक आदि इलाकों में एक हजार कनाल से अधिक गेंहू की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 03:06 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 04:45 PM (IST)
अन्नदाताआें की मेहनत पर भारी पड़ रही एक चिंगारी। जानिए कैसे?
अन्नदाताआें की मेहनत पर भारी पड़ रही एक चिंगारी। जानिए कैसे?

जम्मू, [ सुरेंद्र सिंह ] । इस बार फसल अच्छी हुई थी। सोचा था फसल को बेच ट्रैक्टर की बची किस्त चुका दूंगा और कुछ पैसे अपनी बेटी की शादी के लिए रखूंगा। बेटी के लिए लड़का भी देख लिया था लेकिन अब जल्द उसकी शादी करना संभव नहीं है। यह कहना है बिश्नाह इलाके में रहने वाले किसान रमेश लाल का जिसकी गेंहू की पूरी तरह से पक्की फसल बिजली की झूलती तारों से निकली चिंगारी ने जलाकर राख कर दी।

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एेसे ही कहानी बिश्नाह से लगते गांव सुल्तानपुर के किसान छोटू लाल की भी है। छोटू लाल का कहना है कि दो वर्ष पहले भी उसकी फसल बिजली की तारों से निकली चिंगारी ने जला डाली थी। हमने बिजली विभाग को तब भी इस बारे शिकायत की थी लेकिन हुआ कुछ नहीं। इस बार हम पूरी नजर रखे हुए थे लेकिन फिर एक चिंगारी उनकी मेहनत पर भारी पड़ गई। छोटू लाल ने फसल लगाने के लिए पैसा ऊधार भी लिया था लेकिन अब उसके सामने उन पैसों को चुकाने की परेशानी आन खड़ी हो गई है। रमेश लाल व छोटू की तरह और भी कई किसान है जिनकी मेहनत पर एक चिंगारी भारी पड़ गई है।

10 एक हजार कनाल से अधिक गेंहू की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी है

पिछले दस दिनों में ही जम्मू जिले के बिश्नाह, आरएसपुर, अरनिया, अखनूर, कानाचक आदि इलाकों में एक हजार कनाल से अधिक गेंहू की फसल आग की भेंट चढ़ चुकी है। हैरानी की बात यह है कि गेंहू की फसल में आग लगने के पीछे खेतों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारें बनी है जो हल्की सी हवा चलते ही आपस में टकरा जाती हैं। इन तारों से निकली चिंगारियां जैसे ही सूख चुकी गेंहू की फसल पर गिरती हैं तो पूरा खेत ही धूं धूं कर जलना शुरू कर देता है। गेंहू की फसल में लगी आग इतनी तेजी से फैलती है कि वह देखते ही देखते अपने साथ लगते दूसरे खेतों को भी चपेट में ले लेती है।

खंभा हिलने से तारें लटक जाती हैं - चीफ इंजीनियर

बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर सुधीर गुप्ता का खंभों को बांधने के लिए लगाई गाॅय केबल के ढीला हो जाने से खंबा हिल जाता है जिससे तारें लटक जाती हैं। गुप्ता का कहना है कि खेतों में जोताई करते समय किसान कई बार गॉय केबल को हिला देते हैं जिससे ऐसा हो जाता है। वहीं खेतों में आग लगने के कारणें बारे उनका कना है कि हर बार शार्ट सर्किट ही कारण नहीं होता है। खेतों में आग कहीं से उड़कर पहुंची चिंगारी या किसी द्वारा फेंकी गई सिगरेट, बीड़ी से ज्यादा लगती है। वहीं इंसुलेटेड तारों को लगाए जाने बारे चीफ इंजीनियर का कहना है कि इस संदर्भ में विभाग काम कर रहा है। चरणबद्ध तरीके में काम पूरा होगा।

आग से जली फसल  2019         2018

बिश्नाह -    600 कनाल   125 कनाल

अरनिया - 400 कनाल 78 कनाल

आरएसपुरा - 40 कनाल 12 कनाल

ज्यौड़ियां - 40 कनाल 18 कनाल

परगवाल पिंडी - 70 कनाल

कानाचक - 12 कनाल 6 कनाल

आग लगने पर ये करें

- खेतों में आग लग जाए तो पास लगे पेड़ों की पत्तेदार टहनियों व झाड़ियों को तोड़ उसे बुझाने का प्रयास करें।

- मदद के लिए लोगों को बुलाए, एक साथ मिलकर आग को बुझाएं।

- आग के बीच में न जाए। जिस तरफ वह बढ़ रही है, उस तरह उसे आगे बढ़ने से रोकें।

- फायर ब्रिगेड को तुरंत 101 नंबर पर सूचित करें।

बरतें सावधानियां

- खेतों में जलती सिगरेट, बीड़ी न फेंके।

- खेतों के पास आग न जलाएं।

- बिजली की तारों को ढीला न पढ़ने दें। विभाग को सूचित करें।

- बिजली की तारों के बिलकुल नीचे खड़ी फसल को पहले काटें।

- तारों के आसपास कम से कम बीस फीट तक फसल पहले काटें

- फसल पक जाए तो खुद भी रखें ध्यान।

- पकी फसल को ज्यादा दिनों तक खेत में खड़ी न रहने दें।

- खेतों में टूटे हुए कांच न फेंके। गर्मी में इससे भी आग लग सकती है।

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