Jammu Kashmir : सरकारी बंगलों पर काबिज नेताओं व बाबुओं से कोठियां खाली करवाने के निर्देश, पूर्व CM का परिवार, डिप्टी सीएम और कई मंत्रियों ने जमाया है कब्जा
जम्मू कश्मीर सरकार या नौकरियों में कार्यकाल पूरा करने के बाद भी सरकारी बंगलों क्वार्टरों में रह रहे नेताओं और बाबूओं द्वारा कब्जाएं आवासों को खाली न करवाए जाने पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एस्टेट डिपार्टमेंट को कड़ी फटकार लगाई हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। सरकार और नौकरियों में कार्यकाल पूरा करने के बावजूद जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, नेता, पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार व पूर्व नौकरशाह सरकारी बंगलों व क्वार्टरों पर कब्जा कर बैठे हैं। शनिवार को संपदा विभाग (Jammu Kashmir Estate Department) ने ऐसे करीब 71 लोगों के नामों की सूची जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट (Jammu Kashmir High Court) के डिवीजन बेंच में पेश की। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
सरकारी बंगलों को कब्जे से मुक्त कराने के लिए एस्टेट विभाग की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई। बेंच ने कहा कि इस तरह का गैर जिम्मेदाराना रवैया किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जीएम शाह (GM Shah) के परिवार ने कब्जा जमाया है। सरकारी बंगलों पर कब्जा कर बैठने वालों में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, पूर्व विधायक रविंद्र रैना, पूर्व विधायक जीएम सरूरी, पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह भी शामिल हैं।
चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस राजेश बिंदल की डिवीजन बेंच ने सरकार को हलफनामा दायर करके सरकारी संपत्ति पर हुए कब्जों को हटाने की दिशा में उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है। बेंच ने यह भी कहा कि सरकार हलफनामा दायर कर स्पष्ट करे कि इन बंगलों का कितना किराया और बिजली-पानी का कितना किराया बकाया है। साथ ही अवैध कब्जों की अवधि के दौरान इन बंगलों की मरम्मत व रखरखाव पर कितना खर्च किया गया।
कोर्ट में दलील :
प्रो. एसके भल्ला की ओर से दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान याची की ओर से पेश हुए एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि जून 2018 के बाद से कई पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक सरकारी बंगलों पर कब्जा करके बैठे हैं। एस्टेट विभाग कुछ चुनिंदा लोगों से सरकारी बंगलें खाली करवा रहा है, जबकि एक पार्टी विशेष के नेताओं से सरकारी बंगले खाली करवाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पद छोडऩे के बाद मंत्रियों, विधायकों या नौकरशाहों को सरकारी संपत्ति रखने का कोई अधिकार नहीं। इसके बावजूद एस्टेट विभाग की ओर से इन वीआइपी लोगों से सरकारी संपत्ति खाली करवाने की दिशा में कार्रवाई नहीं की जा रही।
सरकार का पक्ष :
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल बीए डार ने कहा कि सरकारी बंगले खाली करवाने के लिए एस्टेट विभाग की ओर से कई लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं और कई लोगों ने विभिन्न अदालतों में इसे चुनौती दी है। कई मामलों में कोर्ट का स्टे है, जिसके चलते विभाग कार्रवाई नहीं कर पा रहा। बेंच ने ऐसे सभी कोर्ट मामलों की जानकारी एकत्र कर बेंच के सामने पेश करने का निर्देश भी दिया।
सरकारी बंगले खाली न करने वालों की सूची
जम्मू :
- -जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जीएम शाह का परिवार : गांधी नगर में स्पेशल बंगला नंबर 11
- -पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह : गांधी नगर में पीडब्ल्यूडी का बंगला नंबर दो
- -पूर्व उप-मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता : गांधी नगर में स्पेशल बंगला नंबर चार
- -पूर्व मंत्री सुनील शर्मा : गांधी नगर में स्पेशल क्वार्टर नंबर 14
- -पूर्व विधायक व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 13-ए
- -पूर्व विधायक जीएम सरूरी : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 23-ए
- -पूर्व विधायक मोहम्मद शफी : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 28-ए
- -पूर्व विधायक विकार रसूल वानी : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 29-ए
- -पूर्व मंत्री शक्ति राज परिहार : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 19-बी
- -पूर्व विधायक नीलग लंगेह : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 24-बी
- -पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 32-बी
- -पूर्व विधायक शेख इशफाक : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 49-सी
- -पूर्व मंत्री बाली भगत : रेजीडेंसी रोड में बंगला नंबर दो
- -पूर्व मंत्री सत शर्मा : न्यू गुलामी बाग में बंगला नंबर एक
- -पूर्व विधायक सुखनंदन चौधरी : न्यू गुलामी बाग में बंगला नंबर तीन
- -पूर्व विधायक आरएस पठानिया : न्यू गुलामी बाग में बंगला नंबर छह
- -पूर्व विधायक राजेश गुप्ता : रेजीडेंसी रोड में क्वार्टर नंबर एक
- -पूर्व एमएलसी जफ्फर इकबाल मन्हास : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 25-ए
- -पूर्व एमएलसी प्रो. भीम सिंह : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 30-बी
- -पूर्व एमएलसी रङ्क्षवद्र शर्मा : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 4-बी
- -पूर्व एमएलसी विबोद गुप्ता : गांधी नगर में क्वार्टर नंबर 53-सी
- -पूर्व एमएलसी प्रदीप शर्मा : रिहाड़ी स्टाफ क्वार्टर नंबर तीन
- -पूर्व एमएलसी अशोक खजूरिया : रिहाड़ी स्टाफ क्वार्टर नंबर 11
- -इनके अलावा बिना किसी पद वाले कई राजनेताओं ने भी सरकारी क्वार्टरों पर कब्जा कर रखा है। इनमें तारिक अहमद, मोहम्मद सुल्तान, वजीरा बेगम, शिल्पी वर्मा, हसीना, शफीक मीर व मनोहर लाल शामिल हैं।
श्रीनगर :
- -पूर्व डिप्टी स्पीकर नाजिर अहमद
- -पूर्व मंत्री हाकिम मोहम्मद यासीन
- -पूर्व मंत्री गुलाम नबी लोन
- -पूर्व मंत्री सैयद फारूक अंद्राबी
- -पूर्व मंत्री जहूर अहमद मीर
- -पूर्व मंत्री मोहम्मद खलील
- -पूर्व विधायक एमएस पंडित
- -पूर्व विधायक एजाज अहमद
- -पूर्व एमएलसी अली मोहम्मद डार
- -पूर्व विधायक बशीर अहमद डार
- -पूर्व विधायक मुश्ताक अहमद
- -पूर्व एमएलसी शौकत हुसैन
- -पूर्व विधायक मोहम्मद अल्ताफ
- -पूर्व एमएलसी बशीर अहमद वीरी
- -पूर्व एमएलसी विक्रम रंधावा
- -पूर्व विधायक हाजी अब्दुल राशिद
- -पूर्व एमएलसी यासिर रेशी
- -पूर्व मंत्री अब्दुल रहीम राथर
- -पूर्व विधायक मोहम्मद युसूफ
- -पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट्ट
- -पूर्व विधायक शमीमा फिरदोस
- -पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास
- -पूर्व विधायक रजा मंजूर
- -पूर्व मंत्री चौधरी मोहम्मद रमजान
- -पूर्व एमएलसी अब्दुल गनी वकील
- -पूर्व एमएलसी नासिर खान
- -पूर्व विधायक निजामुद्दीन भट्ट
- -पूर्व विधायक रफी अहमद मीर
- -पूर्व विधायक शोएब अहमद लोन
- -पूर्व एमएलसी सैयद मोहम्मद शफी शाह
- -इनके अलावा बिना किसी पद वाले कई राजनेताओं ने भी सरकारी क्वार्टर पर कब्जा कर रखा है। इनमें काउंसलर बशीर अहमद मीर, मुश्ताक अहमद तांत्रे, रियाज अहमद मीर, नाजिर अहमद मलिक, जाहिद हुसैन, एसएस चन्नी, परवीन लोन, मकसूद इंद्राबी, मोहम्मद युसूफ, जीएम शेख व सलनाउल्लाह लोन शामिल हैं।