आतंक पर कड़ा प्रहार: कश्मीर में हर 35 घंटे बाद मारा जा रहा आतंकी
मई में अब तक 19 आतंकी मारे जा चुके हैं जबकि दो सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और तीन नागरिक आतंकी हिंसा की भेंट चढ़े हैं।
जम्मू, नवीन नवाज। कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के अभियान का असर नजर आने लगा है। मरने वाले आतंकियों की संख्या बढऩे के साथ आतंकी संगठनों में युवकों की भर्ती धीमी पड़ चुकी है। बीते 142 दिनों के दौरान वादी में हर 35वें घंटे के बाद एक आतंकी मारा जा रहा है, लेकिन नया आतंकी 85वें घंटे बाद ही पैदा हो रहा है। इससे आतंकी संगठनों में खलबली मची हुई है।
इस साल पहली जनवरी से 22 मई की दोपहर तक सुरक्षाबलों ने विभिन्न आतंकी संगठनों के 88 आतंकियों को मार गिराया है। इस दौरान सुरक्षाबलों के 86 जवान शहीद हो चुके हैं और 30 नागरिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 40 स्थानीय युवक आतंकी बने हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में 17 आतंकी, आठ सुरक्षाकर्मी व दो नागरिक मारे गए हैं। फरवरी में 22 आतंकी, 60 सुरक्षाकर्मी व पांच नागरिक मारे गए हैं। मार्च में 19 आतंकी, 15 सुरक्षाकर्मी और 14 नागरिक मारे गए हैं। अप्रैल में 11 आतंकी, एक सुरक्षाकर्मी और तीन नागरिक मारा गया है। मई में अब तक 19 आतंकी मारे जा चुके हैं, जबकि दो सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और तीन नागरिक आतंकी हिंसा की भेंट चढ़े हैं। अप्रैल में आतंकियों को मार गिराने के अभियान में एक जवान शहीद हुआ है।
वर्ष 2019 में 20 मई तक 86 आतंकी मारे गए थे
सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के मुताबिक वर्ष 2019 में 20 मई तक 86 आतंकी मारे गए थे, जबकि दो आतंकी बुधवार को मारे गए हैं। उत्तरी कमान के प्रमुख के अनुसार, इस साल अब तक सिर्फ 40 युवक ही आतंकी बने हैं। इस साल अब तक बीते वर्षो की तुलना में लगभग दुगुने आतंकी मारे गए हैं। यह सब पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और ऑन ग्राउंड खुफिया नेटवर्क की मजबूती से हो रहा है।
आतंकवादी जबरदस्त दबाव में हैं
आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा ले रहे राज्य पुलिस में एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि बेशक यहां दावा किया जाए कि आतंकी हिंसा ज्यादा है। आतंकी हमले कर रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि आतंकी जबरदस्त दबाव में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने इस साल 142 दिनों में 3408 घंटों के आधार पर हर 39वें घंटे में एक आतंकी को मार गिराया है। इसके विपरीत आतंकी संगठनों को अपने लिए नया आतंकी तलाशने या फिर नया आतंकी पैदा करने में 85 घंटे लग रहे हैं। नागरिक हत्याओं की जिक्र करें तो इस साल 26 नागरिक आतंकी हिंसा की भेंट चढ़े हैं यानी 126वें घंटे में एक नागरिक की मौत हुई है।
आतंकियों के मारे जाने से आतंकी सरगना हताश हैं
रणबीर सिंह ने कहा कि आतंकियों के मारे जाने से आतंकी सरगना हताश हैं क्योंकि जिस तेजी से आतंकी मारे जा रहे हैं, उस तेजी से उन्हें अपने लिए नया कैडर नहीं मिल रहा है। सरहद पार से भी आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब नहीं हो रहे हैं। आतंकी संगठन अपने लिए नया कैडर जुटाने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं। वह हाल-फिलहाल आतंकी बने युवकों को जबरन अपने संगठन में रोक रहे हैं। कई लड़के जो उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क के संपर्क में हैं, की आतंकियों द्वारा हथियारों संग तस्वीरें लेकर उन्हें अपने संगठन में सक्रिय होने के लिए मजबूर कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस साल अब तक वादी में सुरक्षबालों ने करीब 200 से ज्यादा घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) चलाए हैं।
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