Ladakh: जिगमित थारचिन ने बिना आक्सीजन चढ़ी नेपाल की मनासलू चोटी, सिर्फ 5 दिन में लक्ष्य किया हासिल
जिगमित थारचिन ने नेपाल में मनासलू चोटी बेस कैंप से चोटी पर चढ़ाई करने के बाद वापस बेस कैंप लाैटने का लक्ष्य पांच दिन के अंदर पूरा कर अपनी तरह का एक विश्व रिकार्ड बनाया। यह उपलब्धि हासिल करने में उन्हें नेपाल के गाइड शेरपा लापका नुरबू ने सहयोग दिया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लेह के तिया गांव के युवा जिगमित थारचिन ने नेपाल की मनासलू चोटी पर बिना आक्सीजन चढ़ाई कर लद्दाख का नाम राेशन कर दिया है। इससे पहले उन्होंने गत वर्ष विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
थारचिन ने 26781 फीट ऊंची इस विश्व की आठवीं उंची चोटी पर गत बुधवार तेज बर्फीली हवाओं के बीच चढ़ाई की। उन्हाेंने सुबह छह बजे चाेटी पर देश, लेह हिल काउंसिल के झंडे फहराए। जिगमित थारचिन ने नेपाल में मनासलू चोटी बेस कैंप से चोटी पर चढ़ाई करने के बाद वापस बेस कैंप लाैटने का लक्ष्य पांच दिन के अंदर पूरा कर अपनी तरह का एक विश्व रिकार्ड बनाया। यह उपलब्धि हासिल करने में उन्हें नेपाल के उनके गाइड, शेरपा लापका नुरबू ने सहयोग दिया।
थारचिन ने जागरण को बताया कि उन्होंने इस चोटी पर चढ़ाई करने के लिए इस बार कोई समय नही लिया। नेपाल में बेस कैंप पहुंचने के बाद वहां के मौसम के लिए खुद को तैयार किए बिना चढ़ाई शुरू कर दी। ऐसे में इस बार वह अपने प्रदर्शन से बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पहले उन्होंने वहां पर करीब डेढ़ महीने तक तैयारी की थी। इस बार सब कुछ पांच दिन में हुआ। यह विश्व रिकार्ड हो सकता है। थारचिन का कहना है कि उन्हें पर्वतारोहण के अपने अभियान के दौरान लेह हिल काउंसिल की ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
इस समय थारचिन नेपाल में हैं। उनकी नई उपलब्धि काे लेकर लद्दाख में बहुत उत्साह है। लेह पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत होना तय है। लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन ने उन्हें बधाई दी है। थारचिन लद्दाख के युवाओं में एवरेस्ट, विश्व की अन्य चोटियाें पर चढ़ने की प्रेरणा जगा रहे हैं। थारचिन का कहना है कि लद्दाख के युवा शारीरिक रूप से बहुत मजबूत हैं। लद्दाख के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नही है। अगर उन्हें सही तरह से प्रोत्साहन दिया जाए तो वे बड़ी उपलब्धियां हासिल कर देश व लद्दाख का नाम रोशन कर सकते हैं।