Jammu Kashmir: अप्रैल से एक क्लिक से जानिए पीएफ का कितना पैसा है जमा
केंद्रीय कानून के तहत पूरी व्यवस्था आनलाइन है। हर कर्मचारी को उसका एक यूजर आइडी व पासवर्ड मिलेगा। वह अपने पीएफ से जुड़ी हर जानकारी आनलाइन हासिल कर पाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। बदलाव के दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र के पीएफ खाताधारक भी उत्साहित हैं। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पहली नवंबर 2019 से केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 प्रभावी हो गए हैं। मौजूदा समय में राज्य में निजी क्षेत्र के करीब 5.70 लाख कर्मचारियों का रिकार्ड ईपीएफ आर्गेनाइजेशन में ट्रांसफर किया जा रहा है। कर्मचारी अपने पीएफ की जानकारी को लेकर उत्सुक हैं। इन्हीं कई सवालों पर रीजनल पीएफ कमिश्नर प्रशांत कुमार से उप-मुख्य संवाददाता ललित कुमार ने बातचीत की।
क्या सारा रिकार्ड शिफ्ट हो गया?
अभी तक हमारे पास जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों का रिकार्ड शिफ्ट नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर श्रम विभाग इस पर काम कर रहा है। हमने पूरा डाटा ट्रांसफर करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया है। केंद्रीय कानून के तहत व्यवस्था कब तक स्थापित हो जाएगी? पहली अप्रैल से यह व्यवस्था हर हाल में लागू हो जाएगी। इसीलिए 28 फरवरी का समय रखा गया है ताकि मार्च में हम सभी संस्थानों व कर्मचारियों को यूजर आइडी व पासवर्ड बनाकर सूचित कर सके।
यूजर आइडी व पासवर्ड का कैसे इस्तेमाल किया जा सकेगा?
केंद्रीय कानून के तहत पूरी व्यवस्था आनलाइन है। हर कर्मचारी को उसका एक यूजर आइडी व पासवर्ड मिलेगा। वह अपने पीएफ से जुड़ी हर जानकारी आनलाइन हासिल कर पाएगा। उसके पीएफ खाते में कितने पैसे हैं, कितना ब्याज मिल रहा है और वह किन-किन फायदों का हकदार है, यह सारी जानकारियों उसे वेबसाइट व मोबाइल एप पर उपलब्ध होंगी। अगर किसी को पीएफ निकालना है तो ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। तय समय सीमा में पैसा उसके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।
केंद्रीय कानून के क्या फायदे होंगे?
दस साल की योग्यता पूरी होने पर पेंशन का लाभ। खाताधारक की मौत होने पर न्यूनतम ढाई लाख व अधिकतम छह लाख मुआवजा। खाताधारक की मौत होने पर पत्नी को आजीवन 500 रुपये प्रति माह तथा दो बच्चों को 250-250 रुपये प्रति माह पेंशन। एडवांस लेने पर वापस जमा नहीं करवाना पड़ेगा। बीस दिन के भीतर भुगतान किया जाएगा। खास बात कि इस कानून के तहत कर्मचारी जितना चाहे पीएफ जमा करा सकता है। पहले वह अधिकतम 14 फीसद ही जमा करा सकता था।
कहा जा रहा है कि पेंशन के लिए दस साल की योग्यता अनिवार्य नहीं रही?
फिलहाल जो अधिसूचना जारी हुई है, उसके तहत तो पहली नवंबर 2019 से पंजीकरण हो रहा है। जम्मू-कश्मीर श्रम विभाग ने इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाया है कि कर्मचारियों की नवंबर 2019 से पूर्व की सेवाओं को मान्यता देते हुए योग्यता तय की जाए। हमारा भी प्रयास है कि अधिकांश कर्मचारियों को पेंशन लाभ मिले, लेकिन फिलहाल इसे लेकर कोई नई अधिसूचना जारी नहीं हुई। उम्मीद की जा सकती है कि अप्रैल तक अधिसूचना जारी हो जाएगी।
जागरूकता लाने के लिए क्या किया जा रहा है?
हम विभिन्न संस्थानों में शिविर लगा रहे हैं। मोबाइल इंटरनेट बंद होने से कुछ दिक्कत आ रही हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल होते ही हम कर्मचारियों को मोबाइल एप की पूरी जानकारी देंगे ताकि वह अपने मोबाइल से ही पीएफ की जानकारी ले सकें।
पीएफ जमा करवाने वाले प्रतिष्ठानों से क्या कहना चाहेंगे?
जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के सभी प्रतिष्ठान अपनी हिस्सेदारी ईपीएफ आर्गेनाइजेशन के रीजनल पीएफ कमिश्नर के स्टेट बैंक खाते में जमा करवाएं। इलेक्ट्रानिक चालान से यह पैसा जम्मू-कश्मीर बैंक के माध्यम से भी जमा करवाया जा सकता है।