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स्मार्ट सिटी की राह में अतिक्रमण के रोड़े, शहर के अधिकतर नालों पर अतिक्रमण लगा रहा ग्रहण

लोगों ने इमारतें बना दी हैं। चूंकि जम्मू नगर निगम ने इनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं की तो अब सैकड़ों की तादाद में हो चुके निर्माण तोड़ पाना निगम के बस से बाहर हो गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 12:16 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 12:16 PM (IST)
स्मार्ट सिटी की राह में अतिक्रमण के रोड़े, शहर के अधिकतर नालों पर अतिक्रमण लगा रहा ग्रहण
स्मार्ट सिटी की राह में अतिक्रमण के रोड़े, शहर के अधिकतर नालों पर अतिक्रमण लगा रहा ग्रहण

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की राह में अतिक्रमण सबसे बड़ा रोड़ा है। जम्मू में बहने वाले अधिकतर नालों के किनारों पर लोगों ने अतिक्रमण कर निर्माण कर रखे हैं। नतीजतन बरसात के साथ ही शहर के अधिकतर निचले क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं। सड़कों पर जलभराव जिंदगी की गति रोक देता है। बिना ऐसे अतिक्रमण हटाए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट संपूर्ण नहीं हो सकता।

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कुछ ही सालों में कंक्रीट के जंगल में तबदील हुए जम्मू शहर में नालों का आकार आधा भी नहीं रह गया। बीस-तीस फुट तक चौड़े नाले अब 10-12 फुट की चौड़ाई तक पहुंच गए हैं। यह सब नालों के किनारे हुए अतिक्रमण का नतीजा है। कुछ लोगों के घर नाले के किनारों की जमीन से बढ़ तो लेकिन आसपास रहने वालों की दिक्कतें भी बढ़ा गए हैं। शहर के विभिन्न मुहल्लों से गुजरता लंडोई चोई नाला हो या फिर नानक नगर, त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन, छन्नी हिम्मत, जीवन नगर, गंग्याल, शक्ति नगर, कबीर कालोनी, मुट्ठी से गुजरने वाला नाला।

सभी के किनारों पर अतिक्रमण सिर चढ़कर बोल रहा है। लोगों ने इमारतें बना दी हैं। चूंकि जम्मू नगर निगम ने इनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं की तो अब सैकड़ों की तादाद में हो चुके निर्माण तोड़ पाना निगम के बस से बाहर हो गया है। सरकार की इस दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकती है। चूंकि जम्मू अब स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा है तो इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने होंगे।

त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन के रहने वाले विशाल कुमार, संजय नगर के ललित कुमार, गंग्याल के स्वर्ण सिंह का कहना है कि जब नाले के किनारों को लोग कब्जा रहे थे, तब जम्मू नगर निगम की टीमें नींद में रहीं। अब नाले कब्जाए जा चुके हैं। इन पर अतिक्रमण कर घर बना लिए गए हैं। यही कारण है कि हमारे मुहल्लों में बरसात के दिनों में जलभराव होता है। मुहल्लों के बीच से गुजरते नालों पानी का बहाव सह नहीं पाते। इनकी चौड़ाई व गहराई कम है। ज्यादा पानी आता है तो मुहल्लों में घुस जाता है।

फुटपाथों पर अतिक्रमण: शहर के अधिकतर बाजारों में दुकानदारों द्वारा स्वयं सामान सजा दिया जाता है। कई जगह रेहड़ियां व फड़ियां लग जाती है। इससे शहर के बाजार सिकुड कर रह जाते हैं। जम्मू नगर निगम समय-समय पर इन्हें हटाने के लिए अभियान तो चलाता है लेकिन अभियान के कुछ घंटों बाद ही स्थिति जस की तस हो जाती है। इस प्रकार का अतिक्रमण भी शहर की खूबसूरती के लिए ग्रहण साबित होता है।

  • ‘शहर के नालों की चौड़ाई बहुत को चुकी है। अब ऐसी स्थिति भी नहीं रही कि हर जगह जेसीबी मशीन नाले में घुसाकर इनकी सफाई करवाई जा सके। नालों को गहरा और चौड़ा कर बरसात के दौरान आने वाली पानी से बचा जा सकता है। निगम हर साल नालों की सफाई करवा कर बरसात में जलभराव रोकने के प्रयास करता हैँ। इस साल भी फरवरी से सफाई चल रही है। पानी ज्यादा आ जाएगा तो निकलने की जगह नहीं मिलती और फिर जगह-जगह जलभराव होना स्वाभाविक है।’ -हरविंद्र सिंह, सीटीओ, जम्मू नगर निगम 

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