अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं की सुरक्षा को नजरों में रहेंगे श्रद्धालुओं के वाहन, ड्रोन का होगा इस्तेमाल
अमरनाथ श्रद्धालुओं के वाहनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन टैग लगाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई गई।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। 28 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) इस बार सूचना प्रौद्योगिकी और आरएफआइडी तकनीक का भी सहारा लेगी। श्रद्धालुओं के वाहनों की निगरानी के लिए रेडियो आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) टैग, इंटरनेट प्रोटोकोल (आइपी) इनैबल्ड क्लोज सर्किट टेलीविजन और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।
यात्रा की सुरक्षा ड्यूटी में लगे अधिकारियों के मुताबिक, आरएफआइडी का संबंधित अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। बीते साल जुलाई में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की एक बस को निशाना बनाया था। यह बस अकेली ही बिना किसी सूचना और सुरक्षा के जम्मू की तरफ जा रही थी।
इस बार ऐसा न हो इसलिए यात्रा में शामिल सभी वाहनों के साथ आरएफआइडी टैग होगा। यात्रा वाहनों की निगरानी के लिए आइपी सीसीटीवी होंगे, ताकि श्रद्धालुओं का कोई वाहन निर्धारित रूट से न भटके। अगर वह निर्धारित रूट से कहीं आगे पीछे होता है या किसी जगह तकनीकी खराबी के चलते रुक जाता है तो उसकी तत्कालिक जगह का पता लगाकर आवश्यक मदद पहुंचाई जा सकेगी।
आरएफआइडी टैग वाहन से आने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिकतरंगों से उसकी स्थिति का पता संबंधित नियंत्रण कक्ष में बैठे लोगों को पता चलेगा। जो आइपी कैमरा होगा, वह इंटरनेट और कंप्यूटर के जरिए डाटा प्रेषित करेगा। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि एनालाग सीसीटीवी कैमरा जिन्हें आप परंपरागत सीसीटीवी कैमरा कह सकते हैं, भी इस्तेमाल में होंगे। यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए जा रहे आइपी कैमरा यात्रा की रियल टाइम मॉनिट¨रग को पूरी तरह यकीनी बनाएंगे।
चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग भी दी जा रही : सीआरपीएफ के आइजीपी रविदीप सिंह साही ने बताया कि अर्द्धसैनिकबलों की 213 कंपनियां यात्रा ड्यूटी पर तैनात होंगी। यात्रा ड्यूटी के लिए राज्य के बाहर अन्य प्रदेशों से बुलाई गए सीआरपीएफ की कंपनियों का इस समय ओरिएंटेशन कार्यक्रम चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत उन्हें कश्मीर की कानून व्यवस्था, आतंकी अभियानों और स्थानीय सामाजिक व भौगोलिक परिवेश से अवगत कराया जा रहा है। उन्हें शरारती तत्वों के ¨हसक प्रदर्शनों से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
निर्धारित समय के बाद सड़क पर नहीं होगा यात्रा वाहन :
यात्रा को आतंकी खतरे से पूरी तरह बचाने के लिए इस बार निर्धारित समयावधि के बाद यात्रा वाहनों को कुछ इलाकों में सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा। जम्मू से पहलगाम और बालटाल के लिए श्रद्धालुओं को लेकर आने वाले वाहनों को दोपहर तीन बजे तक दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड के पास मीर बाजार को पार करना होगा। पहलगाम और बालटाल से जम्मू जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को शाम छह बजे तक हर हाल में मीर बाजार को पार करना होगा। श्रद्धालुओं के वाहनों के काफिले के साथ सीआरपीएफ का एक सुरक्षा दस्ता हमेशा मौजूद रहेगा।
लखनपुर पहुंचते ही श्रद्धालुओं के वाहनों पर लगेंगे रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग
सीआरपीएफ के फ्रंटियर मुख्यालय में जम्मू कश्मीर पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में अमरनाथ श्रद्धालुओं के वाहनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन टैग लगाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई गई।
बताया गया कि यात्रियों के वाहनों के राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर में पहुंचते ही रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन टैग लगाए जाएंगे। यात्रा के दौरान वाहन के बारे में राज्य पुलिस व सुरक्षा बलों को पल पल जानकारी रहेगी। तय किया गया कि अगर पर्यटकों के वाहन भी रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग लगवाना चाहते हैं तो उन्हें भी यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
बैठक में जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेकश डॉ. एसपी वैद, केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल के विशेष डीजी वीएसके कौमुदी के साथ सुरक्षाबलों के अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।