खुशखबरी! जम्मू की सड़कों पर पहली बार दौड़ेंगी इलेक्ट्रानिक बसें, एसआरटीसी को अप्रैल में मिलेंगी 40 बसें
अन्य वाहनों की तरह ध्वनि और वायु प्रदूषण नहीं फैलेगा। ई-बस को प्रति किलाेमीटर 0.8 यूनिट बिजली का खर्च आएगा। यानी करीब दो से तीन रुपए प्रति किलोमीटर।
जम्मू, विकास अबरोल। यात्री वाहनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है! मई महीने में यात्री अब बिना शोरगुल और प्रदूषण मुक्त छोटी बसों में सफर करने के लिए तैयार रहें। इससे राज्य में बढ़ रहे ध्वनि और वायु प्रदूषण से न सिर्फ शहरवासियों को राहत मिलेगी बल्कि जम्मू-कश्मीर राज्य देश के ऐसे छह अन्य शहरों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां जल्द ही इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू की जाने वाली है।
जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने राज्य में इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने के लिए टाटा माेटर्स को 40 बसें बनाने का आर्डर दे दिया है। अप्रैल महीने के अंत तक इलेक्ट्रिक बसें जेकेएसआरटीसी के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित 30 सीटर इलेक्ट्रिक बस जीपीआरएस सिस्टम सहित रीयर कैमरा और पैसेंजर कैमरा की सुविधाओं से लैस होगी। 20 बस जम्मू शहर और 20 बस श्रीनगर शहर के विभिन्न रूट पर दौड़ेंगी। इन बसों को कर्नाटक के धरवाड़ प्लांट में तैयार किया जा रहा है। एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत एक करोड़ रुपए के करीब है। लोअर फ्लोर वाली इस बस की अगले 20 दिनों में अंतिम बार जांच करने के उपरांत इसे अप्रैल में एसआरटीसी के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
टाटा मोटर्स को दिया गया है बसों का आर्डर
टाटा मोटर्स देश के 6 शहरों में 255 इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई कर रहा है। इसमें कोलकाता, इंदौर, लखनऊ, जम्मू और जयपुर के शहर शामिल हैं। फिलहाल पहले चरण में वेस्ट बंगाल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड को बसों की डिलीवरी भी शुरू कर दी है। टाटा मोटर्स को भारत सरकार की ओर से देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 255 बसों का आर्डर दिया गया है। इनमें काेलकाता, इंदौर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर और असम शहरों के लिए असम कारपोरेशन की ओर से टेंडर के माध्यम से टाटा मोटर्स को आर्डर मिले हैं।
दो घंटे चार्ज करने पर 150 किलोमीटर दौड़ेगी ई-बस
जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन को हासिल होने वाली 9 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बस को दो घंटे चार्ज करने के उपरांत 150 किलोमीटर तक दौड़ाया जा सकता है। इसके लिए एसआरटीसी के डिपो सहित शहर के अन्य चिन्हित जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे ताकि ई-बस को दौड़ाने में कोई परेशानी न आ सके। डीजल के मुकाबले इसे दौड़ाने में लागत भी कम आएगी और इससे अन्य वाहनों की तरह ध्वनि और वायु प्रदूषण नहीं फैलेगा। ई-बस को प्रति किलाेमीटर 0.8 यूनिट बिजली का खर्च आएगा। यानी करीब दो से तीन रुपए प्रति किलोमीटर।
एसआरटीसी के ड्राइवरों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा
जेकेएसआरटीसी के ड्राइवरों को ई-बस को दौड़ाने से पहले टाटा मोटर्स की ओर से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा से वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। इसमें उन्हें वाहनों के रखरखाव सहित अन्य बारीकियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से दौड़ाया जा सकेगा।
प्राइवेट मिनी बसों आपरेटरों की मनमानी पर लगाम लगेगी
जम्मू और श्रीनगर शहर में 4500 के करीब मिनी बस हर रोज विभिन्न रूट पर दौड़ती हैं। परिवहन विभाग द्वारा प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया तो निर्धारित है लेकिन अक्सर यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है। ऐसे में एसआरटीसी की ई-बस सेवा शुरू होने से कारपोरेशन की ओर से शहर के विभिन्न रूट का सरकारी किराया निर्धारित होगा और यात्री इन बसों में सफ करने में प्रामथिकता देंगे। इससे कारपोरेशन को राजस्व में भी लाभ होगा।