Jammu Kashmir Lockdown Effect: लॉकडाउन में आठ हजार सर्जरी स्थगित, एक दिन में होते थे सौ से अधिक ऑपरेशन
आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी रूटीन में होने वाली सर्जरी नहीं हो रही है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन का एक महीना पूरा हो गया है। इसमें सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों को हो रही है, जिनकी विभिन्न अस्पतालों में सर्जरी होना तय थी। अस्पतालों में गैर जरूरी सर्जरी स्थगित हैं। तीस दिन में आठ हजार से अधिक सर्जरी स्थगित हो गई हैं।
जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक सर्जरी राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और उनके सहायक अस्पतालों में होती हैं। यहां हर दिन छोटी-बड़ी औसतन सौ सर्जरी होती हैं। इनमें सर्जरी विभाग के अलावा ईएनटी, आप्थालमिक, गायनोकॉलोजी, आथरेपैडिक्स, कार्डियो वैस्क्यूलर थोरेसिक सर्जरी विभागों में भी सर्जरी होती है। सप्ताह में एक दिन डेंटल की सर्जरी होती हैं। इसी तरह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज व सहायक अस्पतालों, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भी इन विभागों में सर्जरी होती है। स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू और कश्मीर के अधीन आने वाले जिला, उप जिला अस्पतालों और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों में भी सर्जरी होती हैं। इन सभी अस्पतालों को मिला दिया जाए तो औसतन करीब चार सौ सर्जरी होती हैं, जो स्थगित हैं। इन सर्जरी के लिए पहले से ही अस्पतालों में लंबा इंतजार करना पड़ता है।
आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी रूटीन में होने वाली सर्जरी नहीं हो रही है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एक महीने तक ऐसी ही स्थिति रहती है तो आने वाले दिनों में थोड़ी परेशानी होगी। एक दिन ऑपरेशन स्थगित होने से ही तीन से चार सौ मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो पाते हैं।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यह तय किया है कि जिन मरीजों के ऑपरेशन स्थगित हुए हैं, उन्हें कोई परेशानी न हो। जब भी अस्पताल खुलेंगे, उन्हीं मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने पहले से ऑपरेशन के लिए तिथि ली हुई है। किसी नए मरीज की सर्जरी प्राथमिकता पर नहीं होगी।
इमरजेंसी में इन दिनों 50 फीसद ही हो रही सर्जरीः जीएमसी सहित अन्य अस्पतालों में इमरजेंसी में सर्जरी तो हो रही हैं, लेकिन वहां भी पहले की अपेक्षा 50 फीसद ही सर्जरी हो रही है। जीएमसी में सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि इसका एक कारण सड़क दुर्घटनाओं में कमी होना भी है। कई लोग अस्पतालों में पहुंच भी नहीं पा रहे हैं।
कोविड अस्पताल पूरी तरह बंद, गांधीनगर अस्पताल भी शामिलः सरकार ने कुछ अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया है। यह अस्पताल अन्य बीमारियों के इलाज के लिए बंद हैं। इनमें गांधीनगर अस्पताल भी शामिल है। इस अस्पताल में इमरजेंसी में भी सर्जरी नहीं हो रही हैं। अन्य कोविड अस्पतालों में भी ऐसी ही व्यवस्था है।
- इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है। प्राथमिकता उन्हीं मरीजों को दी जा रही है। गैर जरूरी सर्जरी स्थगित हैं। हालात सामान्य होने पर अन्य मरीजों को भी प्राथमिकता पर इलाज होगा। अभी अन्य के लिए इमरजेंसी खुली है। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। - डॉ. सामिया, प्रिंसिपल जीएमसी श्रीनगर
- कोरोना वायरस के कारण ही गैर जरूरी सर्जरी स्थगित की गई हैं, लेकिन इमरजेंसी थियेटर खुले हुए हैं। उनमें सभी जरूरी सर्जरी हो रही हैं। किसी भी मरीज को परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर मरीजों को प्राथमिकता के अनुसार सर्जरी होगी। - डॉ. सुनंदा, प्रिंसिपल जीएमसी जम्मू