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Jammu Kashmir : विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए कश्मीर में छह नई ट्रांजिट काॅलोनियां विकसित की जाएंगी

कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों लिए छह जिलों में छह नई ट्रांजिट कालोनियां विकसित की जाएंगी। इन कालोनियां में 201 करोड़ की लागत से 1680 क्वार्टर बनाए जाएंगे। प्रत्येक कॉलोनी में कचरा निष्पादन के लिए एसटीपी भी स्थापित किए जाएंगे ।

By VikasEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 06:08 PM (IST)
Jammu Kashmir : विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों  के लिए कश्मीर में छह नई ट्रांजिट काॅलोनियां विकसित की जाएंगी
कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों लिए छह जिलों में आठ नयी ट्रांजिट कॉलोनियां विकसित की जाएंगी।

श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों लिए छह जिलों में छह नई ट्रांजिट कॉलोनियां विकसित की जाएंगी। इन कॉलोनियां में 201 करोड़ की लागत से 1680 क्वार्टर बनाए जाएंगे। प्रत्येक कॉलोनी में कचरा निष्पादन के लिए एसटीपी भी स्थापित किए जाएंगे ।

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प्रस्तावित कॉलोनियां में किसी भी काॅलोनी का निर्माण सभी आवश्यक प्रशासनिक, कानूनी व राजस्व संबधित आैपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही शुरु किया जाएगा। प्रदेश प्रशासन ने इन कॉलोनियों के लिए जमीन को चिन्हित कर उसने आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास विभाग काे हस्तांतरित करने के लिए राजस्व विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की है। समिति को 15 नवंबर 2020 तक अपना काम पूरा करने के लिए कहा गया है।

सबसे बड़ी कालौनी बांडीपोर जिले के अडूना सुंबल में 57.60 करोड़ की लागत से तैयार होगी

प्रस्तावित कॉलोनियाें में सबसे बड़ी कालौनी बांडीपोर जिले के अडूना सुंबल में 57.60 करोड़ की लागत से तैयार होगी। इसमें 480 क्वार्टर बनाए जाएंगे। बारामुला के फतेहपाेरा में 336 क्वार्टरों पर आधारित 40.32 करोड़ की लागत से ट्रांजिट कालौनी बनेगी जबकि 288 क्वार्टरों वाली एक कालौनी कुपवाड़ा के कुलनगाम बाग में तैयार की जाएगी। इस पर 34.56 करोड़ खर्च किए जाएंगे।अनंतनाग के मरहामा, बीजबेहाड़ा में, गांदरबल के वंदाहाम लार में और शोपियां के अलोपोरा कीगाम में 192-192 क्टर्वाटरों पर आधारित कालाैनी बनेगी और प्रत्येक पर 23.04 करोड़ की लागत आएगी।

प्रस्तावित कॉलोनियों के निर्माण को प्रशासकीय मंजूरी मिल चु़की है

आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास विभाग से जुड़े अधिकारियाें बताया कि प्रस्तावित कॉलोनियों के निर्माण को प्रशासकीय मंजूरी मिल चु़की है। इन कालौनियों के निर्माण का फैसला 31 अक्तूबर को हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया गया था। यह सभी कॉलोनियां वर्ष 2015 में घोषित प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम पीएमडीपी-2015 के तहत घोषित रोजगार पैकेज में सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित ट्रांजिट आवासीय सुविधा प्रदान करने के इरादे से तैयार की जा रही हैं। जब तक वादी में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते,तब तक कश्मीर में वापसी के लिए प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नाैकरी पाने वाले कश्मीरी पंडित कर्मियों को इन कॉलोनियों में निशुल्क आवासीय सुविधा मिलेगी। यह क्वार्टर एक व दो शयनकक्षों की सुविधा वाले होंगे।

उन्होंने बताया कि कॉलोनियां के निर्माण में जम्मू कश्मीर अवसंरचना विकास वित्त निगम जेकेआईडीएफसी द्वारा तय सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए संबधित म्यूनिस्पल कमेटी, म्यूनिस्पल काैंसिल व अन्य संस्थाओं के साथ साथ प्रदूषण नियंत्रणब बोर्ड से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। अनुमानित लागत के अनुरुप ही निर्धारित समयावधी में इन कॉलोनियों को पूरा करना होगा और प्रत्येक कालौनी के डिजायन, वास्तुशिल्प व निर्माण संबंधी सभी कार्य अनुमोदित डीपीआर के मुताबिक ही होंग, उनमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। प्रस्तावित कॉलोनियों में बनने वाली सभी इमारतों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, ऊर्जा बचत की व्यवस्था होगी। संभवत: यह सभी ग्रीन बिल्डिंग होंगी। उन्होंने बताया कि इन कालौनियों का निर्माण निर्धारित समयावधि में पूरा हो ,इसके लिए हर महीने की पांच तारीख को संबधित अधिकारी और संस्थाएं कार्य की प्रगति के संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रशासनिक सचिव को सौंपेंगी।

इस बीच, प्रस्तावित कॉलोनियों  के निर्माण से संबधित सभी मुददों के समाधान और जमीन को चिन्हित कर उसे आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास विभाग को हस्तांतरित करने के लिए एक समित भी गठित की गई है। राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को इसका अध्यक्ष बनाया गया । मंडलायुक्त कश्मीर और आपदा,राहत एवं पुनर्वास विभाग के सचिव इसमें सदस्य नामजद किए गए हैं। इसके अलावा राहत एवं पुनर्वास (विस्थापित )आयुक्त भी इसमें बतौर सदस्य अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करेंगे।


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