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Jammu Kashmir : आयुष मंत्रलय की ओर से जम्मू-कश्मीर में आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने का प्रयास सराहनीय

आयुष मंत्रलय की ओर से जम्मू कश्मीर में आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार सराहनीय है इससे लोगों को इलाज के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे। आयुर्वेद अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए बड़ी संख्या में आएंगे और लोगों को इलाज की बेहतर वैकल्पिक सुविधाएं मिलेगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 01:01 PM (IST)
Jammu Kashmir : आयुष मंत्रलय की ओर से जम्मू-कश्मीर में आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने का प्रयास सराहनीय
आयुष मंत्रलय की ओर से जम्मू कश्मीर में आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार सराहनीय है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने के प्रयास सराहनीय हैं। नि:संदेह इससे मरीजों को इलाज के लिए विश्वसनीय और वैकल्पिक व्यवस्था मिलती है। गत दिवस भी केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री ने आयुर्वेद अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार के लिए 75 लाख रुपये मंजूर किए।

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सरकार के इन प्रयासों से आने वाले दिनों में आयुर्वेद पर विश्वास रखने वाले मरीजों को और बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। यह किसी ने नहीं छिपा है कि प्रदेश में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं जो कि दवाई बनाने के काम आती हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोग आयुर्वेद पर बहुत विश्वास रखते हैं। कुछ वर्ष से शहरी क्षेत्रों में भी आयुर्वेद से इलाज कराने वालों की संख्या बढ़ी है।

विडंबना है कि पहले जम्मू में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं हुए। पच्चीस बिस्तरों की क्षमता वाले एक अस्पताल में ही इलाज की व्यवस्था थी। यह अच्छी बात है कि आयुष विभाग बनने के बाद न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि योग, होम्योपैथ, सिद्धा, यूनानी पद्धतियों के विस्तार के लिए भी सरकार ने कई प्रयास किए है। जम्मू में आयुर्वेद कालेज और कश्मीर में यूनानी कालेज इसी दिशा में उठाए गए कदमों में एक हैं।

यही नहीं अब जिला स्तर पर आयुर्वेद अस्पताल बनाने के अलावा हेल्थ और वेलनेस केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में विशेषज्ञों के अलावा पैरामेडिकिल स्टाफ और पर्याप्त दवाई भी मरीजों को मिलती हैं। इसके अलावा भद्रवाह में बनाया जा रहा हाई आल्टीट्यूट इंस्टीट्यूट भी आयुर्वेद में शोध को बढ़ावा देना देगा।

अगर यह कहें कि भविष्य में जम्मू-कश्मीर आयुर्वेद का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है तो इसमें कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए। सरकार के प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहे हैं। आयुष विभाग को चाहिए कि वे सुविधाओं में विस्तार के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने के लिए भी लगातार अभियान चलाएं। लोगों को इलाज की बेहतर वैकल्पिक सुविधाएं मिलेगी।


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