Jammu: बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए आज से हुआ "आओ स्कूल चलें" अभियान का आगाज
आर्थिक रूप से कमजोर और जागरूकता की कमी के कारण ही जम्मू कश्मीर में ड्राप आउट के मामले सामने आते है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जो बच्चे स्कूल नहीं गए या स्कूल छोड़ कर किसी काम में लग चुके है। उन्हें फिर से स्कूल तक पहुंचाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के ने आओ स्कूल चले अभियान का आगाज हुआ। जोनल, पंचायत और गांव स्तर पर चलाए जाने वाले इस अभियान में शामिल विद्यार्थी, अभिभावक, सिविल सोसायटी सदस्य, पंचायत सदस्य सहित अन्य गणमान्य लोगों के सहयोग से ऐसे बच्चों की खोज शुरु हो गई है अगले आठ दिनों तक इस योजना का जमकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
यह अभियान जम्मू संभाग के विंटर जोन में शुरु किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने संबधित जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे सब के सहयोग से प्रचार प्रसार करें। यह सुनिश्चित बनाए कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से महरूम न रह जाए। कई ऐसे बच्चे है जो पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ चुके है। कुछ बच्चे फेल होने के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ कर कामकाज पर लगे है। आर्थिक रूप से कमजोर और जागरूकता की कमी के कारण ही जम्मू कश्मीर में ड्राप आउट के मामले सामने आते है।
अधिकतर ड्राप आउट नौवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल होने पर सामने आते है। जब एक दो बार पेपर पास नहीं होते तो कई बच्चे पढ़ाई को बीच में ही छोड़ कर कामकाज में लग जाते है। स्कूल शिक्षा विभाग की डायरेक्टर अनुराधा गुप्ता ने कहा कि आओ स्कूल चले अभियान को पूरा सहयोग मिल रहा है। बच्चों के अभिभावक, पंचायतें और सिविल सोसायटी के लोग आगे आए है। अभी इस अभियान की शुरुआत ही हुई है।
उम्मीद है कि हर बच्चे को स्कूल तक लाने में हमारा विभाग सफल साबित होगा। अभियान के अंत में ही पता चल पाएगा कि कितने बच्चों का इस अभियान के तहत दाखिला हुआ है।
वहीं छह दिसंबर से लेकर नौ दिसंबर तक बच्चों की पहचान की जाएगी। इसमें जो बच्चे कभी स्कूल नहीं गए और जो ड्राप आउट है, को कवर किया जाएगा। दस दिसंबर के बाद से बच्चों की स्कूलों में दाखिला करने की प्रक्रिया को शुरु कर दिया जाएगा। विभाग पंद्रह दिसंबर को पूरे अभियान की रिपोर्ट को तैयार करेगा जिससे पता चलेगा कि यह कितना कामयाब रहा है।