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स्कूल शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष पद महीनों से रिक्त

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : स्कूली शिक्षा का ढांचा सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के दावे कर रही

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 03:01 AM (IST)
स्कूल शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष पद महीनों से रिक्त
स्कूल शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष पद महीनों से रिक्त

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : स्कूली शिक्षा का ढांचा सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के दावे कर रही राज्य सरकार बीते सात माह के दौरान जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (जेकेबीओएसई-जेकेबोस) का अध्यक्ष (चेयरमैन) नामांकित करना तो दूर उसे चिन्हित तक नहीं कर पाई है। फिलहाल, बोर्ड की सचिव ही प्रभारी अध्यक्ष के रूप में किसी तरह काम चला रही है।

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गौरतलब है कि अगस्त 2017 को राज्य सरकार ने विभन्न सरकारी विभागों में प्रशासनिक फेरबदल के दौरान बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. जहूर चाट को उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरित करते हुए निदेशक कॉलेज बनाया गया था। उसके बाद से ही बोर्ड चेयरमैन का पद खाली पड़ा हुआ है।

प्रो. जहूर चाट के उत्तराधिकारी तय कर उसे बोर्ड का चेयरमैन बनाने के लिए राज्य प्रशासन ने गत अगस्त में ही एक पांच सदस्यीय चयन समिति अथवा सर्च कमेटी बनाई। जब यह समिति बनी तो इसे एक माह के भीतर चेयरमैन पद के लिए कुछ योग्य लोगों के नामों की सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया था।

बोस के अध्यक्ष पद की तलाश के लिए बनी चयन समिति में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव सामान्य प्रशासनिक विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और कानून, न्याय व संसदीय मामले विभाग के सचिव के अलावा बोस के पूर्व सचिव बशीर अहमद डार भी शामिल हैं।

सात माह बीत चुके हैं और नया अकादमिक सत्र भी शुरू हो चुका है, लेकिन चयन समिति आज तक बोर्ड के चेयरमैन पद लायक उम्मीदवारों के नाम तक तय नहीं कर पाई है। हर बार समिति के आग्रह पर संबंधित प्रशासन ने इसका कार्यकाल बढ़ाया है। गत फरवरी में स्कूल शिक्षा विभाग ने समित को 28 फरवरी को या उससे पहले स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद के योग्य उम्मीदवारों के नामों का पैनल तय कर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ ही इसके कार्यकाल में विस्तार का एलान किया था।

राज्य स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड कोई सामान्य संस्थान नहीं होता, यह बहुत ही अहम संस्था है। इसका पूर्णकालिक चेयरमैन न होने से होने वाले नुक्सान बहुत हैं। फिलहाल, वीना पंडिता को बोर्ड में सचिव पद पर थी,अब प्रभारी अध्यक्ष हैं। एक तरह से देखा जाए तो अध्यक्ष पद पर जहां कामचलाऊ व्यवस्था तो वहीं सचिव पद भी खाली ही है।

बोर्ड के अध्यक्ष के चयन में हो रही देरी को लेकर बोर्ड में कार्यरत कुछ लोगों का मानना है कि यह सब राज्य सरकार द्वारा अपने किसी चहेते को फायदा पहुंचाने के लिए ही हो रहा है, अन्यथा बोर्ड का अध्यक्ष अब तक नियुक्त हो चुका होता। उनके मुताबिक यह पहला मौका है जब बोर्ड में बीते सात माह से चेयरमैन नहीं है। चयन समिति ने इस पद के इच्छुक लोगों से उनके आवेदन मांगे थे, यह आवेदन समित को मिले हैं या नहीं, यह कोई नहीं जानता।

इस संदर्भ में बोर्ड की प्रभारी चेयरमैन वीना पंडिता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया। चयन समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग से जब फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए।


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