Move to Jagran APP

खर्च में सुधार व वित्तीय अनुशासन की तरफ बढ़ा जम्मू कश्मीर

राज्य ब्यूरो, जम्मू : खर्च करने की प्रक्रिया में सुधार लाने और वित्तीय अनुशासन के लिए वित्त विभाग

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 03:01 AM (IST)
खर्च में सुधार व वित्तीय अनुशासन की तरफ बढ़ा जम्मू कश्मीर
खर्च में सुधार व वित्तीय अनुशासन की तरफ बढ़ा जम्मू कश्मीर

राज्य ब्यूरो, जम्मू : खर्च करने की प्रक्रिया में सुधार लाने और वित्तीय अनुशासन के लिए वित्त विभाग ने व्यापक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार संसाधनों के इस्तेमाल में तेजी लाएगी। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि आदेश जारी कर सभी प्रशासनिक सचिवों से कहा गया है कि वह प्रोजेक्ट पर खर्च करने की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से अपनाए। विनियोग बिल का जिक्र करते हुए कहा गया है कि वित्तीय अनुशासन बनाए रखें और खर्च करने की प्रक्रिया में तेजी लाएं। अब नए नियम लागू करने जरूरी होंगे, क्योंकि यह कानून का हिस्सा बन चुके हैं। अगर ट्रेजरी अधिकारी या पब्लिक एकाउंट आफिसर खर्च के सुधारों का उल्लंघन करते हैं तो वह इसके जिम्मेदार होंगे। वित्त विभाग की बजट डिवीजन पूरी निगरानी रखेगी। आदेश के अनुसार एक अप्रैल से कोई भी ट्रेजरी या पब्लिक एकाउंट आफिसर किसी खर्च के हैड से पेमेंट जारी नहीं करेगा। अगर बीईएएमएस को नजरअंदाज कर बिल पास किए गए तो इसके लिए ट्रेजरी अधिकारी व पब्लिक एकाउंट आफिसर निजी तौर पर जिम्मेदार माने जाएंगे। यह बताया गया कि अगले वित्त वर्ष की खरीद की योजना साठ दिन के भीतर पूरी करनी होगी। टेंडर निकालने से लेकर अन्य औपचारिकताएं साठ दिन के भीतर पूरी करनी होंगी। इसमें छूट किसी खास मामलों में मंत्रिमंडल कर सकता है। अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। आखिरी तिमाही का खर्च समीक्षा वाले अनुमान से तीस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। बिना इंवेट्ररी मैनेजमेंट सिस्टम के मशीनरी व उपकरण हैड के तहत कोई भी नई खरीद नहीं हो सकती। इसलिए सभी विभाग संपत्ति इंवेट्ररी बनाएं और संबधी अधिकारियों से मंजूरी लेने के बाद ही कोई खरीद करें। वित्त विभाग ने विभिन्न हैड का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए तय नियम पर अमल होना चाहिए अन्यथा कार्रवाई होगी। हर लाभांवित के लिए बायो मीट्रिक सिस्टम को आधार से जोड़ना आवश्यक होगा। डाटा बेस को 31 मई 2018 तक तैयार करना होगा और उसके बाद जून में कोई पेमेंट बिना डाटा बेस के नहीं होगी। दरबार मूव के लिए ट्रांसपोर्ट व अन्य सामान ले जाने व लाने के लिए संबधित कंपनियों से कम से कम दो वर्ष का कांट्रेक्ट करना होगा। यह प्रक्रिया प्रतिष्ठित कंपनी के साथ पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से होगी। वेजस आउटसोर्सिग बनाया जा रहा है। इसके जरिए सभी तरह की कैजुएल लेबर को पेमेंट की जाएगी। अगले वित्त वर्ष से किसी अन्य हैड से कैजुएल लेबर को पेमेंट नहीं की जाएगी। वित्त विभाग के अनुसार पूंजी व राजस्व बजट सुधारों के साथ जारी किए जा रहे है। कोई भी विभाग कैजुएल लेबर की भर्ती नहीं कर पाएगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.