जम्मू-कश्मीर में ई-क्राइम के मामले बढ़े, पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने को कहा
साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि सामान को खरीदने बेचने बैंक से लेनदेन डिजिटल के जरिए उत्पादनों को खरीदना मौजूदा समय में आम बात है लेकिन भुगतान के समय अपने खाते को अवश्य चैक करे कि उसमें कितने पैसे बचे हैं अगर कोई कमी पेशी है तो सर्तक हो जाएं।
जम्मू, जागरण संवाददाता: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में बढ़ते ई-क्राइम को देखते हुए पुलिस ने लोगो को ऑनलाइन लेनदेन,लुभाने वाली वेब साइटों से सर्तक रहने को कहा है।जम्मू कश्मीर के साइबर सेल सूत्रों का कहना है कि ई-क्राइम से संबधित शिकायते दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैंं।जिसमें ऑन लाइन फ्रॉड, आपत्तिजनक तस्वीरों को अपलोड करना आदि शामिल हैं।साइबर क्राइम सैल में रोजाना दर्जन से भी अधिक ई-क्राइम शिकायते मिल रही हैं।
अधिकतर शिकायते ऑनलाइन फ्राॅड की होती है, जिसमें लोग आसानी से फंस जाते हैं, और अपनी जमां पूंजी गवां बैठते हैं।कंप्यूटरों को हैक कर लेना, क्रेडिट और डेबिट कार्ड कार्ड का पिन कार्ड चोरी कर पैसे निकाल लेने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसके अलावा मार्फ्ड फोटो में कई लोग आपत्तिजनक कंटेट जोड़ कर इन्हें सोशल साइट पर अपलोड कर देतेे हैं। ऐसे कई मामले जम्मू शहर के सभी पुलिस स्टेशनों में दर्ज है।ऐसे मामलों की जांच में तह तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है।ऐसे मामालों को हल करने में काफी समय लगता है।साइबर क्राइम सैल के अधिकारियों का लोगों से कहना है कि वे अपने परिवार की तस्वीरें, पर्सनल डिटेल सोशल साइट पर अपलोड न करें।अगर संभव हो तो सोशल साइट्स पर अपनी डिस्पले पिक्चर न लगाए।
कई बार आसामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्व इसका दुरूपयोग भी कर सकते हैं। ई क्राइम में सबसे ज्यादा जोखिम बिजनेसमैन को होता है।अकसर वे फर्जी लेनदेन में फंस कर अपनी महत्वपूर्ण और खुफिया जानकारी ऐसी कंपनियों से शेयर कर देते हैं, जो फर्जी होती हैं।एसएससपी जम्मू श्रीधर पाटिल का कहना है कि अपने कंप्यूटर और उसका पासवर्ड किसी को शेयर नही करें।कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट हार्ड ड्राइव होती है, जिसमें सभी डाटा स्टोर होता है।अगर यह डाटा गायब भी हो जाए तो इसके लिए डाटा बैकअप सिस्टम को अपनाना जरूरी है। इलैक्ट्रानिक उपकरणों में कमजोर पॉसवर्ड स्क्यिोरिटी से धोखा होने का सबसे ज्यादा जोखिम रहता है। अपना पार्सवर्ड या कोई महत्वपूर्ण जानकारियों को कंप्यूटर में न रखें। बेहतर हो कि इन्हें अलग से स्टोर किया जाए।
साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि सामान को खरीदने, बेचने, बैंक से लेनदेन, डिजिटल के जरिए उत्पादनों को खरीदना मौजूदा समय में आम बात है, लेकिन भुगतान के समय अपने बैंक खाते को अवश्य चैक करे कि उसमें कितने पैसे बचे हैं, अगर कोई कमी पेशी है तो सर्तक हो जाएं।बच्चे घरों में सोशल साइट पर क्या देख रहे इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है। कहीं वेएडल्ट साइट तो नही देख रहे। कंप्यूटर को घरों में ऐसी जगह रखें, जहां से परिवार के लोग उन पर नजर रख सकें कि वे कंप्यूटर पर क्या देख रहें हैं।