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श्रीनगर में दरबार हुआ बंद, जम्मू में 5 नवंबर को खुलेगा

अब राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में 5 नवंबर को दरबार खुलेगा। जम्मू के कर्मचारी आज श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हो गए हालांकि कुछ कर्मचारी पहले दिन ही जम्मू पहुंच गए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:57 AM (IST)
श्रीनगर में दरबार हुआ बंद, जम्मू में 5 नवंबर को खुलेगा
श्रीनगर में दरबार हुआ बंद, जम्मू में 5 नवंबर को खुलेगा

जम्मू, जेएनएन। राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दरबार बंद होने के बाद कर्मचारियों ने जम्मू की तरफ रूख कर लिया है। श्रीनगर में छह महीने के लिए गत शुक्रवार को दरबार बंद हो गया। अब राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में 5 नवंबर को दरबार खुलेगा। जम्मू के कर्मचारी आज श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हो गए हालांकि कुछ कर्मचारी पहले दिन ही जम्मू पहुंच गए थे। अगले छह महीने जम्मू-कश्मीर की राजधानी जम्मू होगा और इस दौरान नागरिक सचिवालय और मूव कार्यालय यहीं खुलेंगे।

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आज करवाचौथ त्यौहार है इसलिए दरबार बंद होते ही जम्मू के सभी कर्मचारी आज यहां पहुंच गए। कश्मीर के कर्मचारी जम्मू में दरबार खुलने के एक दिन पहले जम्मू आएंगे। सरकारी विभागों की कई एडवांस पार्टियां पहले ही जम्मू पहुंच चुकी हैं। श्रीनगर में रिकार्ड को सही तरीके से पैक कर दिया है। दरबार मूव के दौरान मूव कर्मचारियों का काफिला 27, 28 अक्टूबर को जम्मू आएगा। वहीं रिकार्ड भी 28 अक्टूबर को जम्मू पहुंच जाएगा।

कश्मीर के कर्मचारियों को करीब एक सप्ताह तक अपने घरों में विश्राम करने का मौका मिल जाएगा। इस समय जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन है इसलिए राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र सचिवालय नहीं होगा। पंचायत चुनाव को लेकर पार्टियां सक्रिय हो गई है। पांच नवंबर को पहले दिन जम्मू में सचिवालय खुलने पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक सचिवालय में परेड की सलामी लेंगे। इसके बाद वह विभिन्न विभगों के कामकाज का निरीक्षण करेंगे।

15 हजार कर्मचारी करते हैं मूव

फाइलों के जम्मू के लिए रवाना होने के अगले ही दिन 15 हजार अधिकारियों तथा कर्मचारियों का काफिला भी सेना की सुरक्षा में मूव करेगा। इन कर्मचारियों में 2400 गैजेटिड अधिकारी तथा 48 सचिव भी शामिल हैं। सरकार प्रत्येक वर्ष जम्मू या श्रीनगर आने-जाने के लिए दो बार 15 हजारा रुपए की रकम परिवार भत्ता के रूप में देती है। अगर वे चाहें तो अपने परिवारों को भी साथ में ले जा सकते हैं। परिवार भत्ते पर प्रतिवर्ष रुपए 6.05 करोड़ की रकम खर्च की जाती है जबकि मूव कर्मचारियों को प्रतिमाह 2000 रुपए अलग से भी मिलते हैं जब तक वे मूव कार्यालयों में रहते हैं। 


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