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Jammu: राजनीतिक व प्रशासनिक नालायकी के कारण आधुनिक स्लाटर हाउस का 15 करोड़ गया वापस

Modern Slater House in Jammu शहर के डोगरा हाल और गुज्जर नगर में चल रहे दो स्लाटर हाउस पूरे शहर में मीट की आपूर्ति करते हैं। यह स्लाटर हाउस आधुनिक नहीं होने के चलते इनकी अधिकतर गंदगी सूर्यपुत्री तवी नदी में गिरती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:47 AM (IST)
Jammu: राजनीतिक व प्रशासनिक नालायकी के कारण आधुनिक स्लाटर हाउस का 15 करोड़ गया वापस
वर्ष 2008 से प्रोजेक्ट फाइलों से जमीन पर नहीं उतर पाया है।

जम्मू, अंचल सिंह: राजनीतिक और प्रशासनिक नालायकी के कारण जम्मू शहर में आधुनिक बूचड़खाने के लिए आए 15 करोड़ रुपये वापस हो गए हैं। यह पैसा मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री ने जम्मू शहर में आधुनिक बूचड़खाना बनाने के लिए जारी किया था।

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वर्ष 2016 से 2021 तक इस प्रोजेक्ट के लिए कदमताल के बावजूद निगम मंत्रालय को प्रोजेक्ट नहीं सौंप सका। नतीजतन अब मंत्रालय ने यह पैसा वापस ले लिया है। इस प्रोजेक्ट को प्रशासनिक मंजूरी आवास एवं शहरी विकास विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से दी जानी थी। सचिवालय से प्रोजेक्ट को मंत्रालय को भेजा जाना था। प्रोजेक्ट नगर निगम और सचिवालय के बीच ही फाइलों में धूल फांकता रहा।

वर्ष 2018 में मेयर और डिप्टी मेयर चुने जाने के बाद भी वे सचिवालय में प्रोजेक्ट को उठाने में नाकाम रहे। नतीजतन मंत्रालय को रिपोर्ट नहीं मिली और अब पैसा वापस हो गया है। निगम ने शहर के खानपुर नगरोटा में 20.70 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बूचड़खाना बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। वर्ष 2008 से प्रोजेक्ट फाइलों से जमीन पर नहीं उतर पाया है।

अब निगम को खुद करना पड़ेगा खर्च: आवास एवं शहरी विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. योद राज ने निगम आयुक्त को पत्र (नंबर एचयूडी/प्लान/20/2014-1, दिनांक 24.02.2021) लिखकर इस आशय की जानकारी दी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि 2016-17 से 2020-21 तक यह फंड्स उपलब्ध रहे लेकिन निगम इसका उपयोग नहीं कर पाया। अब यह पैसा निगम को अपने फंड से पूरा करना होगा क्योंकि भारत सरकार ने इसके लिए जारी फंड रोक दिए हैं।

यहां सिरे नहीं चढ़ा प्रोजेक्ट

  • भगवती नगर : शहर के भगवती नगर में निगम ने करीब सात करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2008 में आधुनिक स्लाटर हाउस बनाने का निर्णय लिया। यहां करीब 567 कनाल जमीन थी, जिस पर प्रोजेक्ट बनाया जाने लगा, लेकिन लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और प्रोजेक्ट टल गया।
  • सुजवां : शहर के साथ लगते सुंजवां में सर्वप्रथम आधुनिक स्लाटर हाउस बनाने का प्रस्ताव था। लोगों के विरोध के चलते इसे टाल दिया गया।
  • काला गांव (कोट भलवाल) : काला गांव में नगर निगम की करीब 400 कनाल जमीन है, जहां निगम ने स्लाटर हाउस बनाने का प्रयास किया, लेकिन क्षेत्र के पंच-सरपंचों के साथ लोग भड़क गए और निगम को फिर प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डालना पड़ा।
  • बलोल नाला (कुंजवानी) : कुंजवानी में बलोल नाले के नजदीक निगम ने इस प्रोजेक्ट को कम जगह में ही शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन यहां भी लोगों का विरोध हो गया।

तवी नदी के लिए भी नासूर हैं बूचड़खाने : शहर के डोगरा हाल और गुज्जर नगर में चल रहे दो स्लाटर हाउस पूरे शहर में मीट की आपूर्ति करते हैं। यह स्लाटर हाउस आधुनिक नहीं होने के चलते इनकी अधिकतर गंदगी सूर्यपुत्री तवी नदी में गिरती है। सरकार ने इन्हें शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं, ताकि तवी नदी को बचाया जा सके, लेकिन पर्याप्त जमीन नहीं मिलने से यह प्रोजेक्ट भी लटक रहा है। संग्राम सेना, डोगरा लिबरेशन फ्रंट सहित कई अन्य पार्टियां व संगठन वर्षो से जम्मू में चल रहे स्लाटर हाउस शहर से बाहर शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं।

जनरल हाउस में उठा मुद्दा: शहर के वार्ड नंबर 16 से कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने मेयर और डिप्टी मेयर को घेरते हुए कहा कि आधुनिक बूचड़खाने के प्रोजेक्ट के लिए आए 15 करोड़ रुपये इसलिए वापस हुए हैं क्योंकि मेयर चंद्र मोहन गुप्ता व डिप्टी मेयर पूर्णिमा शर्मा सचिवालय से प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि आयुक्त सचिव को मेयर के निर्देशों पर काम करना होता है। ऐसा करने के बजाय मेयर स्वयं फाइलें लेकर जा रहे हैं। यही कारण है कि नगर निगम को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा। परिणाम सामने है कि आधुनिक स्लाटर हाउस के लिए आया पैसा वापस हो गया है। अब निगम को अपने खर्चे से इस आधुनिक स्लाटर हाउस को बनाना है जो मुश्किल है। ऐसा संभव होता तो कब का प्रोजेक्ट सिरे चढ़ गया होता। 


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