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राजौरी में 30 दिसंबर की रात हुई थी घुसपैठ की बड़ी कोशिश

जिले के तरकुंडी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 30 दिसंबर की रात भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी थी। छह में से दो दहशतगर्द ढेर कर दिए और एक घायल हो गया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 02:10 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 02:10 AM (IST)
राजौरी में 30 दिसंबर की रात हुई थी घुसपैठ की बड़ी कोशिश

जागरण संवाददाता, राजौरी : जिले के तरकुंडी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 30 दिसंबर की रात भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी थी। छह में से दो दहशतगर्द ढेर कर दिए और एक घायल हो गया था। तीन भाग गए। पांच दिन से एलओसी पर दोनों आतंकियों के शव पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर जंगल से ढके तरकुंडी रिज से 30 दिसंबर को घुसपैठ की कोशिश की थी। रिज नियंत्रण रेखा के मंजाकोट और बालाकोट क्षेत्रों की सीमा से सटा है। क्षेत्र में पिछले सप्ताह भारत व पाक सेना के बीच भारी गोलाबारी भी हुई थी। सूत्रों ने बताया कि 30 दिसंबर देर रात गोलाबारी के बीच तरकुंडी क्षेत्र में सेना की गंभीर बटालियन के जवानों ने भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह को देखा। छह आतंकी भारी हथियारों से लैस थे। वे नाकियाल से इस तरफ घुसने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय सेना ने घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया। कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए, एक घायल हो गया, जबकि तीन भागने में सफल हो गए। इसके बाद सेना के जवानों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी रखा हुआ है कि कहीं कोई आतंकी भारतीय क्षेत्र में दाखिल न हुआ हो। मारे गए दो आतंकियों के शव अभी भी एलओसी पर पड़े हैं। उन्हें लेने के लिए पाक सेना ने भी कोई संपर्क नहीं किया है। गौरतलब है कि राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान गोलाबारी कर आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करता रहता है।

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