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Holi 2020: सूखे रंग भी फीका कर सकते हैं होली का उल्लास, एलर्जी-अंधेपन की बन सकते हैं वजह

यह धारणा है कि सूखे रंगों से होली सुरक्षित होती है व सूखे रंगों से कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार सूखे रसायनिक रंगों की होली भी काफी खतरनाक हो सकती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 04:24 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 04:24 PM (IST)
Holi 2020: सूखे रंग भी फीका कर सकते हैं होली का उल्लास, एलर्जी-अंधेपन की बन सकते हैं वजह
Holi 2020: सूखे रंग भी फीका कर सकते हैं होली का उल्लास, एलर्जी-अंधेपन की बन सकते हैं वजह

जम्मू, जागरण संवाददाता। रंगों के त्योहार होली में अब मात्र पांच दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे में शहर के बाजार होली के रंगों व पिचकारियों के साथ सजे हुए हैं। रंगों का यह उल्लास कभी-कभी किसी पर भारी भी पड़ जाता है। बाजार में चारों ओर केमिकलयुक्त रंग भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में होली पर रंगों का चयन महत्वपूर्ण हो जाता है। थोड़ी लापरवाही त्वचा के साथ नाक-कान, आंखों व बालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। ऐसे में होली की खुशियां बनी रहें, इसके लिए जरूरी है कि इसे से प्राकृतिक रंगों के साथ खेली जाए और किसी तरह की हुल्लड़बाजी के बजाय प्रेम व संयम से इस त्योहार को मनाया जाए।

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यह धारणा है कि सूखे रंगों से होली सुरक्षित होती है व सूखे रंगों से कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार सूखे रसायनिक रंगों की होली भी काफी खतरनाक हो सकती है। हरे रंग में कॉपर सल्फेट होता है, जो आंखों में एलर्जी और अंधापन करता है। काले रंग में लेड होता है, जो गुर्दो को नुकसान पहुंचाता है। लाल रंग में मरक्यूरिक ऑक्साइड और सिल्वर रंग में एल्यूमीनियम ब्रोमाइड होता है, जो त्वचा का कैंसर पैदा करता है। बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड होता है, जिससे अस्थमा होता है। पीले रंग में ओरमिन और चमकीले रंग में शीशा होता है। इससे स्किन एलर्जी और त्वचा डैमेज होती है। इसलिए यह जरूरी है कि केवल और केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेली जाए।

कान के पर्दे फटने का डरः रंग कान के अंदर जा सकते हैं, जिससे खुजली हो सकती है। इससे एलर्जी हो सकती है। कई बार गुब्बारे खेलते हुए कान पर चोट लग सकती है और कान के पर्दे फट सकते हैं।

नाक और आंख में एलर्जीः डॉक्टर कहते हैं कि रंगों के नाक और आंखों के अंदर प्रवेश करने से एलर्जी हो सकती है। इससे संक्रमण हो सकता है। छींक आ सकती है।

ल्यूकोडर्मा से चेहरे पर हो सकते हैं सफेद धब्बेः डॉक्टरों का कहना है कि कई बार होली में ल्यूकोडर्मा के काफी मामले देखने में आते हैं। इस बीमारी में चेहरे या त्वचा पर सफेद धब्बे हो जाते हैं, जिन्हें हटाना इतना आसान नहीं होता। कई बार इन्हें हटाने के लिए ग्राफटिंग या लेजर जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करना पड़ता है।

सिर में पक्के रंग या पॉलिस लगाने से बालों को होगा नुकसानः डॉक्टर के अनुसार कई लोग पक्के रंग या पॉलिश का इस्तेमाल करते हैं, जो बालों से आसानी से नहीं जाते। रंगों को हटाते समय कई बार बालों की सुरक्षा करने वाली परत उतर जाती है, जिससे बालों को पक्का नुकसान भी हो सकता है। कई बार तो बाल ही उड़ जाते हैं और आसानी से वापस नहीं आते।

खुजली आैर जलनः त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर विनोद गुप्ता का कहना है कि कुछ रंग जब त्वचा के संपर्क में आते हैं तो वे उसी समय या उसके ठहरने या उसे जोर से रगड़ने के कुछ देर बाद खुजली या जलन पैदा करते हैं। कई बार लोग रंगों के नुकसान से बचने के लिए त्वचा पर काफी तेल लगा लेते हैं। इससे रंगों के नुकसान से तो आप बच जाते हैं, लेकिन तेल का जमाव काफी नुकसान पहुंचा सकता है। 


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