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डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा जम्मू कश्मीर से बाहर निकाले जाएंगे रोहिंग्या, केंद्र इस पर कर रहा काम

रोहिंग्या बंगाल की खाड़ी से इतनी दूर जम्मू में क्यों बसे? इसकी जांच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह वोट बैंक की राजनीति के तहत हुआ या फिर जनसांख्यिकीय स्वरूप बदलने के तहत।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 01:05 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 01:05 PM (IST)
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा जम्मू कश्मीर से बाहर निकाले जाएंगे रोहिंग्या, केंद्र इस पर कर रहा काम
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा जम्मू कश्मीर से बाहर निकाले जाएंगे रोहिंग्या, केंद्र इस पर कर रहा काम

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नागरिक संशोधन कानून बनते ही जम्मू कश्मीर में प्रभावी हो गया था। इसके बाद अब अगली कार्रवाई यहां अवैध रूप से बसे रोङ्क्षहग्यों को बाहर निकालना होगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों के संरक्षण के लिए डोमिसाइल भी होगा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी। जम्मू कश्मीर तेज विकास का मॉडल बनेगा और यहां पर प्रधानमंत्री व डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड टे्रनिंग (डीओपीटी) के दिशा-निर्देश पर काम होगा।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में वित्तीय नियमों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि रोहिंग्या बंगाल की खाड़ी से इतनी दूर जम्मू में क्यों बसे? इस मामले की जांच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह वोट बैंक की राजनीति के तहत हुआ या फिर जनसांख्यिकीय स्वरूप बदलने की साजिश के तहत हुआ। यह पता चलना जरूरी है कि रोहिंग्याओं को यहां आने के लिए ट्रेन की टिकटें किसने दी। उन्हें कैसे निकाला जाएगा, केंद्र इस पर कार्य कर रहा है। उनकी सूचियां भी बन रही हैं और प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं कि वे नागरिक नहीं बन सकते हैं।

भ्रम न फैलाएं, जारी होंगी सभी अधिसूचनाएं : डॉ. जितेंद्र ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र के सारे कानून यहां पर प्रभावी हो गए हैं। अब यह भ्रम पैदा न करें कि यहां पर ओबीसी कानून, डोमिसाइल, न्यूनतम वेतन लागू नहीं होंगे। इस बाबत अध्याधेश प्रभावी बनाने के लिए केंद्र की अधिसूचनाएं जारी होंगी।

राज्य में होगी बांस प्रदर्शनी, लगेगी पेंशन अदालत: डॉ. जितेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद दो महीनों में तीन मैगा कार्यक्रमों के बाद अब जम्मू में बांस प्रदर्शनी व पेंशन अदालत होगी। दिल्ली में पेंशन अदालत के बाद यह पहली बार किसी अन्य राज्य में लगने जा रही है। संभवत: यह 26 जनवरी के बाद होगी। उन्होंने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर महीने में सुशासन पर दो दिवसीय सेमीनार हुआ था। इसमें 18 राज्यों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय कांफ्रेंस हुई।

कैट की बैंच स्थापित होगी: डॉ. जितेंद्र ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बेहतर व्यवस्था स्थापित करने की मुहिम के तहत सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) का बैंच स्थापित होने की दिशा में काम हो रहा है। इसमें केंद्रीय कर्मियों के मसले हल होंगे। इसकी चर्चा मुख्य सचिव से की गई है। इसके साथ सूचना आयोग व केंद्रीय विजीलेंस आयोग भी प्रभावी होगा।

अधिकारी होंगे जवाबदेह: सरकारी कर्मचारियों को पारदर्शिता लाने की सलाह देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब उन्हें केंद्र में नामित होने के लिए वार्षिक प्राग्रेस रिपोर्ट भरनी होगी। अपनी संपत्ति की स्टेंटमेंट देनी होगी। कश्मीर केंद्रित सरकारों के कार्यकाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पहले अधिकारी अपनी सपंत्ति का ब्योरा दिए बिना सेवानिवृत हो जाते थे। मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने वाले उप सचिव से मुख्य सचिव बन जाते थे। अधिकारियों को अब किसी की खुशामद न करने की हिदायत देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि अब उन्हें इन्कम टैक्स भी भरना होगा। जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार का भ्रष्टाचार निरोधक कानून प्रभावी हो गया है।

हीरानगर में अरुण जेटली के नाम पर बनेगा स्टेडियम: डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहर कि हमारे आग्रह पर उप राज्यपाल प्रशासन ने हीरानगर में अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम बनाने के लिए 28 करोड़ रुपये का डीपीआर भेजा है। वह, मेरे साथ हीरानगर आए थे, तो लोगों ने मांग की थी। पहले वाली सरकार होती है तो दस बार सोचती कि अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम बनने से कौन नाराज होगा, कौन खुश होगा। इसी में सब कुछ उलझ जाना था। बता दें कि हीरानगर अरुण जेटली का ससुराल है। 


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