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मंदिरों के शहर में कुत्तों का खौफ, 16 हजार की ही हुई नसबंदी

जम्मू शहर में भी हर महीने कुत्तों के काटने के पांच-दस मामले सामने आ रहे हैं।शहर में करीब 60 हजार कुत्ते हैं जो गलियों, मुहल्लों में घूमते-फिरते रहते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 04:54 PM (IST)
मंदिरों के शहर में कुत्तों का खौफ, 16 हजार की ही हुई नसबंदी

जम्मू, जागरण संवाददाता। शहर की सड़कों, गलियों में रात के समय घूमते कुत्तों के झुंड हर किसी को भयभीत कर रहे हैं। कई लोगों को काटने के मामले सामने आ चुके हैं। शहर में 16 हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। बावजूद इसके कुत्तों का डर बरकरार है। इसके वपरीत जम्मू नगर निगम की संजीदगी का अंदाजा पिछले चार महीनों से बंद पड़ी नसबंदी प्रक्रिया से लगाया जा सकता है।

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जम्मू शहर में करीब 60 हजार कुत्ते हैं जो गलियों, मुहल्लों में घूमते-फिरते रहते हैं। पिछले साल फरवरी-मार्च में जम्मू नगर निगम ने नासिक आधारित नंदेद सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल को इनकी नसबंदी व वैक्सिनेशन का ठेका सौंपा था। कुछ माह पूर्व सोसायटी पर फर्जी दस्तावेज जमा करवाकर कांट्रेक्ट लेने के आरोप लगने तथा क्राइम ब्रांच में मामला जाने के बाद काम रोक दिया गया। तब से शहर में कुत्तों की नसबंदी की प्रक्रिया रुक गई है। सोसायटी ने करीब 16 हजार कुत्तों की नसबंदी ही की थी। दो वर्ष का समय मांगा गया था लेकिन पहले ही काम रुक गया।

विगत दिवस जम्मू के सीमावर्ती रामगढ़ में चार वर्षीय मासूम बच्ची को कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला। इलाके की पंचायत कलाह स्वांखा में भी दो माह पहले खेलते हुए बच्चे को कुत्तों ने नोच लिया था। शहर में भी हर महीने कुत्तों के काटने के पांच-दस मामले सामने आ रहे हैं। तालाब तिल्लो, भगवती नगर, संजय नगर, नानक नगर, डिग्याना, गंग्याल, सैनिक कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश, चिनौर, बन तालाब, न्यू प्लाट, रिहाड़ी, जानीपुर, रूपनगर में यह समस्या बरकरार है। लोगों की शिकायतें मिल रही हैं।

  • जम्मू शहर की 71 वार्डो में करीब 60 हजार कुत्ते हैं। अब निगम का दायरा बढ़ा है। 75 वार्ड हो गए हैं। ऐसे में इनकी संख्या और बढ़ गई है। निगम ने वर्ष 2014 में एक सर्वे कराया था, जिसमें इनकी संख्या करीब 30 हजार पाई गई। तीन साल में यह संख्या 60 हजार को पार कर चुकी है।

कुछ प्रमुख घटनाएं

  • जनवरी 2016 में बख्शी नगर में सात लोगों को काटा
  • 25 जनवरी को रूपनगर डिग्याना में दो बच्चों को काटा
  • 13 फरवरी 2016 कालीजनी में तीन बच्चों को काटा
  • 17 फरवरी 2016 तालाब तिल्लो में एक लड़की व महिला को काटा
  • 14 मार्च 2016 को त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन में एक व्यक्ति को काटा
  • 3 अप्रैल 2017 को तालाब तिल्लो में बुजुर्ग को काटा
  • 6 जनवरी 2018 को नानक नगर में युवक को काटा
  • 12 फरवरी 2018 को पुंछ हाउस में कुत्तों ने व्यक्ति को काट कर बुरी तरह घायल किया

क्या कहते हैं अधिकारी

सोसायटी के खिलाफ मामला सामने आने से नसबंदी रुक गई है। जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, निगम स्वयं नसबंदी प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। फिलहाल एनिमल केयर सेंटर रूपनगर में एक डाक्टर और पैराबेड स्टाफ तैनात किया गया है। चौबीस घंटे सर्विस दी जा रही है। चोटिल, बीमार कुत्तों, मवेशियों का यहां इलाज चल रहा है। नसबंदी की प्रक्रिया रूकी है। कुछेक दिनों में दोबारा इस पर काम शुरू करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए कुत्तों की नसबंदी, वैक्सिनेशन कर उन्हें दोबारा उसी स्थान पर छोड़ा जाता, जहां से उठाया जाता है। हार्मोनल बदलाव से कुत्ते पहले जैसे खूंखार नहीं रह जाते। आने वाले कुछ माह में लोगों को बदलाव दिखने लगेगा। आगामी वर्षो में इनकी संख्या बढ़ने के बजाय कम होगी।

- डॉ. जफर इकबाल,

म्यूनिसिपल वेटनरी ऑफिसर,

जम्मू नगर निगम। 


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