नहर की सफाई के दौरान भिड़े सरपंच व सिचाई विभाग के जेई
बिश्नाह के चकबाना में नहर की सफाई के दौरान सिंचाई विभाग के जेई और सरपंच के बीच ठीकठाक तनातनी हो गई। स्थानीय लोग भी लॉकडाउन तोड़कर सड़क पर निकल आए।
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : बिश्नाह के चकबाना में नहर की सफाई के दौरान सिंचाई विभाग के जेई और सरपंच के बीच ठीकठाक तनातनी हो गई। स्थानीय लोग भी लॉकडाउन तोड़कर सड़क पर निकल आए। मामला इसलिए बिगड़ गया, क्योंकि नहर से निकाले जा रहे गाद को सड़क किनारे फेंका जा रहा था। सरपंच इस बात पर अड़े थे कि गाद को साथ ही साथ ट्रैक्टर में उठाते चलो।
सड़क पर कचरा डालने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने पहले सरपंच सुरजीत सिंह को मौके पर बुलाया गया। सरपंच ने सिचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर से कहा कि नहर की सफाई अगर करनी है तो साथ ही मलबा हटाते जाएं। क्यों कि हर साल कचरा सड़क पर डाल कर छोड़ दिया जाता है। बाद में वह सूख कर लोगों के घरों और दुकानों में पहुंच कर बीमारियों का कारण बनता है। अभी ऐसे भी कोरोना का खतरा है। इस पर जूनियर इंजीनियर आग बबूला हो गया और सरपंच के साथ बहस हो गई। सरपंच के साथ बहस होते देख लोग लॉकडाउन तोड़ कर सड़क और आ गए। हालांकि सरपंच ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सभी को घर जाने को कहा। बाद में सिचाई विभाग के एईई नसीब चंद मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों को समझाना मुश्किल हो गया था। आनन-फानन में पुलिस को मौके पर बुलाया गया। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी दीपक पठानिया ने लोगों व सिचाई विभाग के लोगों को देश के हालात का हवाला देते हुए समझा-बुझा कर मामले को शांत करवाया। सरपंच सुरजीत सिंह सोनू ने कहा कि हर वर्ष हमें जिल्लत झेलनी पड़ती है। नहर के मलबे को सड़क पर फेंक कर छोड़ दिया जाता है। आधे अधूरे सफाई कर लीपापोती की जाती है।
-------------- किसी को शिकायत का मौका नहीं देंगे मलबा गीला था, इसलिए उठाया नहीं जा सका। हम एक-दो दिन के अंदर ही इसको हटाते जा रहे हैं। जहां भी नहर की सफाई हुई है, वहां से कचरा उठाया है। लोगों को लगा कि शायद पहले की तरह यह यहीं बिखर जाएगा, पर ऐसा नहीं होगा। नहर का काम एकदम साफ-सुथरा होगा। किसी को कोई शिकायत का मौका नहीं देंगे।
- नसीब चंद, एईई, सिचाई विभाग