विस्थापिताें ने मांगी गुलाम कश्मीर के धार्मिक स्थलों पर जाने की इजाजत
गुलाम कश्मीर के विस्थापितों द्वारा आरंभ किए गए क्रमिक धरने के पांचवेे दिन कार्यकर्ताओं ने गुलाम कश्मीर स्थित हिंदुओं के पवित्र स्थलाें के दर्शन के लिए जाने की मांग उठाई।
जम्मू, जागरण संवाददाता। गुलाम कश्मीर के विस्थापितों द्वारा आरंभ किए गए क्रमिक धरने के पांचवेे दिन कार्यकर्ताओं ने गुलाम कश्मीर स्थित हिंदुओं के पवित्र स्थलाें के दर्शन के लिए जाने की मांग उठाई। कार्यकर्ताआं ने कहा कि अनेकाें 70 साल पहले पाक कबालियां ने मुजफराबाद, मीरपुर, पुंछ जिले के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में यहां से हिंदू सिखों को विस्थापित होना पड़ा।
आज यह क्षेत्र पाकिस्तान के कब्जे मेें हैं जिसे दशकों बाद भी खाली नही कराया जा सका। ऐेसे में गुलाक कश्मीर के विस्थापितों को गुलाम कश्मीर में पड़ते धार्मिक स्थलों के दर्शनों की इजाजत दी जानी चाहिए। सोमवार को धरने पर बिग्रेडियर राजेंद्र सिंह, संजय कोहली, हंस राज, काला मेहरा, नीलम गुप्ता, विमला देवी ने भाग लिया और विस्थापितों की आवाज को बुलंद किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि संसद में प्रस्ताव पास किए जाने के कई साल बाद भी गुलाम कश्मीर के क्षेत्र को खाली नही कराया जा सका। अगर नही खाली कराना तो गुलाम कश्मीर के हिस्से की विधानसभा में खाली पड़ी सीटों को भरा क्याें नही जाता। विस्थापितों की जनसंख्या क अनुपात मं आठ सीटाें काे भरा जाना चाहिए।
गुलाम कश्मीर के विस्थापिताें ने अपनी मांगाें को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संजय कोहली ने कहा कि सात दशक का समय बीत गया मगर यह सरकार विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कोई ठोस नीति नही बना पाई। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में विस्थापिताें को बड़े तौर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कश्मीरी पंडिताें की तरह गुलाम कश्मीर के विस्थापितों को भी राहत दी जाए नही तो इन विस्थापितों को सड़कां पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।