Jammu Kashmir के बजट प्रस्तावों पर चर्चा 10 अक्टूबर से, वित्त विभाग ने जारी किया शेड्यूल
विभागों से कहा गया है कि बजट पर हुई घोषणाओं की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी लाएं और विभागों को सिर्फ उन अधिकारियों को ही विभाग की बैठक में बुलाना चाहिए जिनकी जरूरत हो। विभागों के अध्यक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस चर्चा में भाग लेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूराे : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के साल 2022-23 के संशोधित अनुमानित बजट और साल 2023-24 वर्ष के बजट अनुमान के प्रस्ताव पर 10 अक्टूबर से चर्चा शुरू हो जाएगी। इसमें राजस्व और पूंजी दोनों घटक और प्रधानमंत्री विकास पैकेज व केंद्र प्रायोजित योजनाओं भी शामिल होंगी। इसके लिए वित्त विभाग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। सभी विभागों से यह भी कहा गया है कि बजट पर हुई घोषणाओं की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी लाएं और विभागों को सिर्फ उन अधिकारियों को ही वित्त विभाग की बैठक में बुलाना चाहिए, जिनकी जरूरत हो।
विभागों के अध्यक्ष जो जम्मू से संबंधित हैं, वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस चर्चा में भाग लेंगे। वित्त विभाग के शेड्यूल के 10 अक्टूबर को सहकारिता विभाग, सूचना विभाग, साइंस और तकनीक विभाग, हास्पिटैलिटी एंड प्रोटोकॉल स्टेट विभाग, श्रम और रोजगार विभाग, स्टेशनरी एंड आफिस सप्लाई विभाग, ट्रांसपोर्ट विभाग जनजाति मामलों के विभाग के बजट प्रस्ताव पर विचार विमर्श होगा। वहीं 11 अक्टूबर को पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग, समाज कल्याण विभाग, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग, राजस्व विभाग शामिल होंगे, 12 अक्टूबर को युवा सेवा व खेल विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, इंडस्ट्री और कामर्स विभाग, संसदीय मामलों का विभाग, वन विभाग शामिल होंगे।
13 अक्टूबर को योजना विकास और निगरानी विभाग, जल शक्ति विभाग, जल शक्ति सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग, लोक निर्माण विभाग, 17 अक्टूबर को कृषि विभाग, फ्लोरीकल्चर विभाग, बागवानी विभाग, पशुपालन और भेड़ पालन विभाग, मत्सय पालन विभाग शामिल होंगे। इसके अलावा 20 अक्टूबर को वित्त विभाग, सामान्य प्रशासनिक विभाग, आवास एवं शहरी विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग शामिल होंगे, 21 अक्टूबर को बिजली विकास विभाग, शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, आपदा प्रबंधन राहत पुनर्वास और पुनर्निर्माण और गृह विभाग शामिल होंगे।
बताते चलें कि वित्त विभाग अक्टूबर महीने में बजट प्रस्ताव पर विचार-विमर्श कर लेगा। यह चर्चा संबंधित विभागों के साथ होगी। उसके बाद वित्त विभाग की अपनी बैठकें होगी। उसके बाद बजट प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। वित्त विभाग बजट को अंतिम रूप देने से पहले समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करता है।