मेंढर के कई गांवों में डायरिया फैला, करीब 100 लोग बीमार, डाक्टरों की एक टीम गठित Poonch News
डायरिया ग्रस्त गांवों के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है। वह मौजूदा स्थिति और वास्तविक प्रकोप के कारणों का आकलन करने के लिए गांवों का दौरा करेगी।
पुंछ, जेएनएन। पुंछ जिले की मेंढर तहसील के कई गांवों में डायरिया के प्रकोप के कारण कम से कम 100 लोग बीमार हो गए हैं। गोहलद, हरनी, अरी, कलाबान बालकोट और धारणा गुरसाई में अचानक फैले डायरिया के बाद औरतों-बच्चों में दस्त, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत बढ़ गई जिसके बाद उपजिला अस्पताल मेंढर में इलाज के लिए लोगों का तांता लग गया। अभी भी मरीजों का पहुंचना जारी है। डायरिया के फैल रहे इस प्रकोप के बाद तहसील में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। वहीं जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र राहत कार्य शुरू करने, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ लोगों को इस बारे में जागरूक करने की मुहिम तेज कर दी है।
वहीं 30 बिस्तर क्षमता वाले उप जिला अस्पताल मेंढर में डायरिया के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देख स्वास्थ्य अधिकारियों की भी चिंता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अस्पताल में जगह न मिलने के कारण कई मरीजों को प्रांगण में लेटा गया है जबकि अधिकतर बिस्तर पर दो-दो मरीज लैटाए गए हैं।
तिमारदारों ने आरोप लगाया कि पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग की लापरवाही के कारण पिछले कई सालों से उक्त इलाके के लोग इस प्रकोप का सामना करते आ रहे हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी क्षेत्र में बिछाई गई टूटी पाइपों को बदला नहीं गया है। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। टूटी पाइपों से लगातार हो रहे गंदे पाने के रिसाव का ही नतीजा है कि तहसील में एक बार भी डायरिया ने दस्तक दी है। लोगों ने कहा कि नल द्वारा घरों में पहुंचने वाला पानी निवासियों के जीवन के लिए एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इस लापरवाही की जिम्मेदारी पूरी तरह से पीएचई विभाग पर है।
वहीं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, मेंढर डॉ प्रवेज अहमद खान ने कहा कि अभी तक उनके अस्पताल में 95 से अधिक मरीज दाखिल हो चुके हैं। ये सभी मरीज पेट रोग से संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज ज्यादातर गोहद, हरनी, अरी, कालाबन, बालकोट, धारणा गुरसाई और सब डिवीजन मेंढर के आस-पास के इलाकों के हैं। इस महामारी को रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को चौबीसों घंटे अस्पतालों और पीएचसी में उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।
चिकित्सा अधिकारी ने लोगों को नल एवं प्राकृतिक स्रोतों का पानी उबालने के बाद भी इस्तेमाल करने की सलाह दी है। खान ने कहा कि इस मौसम में हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आसपास साफ-सफाई रखने की सलाह भी दी गई है।
इस बीच एसडीएम मेंढर डॉ साहिल जंडियाल ने कहा कि डायरिया ग्रस्त गांवों के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है। वह मौजूदा स्थिति और वास्तविक प्रकोप के कारणों का आकलन करने के लिए गांवों का दौरा करेगी।
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