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जम्मू-कश्मीर के 10 और जिला अस्पतालों में होगी डायलिसेस की सुविधा, बीपीएल को मिलेगी मुफ्त

यह मशीनें नेशनल हेल्थ मिशन ने प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसेस योजना के तहत सभी जिला अस्पतालों में लगाई हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 11:32 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 11:32 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर के 10 और जिला अस्पतालों में होगी डायलिसेस की सुविधा, बीपीएल को मिलेगी मुफ्त

जम्मू, रोहित जंडियाल। किडनी के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। राज्य का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से सस्ते दरों पर इस साल 10 और जिला अस्पतालों में डायलिसेस की सुविधा शुरू करने जा रहा है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) मरीजों को निशुल्क सुविधा दी जाएगी, जबकि अन्य को मात्र 900 रुपये देने पड़ेंगे।

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अभी तक जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सिर्फ पांच अस्पतालों में ही डायलिसेस की सुविधा है। इसमें जम्मू संभाग में प्रोङ्क्षवशियल अस्पताल गांधीनगर, जिला अस्पताल राजौरी, जिला अस्पताल ऊधमपुर और कश्मीर संभाग में जेएलएनएम अस्पताल श्रीनगर और जिला अस्पताल बारामुला शामिल हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल कठुआ, लेह, पुलवामा व कारगिल में भी मशीनें लगा दी गई है। कुछ जगहों पर डायलिसेस हो भी रहा है, लेकिन अभी तक इनमें पूरी तरह काम शुरू नहीं हो पाया है। इसी साल जिला अस्पताल कुलगाम, डोडा, पुंछ व किश्तवाड़ में भी डायलिसेस की सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। इनके लिए मशीनें भी आ गई हैं, लेकिन अभी तक डायलिसेस यूनिट स्थापित नहीं हो पाया है। पिछले साल महाराष्ट्र की कंपनी फेयर फैक्स ने निशुल्क डायलिसेस मशीनें दी थी। यह मशीनें नेशनल हेल्थ मिशन ने प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसेस योजना के तहत सभी जिला अस्पतालों में लगाई हैं।

निजी अस्पतालों में ढाई से तीन हजार रुपये देने पड़ते हैं: एक मरीज को डायलिसेस के लिए 900 से 950 रुपये देने होंगे। गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को निशुल्क सुविधा मिलेगी। इस समय निजी अस्पतालों में एक बार डायलिसिस करवाने के लिए मरीजों को ढाई से तीन हजार रुपये देने पड़ते हैं, जबकि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक से डेढ़ हजार के बीच खर्च होता है। जम्मू के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों का भारी रश है। वहीं, जम्मू संभाग में श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, महर्षि दयानंद अस्पताल, जेके मेडिसिटी व बीएन चैरीटेबल अस्पताल में भी यह सुविधा है।

हर साल होते हैं हजारों डायलिसेस: जम्मू संभाग में डायलिसेस की सुविधा पहले सिर्फ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ही थी। हर साल इस अस्पताल में चार से पांच हजार मरीजों के डायलिसेस होते हैं। इससे मरीजों को कई बार इंतजार करना पड़ता है, लेकिन जिला अस्पतालों में डायलिसेस शुरू होने से सुपर स्पेशलिटी में मरीजों का दबाव कम होने की उम्मीद है। जिन पांच अस्पतालों में यह सुविधा शुरू हुई है, उनमें भी एक साल में करीब दो हजार मरीज डायलिसेस करवा चुके हैं। जिला अस्पताल बारामुला में 43 मरीजों के 1003 बार, जेएलएनएम अस्पताल श्रीनगर में 17 मरीजों के 550 बार, गांधीनगर अस्पताल में नौ मरीजों के 329 बार, जिला अस्पताल राजौरी में पांच मरीजों के 63 बार और जिला अस्पताल ऊधमपुर में तीन मरीजों के 49 बार डायलिसेस हो चुके हैं।

ब्लड बैंक नहीं होने से कई अस्पतालों में नहीं मिलेगी मरीजों को सुविधा

कई जिला अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव में डायलिसेस नहीं हो पाएगा। जम्मू संभाग के सांबा, रामबन व रियासी जिलों में फिलहाल डायलिसेस शुरू करने की कोई योजना नहीं है। इन अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं हैं। डायलिसेस के लिए ब्लड बैंक की सुविधा जरूरी है। इसके अलावा इन अस्पतालों में अभी जगह की कमी भी बनी हुई है। हाल ही में इन अस्पतालों को जिला अस्पतालों में अपग्रेड किया गया है। कश्मीर के कुछ जिला अस्पतालों में ब्लड बैंक की कमी के कारण डायलिसेस नहीं हो पाता है। 


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