ढांगरी आतंकी हमले को लेकर NIA का एक्शन, पांच आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल; लश्कर-ए-तैयबा के तीन हैंडलर भी शामिल
Dhangri Attack राजौरी के ढांगरी में आतंकी हमले को लेकर NIA ने पांच आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की। इनमें से तीन लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर भी हैं। पहली जनवरी 2023 को जिला राजौरी के ढांगरी में आतंकी हमले में चार ग्रामीण मारे गए थे और नौ अन्य जख्मी हो गए। आइईडी से हुए धमाके एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई और पांच अन्य जख्मी हो गए थे।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। Dhangri Attack 2023: ढांगरी, राजौरी नरसंहार मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने सोमवार को लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तान मे बैठे तीन हैंडलरों समेत पांच आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया। तीनों पाकिस्तानी आरोपित फरार हैं।
इनमें एक लश्कर -ए-तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट के प्रमुख हैंडलरों में शामिल सैफुल्लाह उर्फ सज्जाद जट्ट, उर्फ साजिद जट्ट उर्फ अली के अलावा अबु कातल उर्फ कातल सिंधी और मोहम्मद कासिम भी है।
NIA ने एक नाबालिग को भी पकड़ा
सैफुल्ला व अबु कातिल दोनों ही पाकिस्तानी हैं जबकि मोहम्मद कसिम जिला पुंछ का रहने वाला है और वर्ष 2002 से पाकिस्तान में है। अन्य दो आरोपित दो आरोपित निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और यह देानों ही जिला पुंछ में मेंढर के रहने वाले हैं। एनआइए ने इस मामले में एक नाबालिग को भी पकड़ा है, लेकिन उसके बारे में अंतिम रिपोर्ट ज्यूवेनाइल जस्टिस बोर्ड, राजौरी में जमा की जाएगी।
पहली जनवरी 2023 को हुआ था आतंकी हमला
पहली जनवरी 2023 को जिला राजौरी के ढांगरी में आतंकी हमले में चार ग्रामीण मारे गए थे और नौ अन्य जख्मी हो गए। वारदात को अंजाम देने के बाद आतंकियो ने फरार होने से पूर्व वहां एक आइईडी लगाई जो दो जनवरी को ब्लॉस्ट हुई। आइईडी से हुए धमाके एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई और पांच अन्य जख्मी हो गए थे। दो घायलों ने बाद मे अस्पताल में दम तोड़ा था। इन दोनों आतंकी कृत्यों में दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हुई है।
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ढांगरी नरसंहार की जांच का जिम्मा एनआइए को सौंपा गया। एनआइए ने अपने आरोपपत्र में बताया है कि सैफुल्ला ,अबु कातिल और मोहम्मद कासिम ने जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों को विशेषकर गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों केा निशाना बनाने के लिए एक षडयंत्र रचा। इस षडयंत्र को पूरा करने के लिए उन्होंने आतंकियों का एक दल तैयार कर उसे जम्मू कश्मीर में भेजा और उन्होंने ढांगरी में नरसंहार किया।
अबु कातिल 2002-03 में आतंकी गतिविधियों में था शामिल
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि सैफुल्ला उर्फ सज्जाद जट्ट उर्फ लंगड़ा उर्फ हबीबुल्ला लश्कर ए तैयबा के प्रमख कमांडरों में एक है। उसने ही अबु कातिल और मोहम्मद कासिम के साथ मिलकर ढांगरी नरसंहार का षडयंत्र रचा था। अबु कातिल वर्ष 2002-03 के दौरान राजौरी-पुंछ में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था।
सुरक्षाबलों का जब दबाव बड़ा तो वह अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्तान लौट गया था। मोहम्मद कासिल जिला पुंछ का रहने वाला एक पुराना आतंकी है जो वर्ष 2002 में पाकिस्तान गया था और उसके बाद वह वही से अपने नेटवर्क के जरिए राजौरी पुंछ में आतंकी गतिविधियों में को अंजाम दे रहा है।
लश्कर ए तैयबा के पुराने ओवरग्राउंड वर्कर हैं दोनों
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपत्र में शामिल दो अन्य आरोपित निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा, दोनों ही लश्कर ए तैयबा के पुराने ओवरग्राउंड वर्कर हैं। यह दोनों जिला पुंछ में मोहढ़ा गुरसई मेंढर के रहने वाले हैं। इन दोनों को ढांगरी नरसंहार की जांच के दौरान मिले सुरागों के आधार पर पकड़ा गया।
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इन दोनों ने अपने एक नाबालिग साथी के साथ मिलकर ढांगरी नरसंहार में शामिल आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना और उनके खाने पीने की व्यवस्था के साथ अन्य साजो सामान भी उपलब्ध कराया। यह अबु कातिल के साथ लगातार संपर्क में थे। इन्होंने ढांगरी नरसंहार के तीन माह बाद तक आतंकियों की मदद की। इन्होंने पाकिस्तान में बैठे लश्कर ए तैयबा के हैंडलरों के साथ अपने संबंधों और बातचीत के सभी सुबूत मिटाने के लिए अपने मोबाइल फोन भी नष्ट करने का प्रयास किया।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि निसार और अबु कातिल में वर्ष 2002 से दोस्ती है7 अबु कातिल उन दिनों राजौरी पुंछ में सक्रिय था। पाकिस्तान लौटने के बाद भी वह निसार के साथ संपर्क में रहा और निसार उसके कहने पर राजौरी पुंछ में सक्रिय लश्कर ए तैयबा के आतंकियों की मदद करता है।

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