हंदवाड़ा मुठभेड़ पर बोले डीजीपी, कहा- कायर आतंकियों ने नागरिकों को ढाल बनाकर किया था हमला
दिलबाग सिंह ने कहा कि हमने हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए अपने सिक्याेरिटी ग्रिड में आवश्यक बदलाव किए हैं। आतंकरोधी अभियानों काे और तेज किया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि हंदवाड़ा हमलों ने साबित कर दिया है कि आतंकी और उनके आका कोविड-19 के बावजूद जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने की अपनी साजिशों से बाज नहीं आएंगे। आतंकियों से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराना ही हमारा लक्ष्य है। हमारे आतंकरोधी अभियान लगातार जारी रहेंगे। हंदवाड़ा की घटनाओं ने आतकवाद के समूल नाश के प्रति सुरक्षाबलों के संकल्प को और मजबूत बनाया है।
आज यहां हुमहामा स्थित सीआरपीएफ केंद्र में हंदवाड़ा के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि कोविड-19 से पैदा हालात का हम किसी को फायदा नहीं उठाने देंगे। काजीबाद, हंदवाड़ा में सोमवार की शाम को आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तीन सीआरपीएफ कर्मी शहीद, जबकि एक विशेष दिव्यांग किशोर की गोली लगने से मौत हो गई।
निर्दोष लोगों को ढाल बनाकर आतंकियों ने किया हमला: डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सोमवार को आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को ढाल बनाकर सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया। सीआरपीएफ के जवान जब नाका लगा रहे थे, उसी समय एक निकटवर्ती बाग जो सड़क के साथ है, में जवानों ने कुछ नागरिकों को आते देखा। जवानों ने उन्हें रूकने के लिए कहा। इन लोगों के पीछे स्वचालित हथियारों से लैस आतंकी थे। आतंकियों ने नागरिकों को ढाल बनाकर फायरिंग की। इसलिए सुरक्षाबलों को नुकसान उठाना पड़ा। अगर सुरक्षाबल नागरिकों की सुरक्षा काे नजरंदाज करते हुए वे कार्रवाई करते तो कई मासूम लोगों की जानें जाती। इसके बावजूद जवानों ने बहादुरी से आतंकियों को जवाब दिया। आतंकियों की फायरिंग के दौरान एक विशेष दिव्यांग किशोर भाग नहीं पाया और क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई।
सिक्योरिटी ग्रिड में किए गए आवश्यक बदलाव: दिलबाग सिंह ने कहा कि हमने हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए अपने सिक्याेरिटी ग्रिड में आवश्यक बदलाव किए हैं। आतंकरोधी अभियानों काे और तेज किया है। बारामुला को आतंकवाद से मुक्त जिला करार दिए जाने के बावजूद होने वाली आतंकी घटनाओं के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर डीजीपी ने कहा कि इस जिले में कोई सक्रिय स्थानीय आतंकी नहीं था, लेकिन घुसपैठ के बाद कुछ आतंकी इस इलाके में आए हैं। इनमें से कुछ सोपोर में सक्रिय हैं, लेकिन यह सभी हमारे रडार पर हैं।
तीन दिन से आतंकियों का किया जा रहा था पीछा: छंजमुला मुठभेड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों का लगातार तीन दिनों तक पीछा किया गया। शनिवार को उन्हें एक मकान में घेरा गया। दुर्भाग्यवश हमें इस अभियान में दो सैन्याधिकारी, दो सैनिक और पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर गंवाने पड़े। यह पांचों शहीद इन आतंकियों का लगातार पीछा कर रहे थे। खैर, कई बार आतंकरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। सुरक्षाबलों को जहां भी आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलती है, वहीं पर तलाशी अभियान चलाया जाता है। हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों पर हमला करने वाले आतंकियों की लगातार तलाश की जा रही है। सुरक्षाबलों का मनोबल बहुत ऊंचा है। बीते तीन चार महीने के दौरान लगभग 60 आतंकी मारे जा चुके हैं।
हर चुनौती का सामना करने को तैयार पुलिस: कोविड-19 के कारण प्रदेश में पैदा हुए हालात में पुलिस संगठन को पेश आ रही विभिन्न चुनौतियों संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इस महामारी के खिलाफ काम कर रही है। पुलिसकर्मी सड़क-गली-बाजारों में लॉकडाउन को प्रभावी बना रहे हैं। कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग, संक्रमितों के संपर्क में आए लाेगों का पता लगाने, कानून व्यवस्था बनाए रखने, लाेगों को राहत पहुंचाने समेत विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस आतंकरोधी अभियानों को भी निरंतर चला रही है।