Amarnath Yatra 2020: बाबा अमरनाथजी की पवित्र छड़ी मुबारक का कल दर्शन करेंगे श्रद्धालु
महंत दीपेंद्र गिरि ने समस्त जनसमुदाय से कोरोना को हराने में प्रशासन का हर संभव सहयोग करने का आग्रह किया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : भगवान अमरेश्वर (बाबा अमरनाथजी) के श्रद्धालु वीरवार को पवित्र छड़ी मुबारक के दर्शन कर सकेंगे। 23 जुलाई को दशनामी अखाड़ा अमरेश्वर धाम मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना और ध्वजारोहण होगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को छड़ी मुबारक के दर्शन की अनुमति दे दी जाएगी। इसके पहले पवित्र छड़ी मुबारक ने मंगलवार को श्रीनगर शहर के डाउन टाउन में हारी पर्वत पर स्थित मां शारिका भवानी की पूजा की। मां शारिका को श्रीनगर के इष्ट देवी और देवी पार्वती का भी स्वरूप माना जाता है। मां शारिका यहां एक विशाल शिला के रूप में विराजमान हैं। उन्हें त्रिपूरसुंदरी नाम से भी पुकारा जाता है।
दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में संत-महात्माओं का छोटा जत्था सुबह पवित्र छड़ी मुबारक लेकर मां शारिका के दरबार में पहुंचा। महंत दीपेंद्र गिरि ही पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक हैं। करीब सवा घंटे तक यहां वैदिक मंत्रो'चारण के साथ पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद पवित्र छड़ी मुबारक अपने विश्राम स्थल दशनामी अखाड़ा लौट आई। पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करने से पहले श्रावण शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन पवित्र छड़ी मुबारक द्वारा मां शारिका की पूजा अर्चना करने का विधान है।
25 जुलाई को पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी: पवित्र छड़ी मुबारक 25 जुलाई को यह श्रीनगर से पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगी। यह पहलगाम, चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी में सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते हुए तीन अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की सुबह पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी। पवित्र गुफा में हिमङ्क्षलग स्वरूप भगवान शिव की आराधना के बाद छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा लौट आएगी। इसी के साथ इस साल की तीर्थयात्रा का विधान भी संपन्न माना जाएगा।
कोरोना को हराने में प्रशासन का करें सहयोग: महंत
महंत दीपेंद्र गिरि ने समस्त जनसमुदाय से कोरोना को हराने में प्रशासन का हर संभव सहयोग करने का आग्रह किया है। मां शारिका भवानी के दरबार में पूजा अर्चना के बाद पत्रकारों से एक संक्षिप्त बातचीत में महंत ने कहा कि इस वर्ष कोविड-19 का संकट पूरी दुनिया पर बना हुआ है। इसका असर श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा पर भी हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस एक अज्ञात दुश्मन है, जिसका हमें सिर्फ नाम पता है, प्रकृति नहीं। इसलिए पूरी सावधानी की जरूरत है। डॉक्टर भी कह रहे हैंं कि यह लगातार बदल रहा है और कब कहां से हमला करेगा, कोई निश्चित नहीं है। इसे हराने के लिए मास्क, शारीरिक दूरी और हाथों की साफ-सफाई ही कारगर हथियार हैं।