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धार्मिक स्थलों पर माथा टैक की नववर्ष की शुरूआत

मौसम सर्द होने के बावजूद श्रद्धालु तड़के तीन बजे के करीब ही वर्ष 2019 की शुरुआत मां भगवती के दर्शनों के साथ करने की इच्छा के साथ बावे पहुंच गए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 05:02 PM (IST)
धार्मिक स्थलों पर माथा टैक की नववर्ष की शुरूआत
धार्मिक स्थलों पर माथा टैक की नववर्ष की शुरूआत

जम्मू, जेएनएन: नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद के साथ करने की इच्छा रखने वाले भक्तों का तांता तड़के ही मंदिरों, गुरुद्वारों व चर्च में लगना शुरू हो गया था। मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्च व मस्जिदों में भक्ति का यह माहौल दिनभर देखने को मिला। यही नहीं, नववर्ष पर गुरुओं का आशीर्वाद लेने के लिए आश्रमों में भी भक्तों का तांता रहा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गुरु के चरणों का आशीर्वाद लेकर नए साल उनके लिए शुभ रहे, ऐसा आशीर्वाद प्राप्त किया। धार्मिक सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

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बावे वाली माता मंदिर में जय माता दी के जय घोष के साथ मां भगवती के दर्शनों के लिए घंटों कतारों में खड़े श्रद्धालु कामना करते हुए नजर आए कि नया साल उनके लिए ही नहीं, बल्कि समस्त राज्य वासियों के लिए खुशहाली व समृद्धि लेकर आए। इसी इच्छा के साथ सिख समुदाय के लोगों जिनमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे, ने भी गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेका। वहीं, चर्च व मस्जिदों में भी नववर्ष पर विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। मौसम सर्द होने के बावजूद श्रद्धालु तड़के तीन बजे के करीब ही वर्ष 2019 की शुरुआत मां भगवती के दर्शनों के साथ करने की इच्छा के साथ बावे पहुंच गए थे।

जैसे-जैसे सूरज की रोशनी ने अंधेरे को दूर किया श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ने लगी। आस्था में लीन लोग घंटों कतारों में खड़े होकर जय माता दी के जयघोष लगातार लगा रहे थे। आस्था का आलम यह था कि शाम तक श्रद्धालुओं की संख्या इतनी बढ़ गई कि दर्शनों के लिए कतारें पार्किंग तक पहुंच गई। ऐसा ही नजारा महामाया मंदिर, चीची माता मंदिर, कोल कंडोली माता मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी देखने को मिला।

इस बीच, सिख समुदाय ने गुरुद्वारे जाकर गुरु घर का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर कई गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं के लिए लंगर भी आयोजित किए गए थे। काफी संख्या में पुरुष, महिलाओं व बच्चों ने दरबार में हाजरी देकर गुरु से सुख-शांति की कामना की। वहीं, शाम के समय चर्च में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गई जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी नमाज के दौरान अल्लाह से राज्य की शांति के लिए दुआ की।

सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम

बस स्टेंड ग्रेनेड हमले और रतनोचक्क आतंकी हमले के प्रयास के बाद शहर में जारी हाई अलर्ट जारी है। ऐसे में धार्मिक स्थलों पर लोगों की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के ही नहीं बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए भी विशेष प्रबंध कर रखे थे। प्राचीन बावे वाला मंदिर, महामाया देवी मंदिर में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी व जवान भी धार्मिक स्थलों पर जाम की स्थिति पैदा न हो इसको लेकर मौके पर मौजूद थे। केवल बावे वाली मंदिर ही नहीं सुरक्षा बंदोबस्त को पुख्ता बनाए रखने के लिए पुलिस ने शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में पुलिस तथा अ‌द्धसैनिक बलों की तैनाती कर रखी थी।

श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ बावे वाली माता के मंदिर में रहती है, यही वजह थी कि यहां जवानों की तैनाती एक दिन पहले ही कर दी गई थी। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण पुलिस को दर्शन व्यवस्था बनाए रखने में परेशानी हुई परंतु आस्था को ध्यान में रखकर जवान काम कर रहे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ का फायदा उठा शरारती तत्व किसी प्रकार की वारदात को अंजाम न दे पाए इसके लिए मंदिर के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे।

बावे वाली माता मंदिर में संयुक्त कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। जिनमें पुलिस तथा मंदिर प्रबंधन के सदस्य संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। मंदिर में प्रवेश करने वाले हरेक श्रद्धालु मेटल डिटेक्टर से होकर गुजर रहा था। किसी प्रकार की भगदड़ न मचे इसके लिए श्रद्धालुओं को कतारों में खड़ा किया गया था। बावे वाली माता मंदिर के अलावा महामाया मंदिर, कौल कंडोली माता नगरोटा, महा लक्ष्मी मंदिर पक्काडंगा, रघुनाथ जी मंदिर, रणबीरेश्वर मंदिर में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे। यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए थे लंगर

बावे वाली माता मंदिर, महामाया मंदिर, कोल कंडोली माता मंदिर में नववर्ष पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई थी। मंदिर प्रबंधन कमेटी के अलावा कई धर्मप्रेमी लोगों ने विभिन्न व्यंजनों के लंगर लगाए हुए थे। वहीं, माता के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं ने इन लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। लंगर में प्रसाद पाने के लिए भी लोगों को कतारों में खड़ा होना पड़ा। लंगर में आलू-पूरी, चना-पूरी और राजमा चावल का प्रसाद दिया जा रहा था।


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