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ऊधमपुर जिला के विकास के लिए 184.20 करोड़ रुपये के विकास प्लान को मंजूरी

ऊधमपुर जिला विकास बोर्ड की बैठक सोमवार को बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 184.20 करोड़ रुपये के विकास प्लान को मंजूरी दी गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 01:06 PM (IST)
ऊधमपुर जिला के विकास के लिए 184.20 करोड़ रुपये के विकास प्लान को मंजूरी
ऊधमपुर जिला के विकास के लिए 184.20 करोड़ रुपये के विकास प्लान को मंजूरी

 ऊधमपुर, जागरण संवाददाता। ऊधमपुर जिला विकास बोर्ड की बैठक सोमवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री राजीव जसरोटिया की अध्यक्षता में डीसी कार्यालय परिसर स्थित कांफ्रेंस हॉल में हुई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 184.20 करोड़ रुपये के विकास प्लान को मंजूरी दी गई।

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हालांकि प्लान 183.70 करोड़ रुपये का था, इसमें डीसी को मिलने वाले 50 लाख रुपये के फंड को शामिल किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए चेयरमैन राजीव जसरोटिया ने अधिकारियों को पारदर्शिता व समयबद्ध तरीके से कार्यों का समापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिला विकास आयुक्त उधमपुर को विभिन्न जनकल्याण योजनाओं की प्रगति जांचने के लिए नियमित रूप से विभागों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करने तथा नियमित रूप से जिला में औचक दौरे कर काम की गुणवत्ता व अनुशासन जांचने के निर्देश दिए।

उन्होंने विभिन्न बोर्डों के वाइस चेयरमैनों व विधायकों को लोगों की समस्याओं को समय पर हल करने का आश्वासन दिया एवं पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने उनको चरणबद्ध तरीके से लोगों की मांगों और समस्याओं को हल करने में विधायकों व बोर्डों के वाइस चेयरमैनों को हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने विकास योजनाओं को तैयार करते समय जन प्रतिनिधियों की जरूरतों को ध्यान में रखने व उनको विश्वास में लेकर योजना को अंतिम रूप देने को कहा।

जसरोटिया ने कहा कि डीडीबी बैठकों की गंभीरता का स्तर क्षेत्र में तब दिखाई देता है जब बैठक में लिए फैसले क्षेत्र में मूर्त रूप लेते हैं। उन्होंने कहा कि चर्चा और परामर्श सुशासन की पहचान है। विकास कार्यों की निरंतर समीक्षा निर्धारित लक्ष्यों की उपलब्धि में मील का पत्थर होती है।

बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र ने डीडीसी को 170.54 करोड़ रुपये से मंजूर हुए देविका परियोजना के नियमित फॉलोअप के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। वहीं राज्यमंत्री अजय नंदा ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र से मोंगरी डिग्री कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के साथ डिग्री कॉलेज शुरू करने की मांग की। सोमवार सुबह हुई इस बैठक में पीएमओ में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र, राज्यमंत्री अजय नंदा, जम्मू-कश्मीर राज्य किसान विकास सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन दलजीत चिब, जम्मू-कश्मीर पहाड़ी भाषीय सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन कुलदीप राज गुप्ता, जम्मू-कश्मीर राज्य गुज्जर-बक्करवाल विकास सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन गुलजार अहमद खटाना, जम्मू-कश्मीर राज्य ओबीसी कल्याण एवं विकास सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन रशपाल वर्मा, विधायक ऊधमपुर पवन कुमार गुप्ता, विधायक चिनैनी दीना नाथ भगत, विधायक रामनगर आरएस पठानिया, डीसी ऊधमपुर र¨वद्र कुमार के अलावा विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।

विधायकों ने रखीं मांगें

जिला विकास बोर्ड की बैठक में ऊधमपुर, चनैनी और रामनगर के विधायकों ने अपनी मांगें रखी। जिसमें थियाल से चौंतरा माता रोड, पदारका से छतरैड़ी रोड, जखैनी से लोअर बली वाया शारदा माता रोड बनाने, नाबार्ड के तहत कैंथ गली-भामाग रोड पर तारकोल बिछाने, ओसु कैरा से पखलाई तक सड़क बनाने, आवास से जुड़ने के लिए तोलड़ी नाला पुल से लोगों के घरों तक सड़क बनाने, 22 संपर्क मार्गों को अपग्रेड करने, सभी नई स्वीकृत सरकारी इमारतों और अन्य आवासीय भवनों में वर्षा जल संचयन संरचनाओं के प्रावधान करने, सियामैरी पुल के आसपास के घरों तक सड़क बनाने, केआ पुल का निर्माण करने, मौजूदा ओमाड़ा सर्कुलर रोड से धार रोड नई सर्कुलर रोड की डीपीआर बनाने व ऊधमपुर में रिंग रोड बनाने के लिए डीपीआर तैयार करने, कैंथ गली से क्रिमची लांदर संबल गंडला को जोड़ते हुए संपर्क मार्ग बनाने, जिला अस्पताल ऊधमपुर के पास ग्रिड रिसी¨वग स्टेशन का शिफ्ट करने, वैकल्पिक संपर्क के लिए थिल रौं से बट्टल तक सड़क बनाने, संगूर में मनोरंजन पार्क की चेन ¨लक फें¨सग करने, एसटीएफ के तहत जिला मुख्यालय में ईओसी पूरा करने की मांग की।

इससे पहले, जिला विकास आयुक्त ऊधमपुर र¨वद्र कुमार ने जिला केपएक्स बजट 2017-18 के तहत समाज कल्याण और कृषि विभाग, पीएचई, पीडीडी, पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, शिक्षा और स्वास्थ्य, ¨सचाई जैसे विभिन्न विभागों की उपलब्धियां और प्रगति का विस्तृत ब्योरा पेश किया। उन्होंने बताया कि कई विभागों ने 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है, मगर कुछ विभाग संबंधित परियोजनाओं की कुछ बाधाओं के कारण पीछे हैं। 


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