Move to Jagran APP

Jammu: पहले बेवजह नया टोल प्लाजा खोला, अब फास्टैग का झंझट - घंटों जाम में फंस रहे लोग

विनीत चौधरी का आरोप है कि नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया और उनके ठेकेदारों के बीच मिलीभगत के कारण आम जनता दरबदर होकर रह गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 02:01 PM (IST)
Jammu: पहले बेवजह नया टोल प्लाजा खोला, अब फास्टैग का झंझट - घंटों जाम में फंस रहे लोग

जम्मू, अवधेश चौहान। जम्मू श्रीनगर टोल प्लाजा पर दिन भर लगने वाले ट्रैफिक जाम में फंसने वाले लोग नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएएचआइए) के ठेकेदारों की मिलीभगत के बीच पिस कर रह गए हैं। फास्टैग को लेकर टोल प्लाजा के ठेकेदार रुपया कमाने में ज्यादा और देश भर से आने वाले पर्यटकों को रास्ता देने में कम विश्वास दिखा रहे हैं।

loksabha election banner

आलम यह है कि जब से जम्मू कश्मीर में 14 जनवरी से फास्टैग को लागू किया है, तब से हाईवे पर वाहन सरपट दौड़ने के बजाय घंटों जाम में फंस कर रह जाते हैं। सबसे ज्यादा समस्या माता वैष्णो देवी के दर्शन और कश्मीर घाटी में आने वाले पर्यटकों को पेश आर रही है, जिन्होंने अपने टूर के समय को निर्धारित किया है। रोजाना ऊधमपुर से जम्मू में नौकरी के लिए आने जाने वाले स्थानीय लोग भी टोल प्लाजा के ठेकेदरों की बेरुखी से दरबदर होकर रह गए हैं। जम्मू के रहने वाले राकेश गुप्ता का कहना है कि बिजनेस की वजह से उन्हें हफ्ते में तीन दिन ऊधमपुर जाना पड़ता है, लेकिन टोल प्लाजा पर ठेकेदारों के कुप्रंधन के कारण उन्हें घंटों जाम में फंसना पड़ता है।

विनीत चौधरी का आरोप है कि नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया और उनके ठेकेदारों के बीच मिलीभगत के कारण आम जनता दरबदर होकर रह गई है। रोहित खोसला का कहना है कि फास्टैग सुविधा लेने के बाद यह सोचा था कि टोल प्लाजा से गुजरने पर पर्ची कटाने के झंझट से बच जाएंगे, लेकिन उल्टा इससे जाम में फंसना पड़ता है। हाईवे अथारिटी की तरफ से समस्या का समाधान करवाने के आश्ववासन के बाद भी कुछ नहीं किया गया। एक तरफ तो उप राज्यपाल प्रशासन राज्य में पर्यटक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के साथ मिलकर कई योजनाएं बना रही हैं, दूसरी तरफ यदि राज्य के टोल प्लाजाओं पर यही हाल रहा तो ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण सैलानी गर्मियों में कश्मीर आने से पहले दो बार सोचेंगे।

टोल प्लाजा पर फास्टटैग सुविधा ट्रैक से उतरी

फास्टटैग सुविधा बन टोल प्लाजा पर कुप्रबंधन में बदल कर रह गई है। विडंबना यह है कि हाईवे के ठेकेदार फास्ट टैग के नाम पर रुपया कमाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। अगर फास्ट टैग की सभी वाहन चालक सुविधा ले लेते हैं तो उन्हें 24 घंटों के लिए एकमुश्त 200 रुपये टैक्स की कमाई होगी। जिन वाहन चालको ने फास्ट टैग की सुविधा नहीं ली है, उनसे ठेकेदारों को 24 घंटों के सफर में दोगुनी कमाई हो रही है। ठेकेदार भी चाहते हैं कि कैश के आधार पर पर्ची कटती रहे। यात्रियों से 24 घंटों में 200 रुपयों के बजाए 270 रुपये कमाने में जाम भी लग जाए तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं।

फास्टैग राहत नहीं बन चुकी है झंझट

सरोर में सरकार ने जब नया टोल प्लाजा खोल तभी लोग इसके खिलाफ हो गए थे। अब फास्टैग के बाद यह उनके लिए नया झंझट पैदा हो गया है। टोला प्लाजा स्थापित होने के बाद से अब तक इसको हटाने की मांग चल ही रही है। यह टोल प्लाजा राजनीतिक का केंद्र बिंदु भी बना। विपक्षी दल तो इसका विरोध करते हुए सरकार की खिंचाई करते ही रहे, स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए भाजपा नेता भी सुर में सुर मिला रहे थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने विरोध किया, लेकिन टोल प्लाजा हटा नहीं। पिछले दिनों यहां टैक्स वसूलने को लेकर टोल प्लाजा कर्मचारियों का वाहन चालक से मारपीट भी हुई थी। यहां सुविधा कुछ नहीं बस पैसा बनाया जा रहा है। जाम की समस्या जस की जस है।

  • टोल प्लाजा में ट्रैफिक जाम को लेकर यदि लोगों को दिक्कतें आ रही हैं तो मैं इस बारे में ठेकेदारों से बात करूंगा। जहां तक संभव होगा समस्या का जल्द समाधान करवाया जाएगा। जनता को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। - हेमराज, जम्मू कश्मीर हेड, एनएचएआइ

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.