क्वारंटाइन सेंटरों की व्यथा भी सुनें महामहिम
जागरण संवाददाता जम्मू शहर के कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती मरीज कोरोना संक्रमण से कम बि
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर के कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती मरीज कोरोना संक्रमण से कम, बल्कि अस्पताल के वार्डो की बदहाल स्थिति से ज्यादा डरे हुए हैं। क्वारंटाइन केंद्रों में सफाई व्यवस्था चौपट है, इलाज के नाम पर खानापूर्ति हो रही है और कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दिशा निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों की तरफ ध्यान दिलाने के लिए गांधीनगर के गोल मार्केट में एक सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कोहली अपने दोनों हाथों में प्ले कार्ड लेकर सड़क पर आया, तो उसने वहां सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इन प्ले कार्ड पर लिखा हुआ था कि एलजी साहब कृपया क्वारंटाइन केंद्रों का भी दौरा कीजिए।
उसका कहना था कि जम्मू का सीडी अस्पताल हो या फिर जम्मू मेडिकल कॉलेज अस्पताल का आइसोलेशन वार्ड, कहने को तो यह कोविड-19 अस्पताल है, लेकिन अव्यवस्था का आलम ऐसा है कि पैरा मैडिकल स्टाफ जिनमें डाक्टर भी शामिल है, खुद को कोरोना संक्रमण से नहीं बचा पाए। बीते कुछ दिनों में मेडिकल कॉलेज जम्मू में 16 मेडिकोज, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं, कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए। मेडिकल कॉलेज में बने आइसोलेशन वार्ड में कोरोना लक्षण वाले करीब 50 से 60 मरीज हैं। मरीजों का आरोप है कि कोविड अस्पतालों में कोई सीनियर डॉक्टर देखने को नहीं आता। केवल पीजी करने वाले स्टूडेंट्स को ही चेकअप के लिए भेजा जा रहा है।
सीडी अस्पताल के शौचालय में दरवाजे तक नहीं
कोहली का कहना था कि सीडी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का आरोप है कि वार्ड सात में कुल 18 मरीज हैं, जहां दो वॉशरूम तो हैं, लेकिन उनके दरवाजे तक नहीं है। इनमें गंदगी का ढेर लग जाता है। सीडी अस्पताल में बुधवार को एक मरीज तो वॉशरूम में फिसल गया। जब तक उसे कोई उठाने आता तबतक उसकी मौत हो चुकी थी। कोविड अस्पतालों में क्या चल रहा है, इसे जानने के लिए न तो मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल और न ही स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी अतुल डुल्लू अस्पतालों में जाएंगे, इसलिए जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से गुजारिश है कि वे यहां का दौरा कर हालात का जायजा लें। कोहली का कहना था कि शायद एलजी साहब के दौरे से हालात कुछ बेहतर हो पाएं, इसीलिए उसने यह कदम उठाया है।