दिलों की धड़कन बन रहा जम्मू यूनिवर्सिटी का तराना
यूट्यूब, ह्वाट्सएप के अलावा सोशल मीडिया पर यूनिवर्सिटी के इस कुलगीत को खूब पसंद किया जा रहा है।
जम्मू , [अशोक शर्मा ]। युवाओं को भविष्य के लिए प्रेरित करता जम्मू यूनिवर्सिटी का कुलगीत इन दिनों युवाओं को खूब लुभा रहा है। वायरल हुआ यह कुलगीत युवाओं में शिक्षा की लौ जगाने, सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दे रहा है। यूट्यूब, ह्वाट्सएप के अलावा सोशल मीडिया पर यूनिवर्सिटी के इस कुलगीत को खूब पसंद किया जा रहा है।
डोगरी में तैयार जम्मू यूनिवर्सिटी कुलगीत को संगीतकार एवं गीतकार बृज मोहन ने लिखा एवं कंपोज किया है। विख्यात गायिका सीमा अनिल सहगल, जीवन शर्मा और सोनाली डोगरा ने इसे आवाज दी है। वीडियोग्राफी मलूपसिंह ने की। तराना देश के विख्यात संतूरवादक पंडित शिव कुमार शर्मा की देखरेख में तैयार किया गया। इस तराने को तैयार करने की शुरुआत जम्मू यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. वरुण साहनी के कार्यकाल में हुई। कई कवियों ने जम्मू यूनिवर्सिटी तराना लिख कर भेजा। एक बार सभी तराने नामंजूर कर दिए गए। बाद में वाइस चांसलर प्रो. आरडी शर्मा के कार्यकाल में इसे अंतिम रूप दिया गया। अभी इसे रिलीज हुए कुछ दिन ही हुए हैं, लेकिन आज यह तराना युवाओं को खूब लुभा रहा है। जम्मू यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे विद्यार्थी तो पसंद कर ही रहे हैं, पास आउट विद्यार्थियों को भी यह कुलगीत खूब लुभा रहा है। दिल्ली में कार्यरत नीतिश अरोड़ा ने कहा कि हर विद्यार्थी को अपने विश्वविद्यालय पर गर्व होता है। वह भी अक्सर लोगों से अपने विश्वविद्यालय से करते थे। अब यह तराना दिखाते हुए विश्वविद्यालय से जुड़ी अपनी यादें तो साझा कर ही रहे हैं। कई अपने साथियों को वीडियो दिखाते हुए अपने विश्वविद्यालय के बारे में बताते हैं। देहरादून में काम कर रहे सहदेव सिंह जम्वाल ने कहा कि जिस दिन से जम्मू यूनिवर्सिटी का तराना यूट्यूब पर है, उस दिन से कई लोगों को यह तराना भेज रहा हूं। जब भी समय मिलता है, इस वीडियो को देखकर अपनी पुरानी यादें साझा हो जाती हैं।
पहचान बनेगा यह तराना :
जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आरडी शर्मा ने कहा कि हर विश्वविद्यालय का अपना कुलगीत होता है। जब सभी विश्वविद्यालयों के कुलगीत गूंजते थे और हमारा होता ही नहीं था, तो बुरा लगता था। हमने इस कुलगीत से जम्मू की तस्वीर उतारते हुए विभागों और हरियाली को भी दर्शाने का प्रयास किया है। लोग इस कुलगीत को पसंद कर रहे हैं। इसे पंडित शिव कुमार जी सानिध्य में तैयार करवाया गया है।
बृज मोहन ने लिखा और संगीतबद्ध किया
जम्मू यूनिवर्सिटी के इस कुलगीत को लिखने वाले एवं संगीतबद्ध करने वाले बृज मोहन जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी से संपादक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। राज्य के मान्यता प्राप्त संगीतकार हैं। उनके डोगरी के आठ कैसेट मार्केट में हैं। हिन्दी में चार कैसेट हैं। डीडी काशिर, डीडी श्रीनगर, डीडी जम्मू, डीडी जालंधर, से उनके संगीत निर्देशन में कई कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं। कई स्टेज नाटकों में संगीत दे चुके हैं। कई वृत्तचित्रों के लिए भी उनका संगीत चर्चा में रहा है। कई नाटकों एवं धारावाहिकों में भी उन्होंने संगीत दिया है।
वीडियोग्राफी ने छाप छोड़ी
वीडियो ग्राफी मलूप सिंह ने की है। मलूप लंबे अर्से से दूरदर्शन और कई चैनलों के लिए वीडियोग्राफी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह प्राजेक्ट मिलना उनके लिए गौरव की बात है। कई विभागों के लिए कार्य किया है लेकिन जम्मू यूनिवर्सिटी का कुलगीत तैयार कर बहुत प्रसन्नता हुई। लोग इस खूब पसंद कर रहे हैं।