Coronavirus: जम्मू-कश्मीर में 4 और मौतें, सांबा जिले में पहली मौत; आंकड़ा 164 पहुंचा
जीएमसी श्रीनगर में एसोसिएट प्रोफेसर डा. निसारउल हसन का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह से कश्मीर में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ने के साथ-साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है। शनिवार को 4 और मरीजों की मौत हो गई। इनमें जम्मू के बडी ब्राह्मणा का रहने वाला 55 साल का मरीज भी शामिल है। इसे मिलाकर अब तक मरने वालों का आंकड़ा 164 पहुंच गया है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 55 साल के मरीज की मौत हो गई। वह कैंसर से पीड़ित था। उसे मधुमेह की समस्या भी थी। इलाज के दौरान शनिवार दोपहर को उसकी मौत हो गई। सांबा जिले में यह पहली मौत है जबकि जम्मू संभाग में 16वीं मौत है। वहीं त्रेगाम कुपवाड़ा के रहने वाले 45 साल के मरीज की भी मौत भी हो गई। इससे पहले एक 77 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। उसे श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसे उच्च रक्तचाप के अलावा निमोनिया की समस्या भी थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गइ्र। वहीं देर रात को हकुरा अनंतनाग की रहने वाली 24 साल की महिला की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. नजीर चौधरी का कहना है कि महिला को तीन जुलाई को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसका सीजेरियन हुआ था। उसके बाद से ही महिला की हालत गंभीर बनी हुई थी। उसे उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियां थी। महिला ने देर रात को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 162 हो गई है।
इनमें सबसे अधिक 40 श्रीनगर में, 31 बारामुला, 18 कुलगाम, 15 शोपियां, 14 अनंतनाग, 11 बडगाम, 9 जम्मू, कुपवाड़ा 8, पुलवामा 5, बांडीपोरा 3, डोडा 2 और गांदरबल, पुंछ, ऊधमपुर, राजौरी तथा कठुआ में एक-एक मौत हुई है।
कश्मीर में हालात सामान्य नहीं: अब तक हुई मौतों में अधिकांश कश्मीर संभाग से ही हैं। इससे कश्मीर में विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि पहले ऐसे मरीजों की संख्या अधिक थी जिनमें लक्षण नहीं थे लेकिन अब अधिकांश मरीज लक्षण वाले आ रहे हैं। कश्मीर में फ्लू विशेषज्ञ और जीएमसी श्रीनगर में एसोसिएट प्रोफेसर डा. निसारउल हसन का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह से कश्मीर में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ने के साथ-साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है। यह पहली बार है कि निमोनिया से पीड़ित मरीज इतनी बड़ी संख्या में अस्पतालों में आ रहे हैंँ। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि वायरस में कुछ बदलाव आया है। इसके लिए उन्होंने जेनेटिक टेसट करवाने की सलाह दी।
चालीस में से 32 को निमोनिया: डा. निसार का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में चालीस मरीज आए हें और उनमें से 32 को निमोनिया की शिकायत थी। इन सभी को तुरंत आक्सीजन और वेंटीलेटर की जरूरत थी। जब से संक्रमण फैला हुआ है, तब से ऐसा पहली बार हुआ हे।