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सीमा पार मिला बाढ़ में बहे BSF जवान का शव, फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तान ने सौंपा

सीमांत क्षेत्र जोड़ा फार्म के पास स्थित सुरक्षा बल की पोस्ट जय किशन के पास तैनात वेस्ट बंगाल निवासी मोंडल की नाव पलट गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 05:13 PM (IST)
सीमा पार मिला बाढ़ में बहे BSF जवान का शव, फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तान ने सौंपा
सीमा पार मिला बाढ़ में बहे BSF जवान का शव, फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तान ने सौंपा

जम्मू, जेएनएन। जम्मू के आरएसपुरा में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ में बह गए सीमा सुरक्षा बल के सब इंस्पेक्टर परितोश मोंडल का शव पाकिस्तान में मिला। पाकिस्तानी रेंजर्स ने आरएसपुरा के आक्ट्राय पोस्ट पर फ्लैग मीटिंग में शहीद का पार्थिव शरीर भारतीय सीमा प्रहरियों को सौंपा। सीमा सुरक्षा बल की 36 वाहिनी के 54 वर्षीय सब इंस्पेक्टर परीतोश मोंडल के पार्थिव शरीर को वेस्ट बंगाल भेजा जाएगा।

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सब इंस्पेक्टर परीतोश मोंडल शनिवार देर रात को एेक नाले में नाव से पेट्रोलिंग के दौरान बाढ़ की चपेट में आ गए थे। सीमांत क्षेत्र जोड़ा फार्म के पास स्थित सुरक्षा बल की पोस्ट जय किशन के पास तैनात वेस्ट बंगाल निवासी मोंडल की नाव पलट गई थी। हरकत में आए सीमा प्रहरियों ने मोंडल के दो साथियों को तो ट्रेक्टर की सहायता से बचा लिया लेकिन मोंडल अंधेरे में बह गए। इसके बाद से उन्हें तलाशने की मुहिम जारी थी। यह सारा अभियान सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी रैंक के एक अधिकारी की देखरेख में चल रहा था।

वहीं भारतीय क्षेत्र के साथ पाकिस्तान क्षेत्र में लापता सीमा प्रहरी को तलाशने की मुहिम पिछले दो दिनों से जारी थी। मंगलवार सुबह भारतीय जवानों को पाकिस्तान की ओर से सूचना मिली कि सब इंस्पेक्टर का शव बरामद कर लिया गया है। दोपहर बाद आरएसपुरा की आक्ट्राय पोस्ट पर हुई फ्लैग मीटिंग के दौरान सब इंस्पेक्टर परितोश मोंडल के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी रेंजर से हासिल किया गया।

पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सीमा प्रहरियों के मंसूबे इस कदर बुलंद हैं कि बरसात के दिनों में बाढ़ के बावजूद घुसपैठ रोकने के लिए वाटर पेट्रोलिंग जारी रहती है। मोंडल ने ऐसे ही एक अभियान के दौरान दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए देश के लिए अपनी जान कुर्बान की। अकसर बाढ़ आने की स्थिति में पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी घुसपैठ करने के लिए जल मार्गों से आसान रास्ता तलाशते रहते हैं इसीलिए खराब मौसम में चौकसी के स्तर को दोगुना कर दिया जाता है। सीमांत क्षेत्रों में पानी बढ़ जाने के बाद फेंसिंग को भी नुकसान पहुंचता है।

ऐसे हालात में दुश्मन की कोशिश रहती है कि जलस्तर कम होते ही वे ऐसे स्थानों में क्षतिग्रस्त फेंसिंग से आसानी से घुसपैठ कर सकें। उनके इस मंसूबे को नाकाम बनाने के लिए नदी नालों के इलाकों में फेंसिंग को नुकसान पहुंचते ही अतिरिक्त कंटीली तार बिछाना एक आम प्रक्रिया है।


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