दाता राणपत देव स्थान पर उमड़ा भक्तों का सैलाब
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : दाता रणपत देव स्थान दाता तालाब में रविवार को सदोत्रा व चाड़क बिराद
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : दाता रणपत देव स्थान दाता तालाब में रविवार को सदोत्रा व चाड़क बिरादरी की वार्षिक मेल का आयोजन किया गया। इस मेल में देशभर से करीब सवा लाख श्रद्धालुओं ने देव स्थान पर पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद दाता जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। दाता जी के दरबार में दर्शन के लिए सुबह चार बजे से ही भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गई। जैसे-जैसे सूरज निकलता गया, भक्तों की तादाद में बढ़ोतरी होती गई। दाता रणपत देव स्थान कमेटी की ओर से भक्तों के लिए किए गए सुविधाजनक प्रबंधों का लोगों को भरपूर फायदा मिला।
भक्तजन पहले दाता जी के पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद दाता जी के दर्शन के लिए कतार में खड़े हो गए थे। उन्हें दाता दरबार तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। हालांकि कमेटी ने सभी के लिए कई सुविधाजनक बंदोबस्त किए थे, लेकिन भक्तों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। इसके लिए प्रशासन व पुलिस द्वारा काफी योगदान दिया गया। दाता तालाब में लोगों के लिए एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया था। दूरदराज से आए लोगों ने मन्नत अनुसार दाता दरबार में अपने बच्चों के मुंडन किए, जबकि विवाहित जोड़ों ने राकादो की रस्म को अदा करते हुए वहां पर रकादे लिए। जैसे-जैसे शाम होती गई, वैसे-वैसे दाता जी के भक्तजन दाता जी के पैतृक गांव वीरपुर के लिए रवाना हो गए, जहां पर रातभर दाता के चेलों ने जातर के माध्यम से अपनी हाजिरी दी। वहीं, जोगी लोगों ने भी कारकों के माध्यम से दाता जी के जीवन पर आधारित कथा को गाकर भक्तों को बताया कि किस कठिन परिस्थितियों में भी दाता जी ने एक सच्चे सरपंच होने का फर्ज निभाया था, और सच्चाई से बिल्कुल नहीं हटे। उन्होंने इंसाफ किया। हालांकि दुराचारी लोगों ने दाता जी की धोखे से हत्या कर दी, जिसका परिणाम उन्हें बहुत बुरी तरह से भुगतना पड़ा।
दाता कमेटी के प्रधान सुखदेव ¨सह ने बताया कि कमेटी द्वारा लोगों के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं। इस मौके पर सरकार के कई पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित हजारों लोगों ने दाता दरबार में हाजिरी लगाई। इस मौके पर बच्चों के लिए अलग से बाजार बनाया गया था। बच्चों के मनोरंजन के लिए यहां पर विशेष तौर पर खिलौना बाजार सजाया गया था, जहां पर बच्चों ने खूब मनोरंजन किया। बच्चों के लिए वहां झूले का बाजार भी लगाया गया था।