दरबार मूव: तीस अक्टूबर को श्रीनगर में बंद और नौ नवंबर को जम्मू में खुलेगा दरबार
श्रीनगर में सर्दियों के दौरान मिनी सचिवालय क्रियाशील रहेगा दरबार मूव के सभी अधिकारियों के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट अनिवार्य होगा ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दरबार (नागरिक सचिवालय) 30 अक्टूबर को सर्दियों के लिए बंद हो जाएगा और नौ नवंबर को शरदकालीन राजधानी जम्मू में बहाल होगा
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दरबार (नागरिक सचिवालय) 30 अक्टूबर को सर्दियों के लिए बंद हो जाएगा और नौ नवंबर को शरदकालीन राजधानी जम्मू में बहाल होगा। इसके बाद अगले छह माह तक जम्मू कश्मीर प्रदेश की राजधानी और शीर्ष प्रशासन जम्मू में ही रहेगा।
अलबत्ता, आम लोगों के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सर्दियों के दौरान मिनी सचिवालय क्रियाशील रहेगा। दरबार मूव में शामिल सभी अधिकारियों के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट भी अनिवार्य है। यह सभी फैसले बुधवार को मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए।संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने दरबार मूव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए नागरिक सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पांच कार्य दिवस वाले सभी कार्यालय श्रीनगर में 30 अक्टूबर को और सप्ताह में छह कार्य दिवस वाले कार्यालय 31 अक्टूबर को कार्यालय समय के समाप्त होने के साथ बंद हो जाएंगे। यह सभी कार्यालय नौ नवंबर को शरदकालीन राजधानी जम्मू में खुलेंगे।
अलबत्ता, अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में होने वाली विभिन्न छुट्टियों व तत्कालीन परिस्थितियों के आधार पर इसमें संशोधन हो सकता है।दरबार मूव में शामिल कर्मचारियों व अधिकारियों और सरकारी दस्तावेजों को जम्मू पहुंचाने के लिए 30-31 अक्टूबर और सात-आठ नवंबर को श्रीनगर से जम्मू के लिए एसआरटीसी की बसें, ट्रक व अन्य वाहन रवाना होंगे।
दरबार मूव के काफिले के दौरान जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात एकतरफा रहेगा। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे।मुख्य सचिव ने मंडलायुक्त जम्मू को दरबार मूव से संबंधित कर्मियां व रिकार्ड को श्रीनगर से जम्मू पहुंचाए जाने तक की पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा। उन्होंने बीकन व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को जम्मू-श्रीनगर हाईवे को पूरी तरह दुरुस्त रखने का निर्देश देते हुए कहा कि भूस्खलन और पस्सियों के गिरने से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला उपायुक्त रामबन एक आक्समिक योजना भी तैयार रखें।