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Dalai Lama Ladakh Tour: लद्दाख में दलाई लामा के स्वागत में लहराए गए तिब्बत के झंडे, चीन को लगेगी मिर्ची

दलाई लामा पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता से दो दिन पहले 15 जुलाई को लददख पहुंचे थे। वह चार साल बाद यहां पहुंचे हैं और 19 अगस्त तक रहेंगे। दलाई लामा के तिब्बतियों से मुलाकात पर चीन को मिर्ची लगना तय है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 01:26 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 09:09 PM (IST)
Dalai Lama Ladakh Tour: लद्दाख में दलाई लामा के स्वागत में लहराए गए तिब्बत के झंडे, चीन को लगेगी मिर्ची
एक माह के लद्दाख दौरे पर आए दलाई लामा रविवार को लेह में बसे तिब्बत के निवासियों से मिले।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : चीन के नाक-भौं सिकोडऩे को दरकिनार कर लद्दाख प्रवास के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने रविवार को लेह में बसे तिब्बतियों से आत्मीय मुलाकात की। तिब्बतियों ने उनके स्वागत में तिब्बत के झंडे लहराए और उनका जोरदार स्वागत किया। उनके दर्शन के लिए भारी भीड़ रही। दलाई लामा पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता से दो दिन पहले 15 जुलाई को लददख पहुंचे थे। वह चार साल बाद यहां पहुंचे हैं और 19 अगस्त तक रहेंगे। दलाई लामा के तिब्बतियों से मुलाकात पर चीन को मिर्ची लगना तय है।

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दलाई लामा का लद्दाख जाना चीन को हमेशा खटकता रहा है। इस पर उन्होंने गत 14 जुलाई को जम्मू में कहा था कि उनके दौरों को लेकर आपत्ति जताना चीन की पुरानी आदत है। चीन के निवासियों को इससे कोई आपत्ति नहीं है। चीन के कुछ कट्टरपंथी हमें अलगाववादी कहते हैं, लेकिन वहां के निवासियों को पता है कि हम तिब्बती और बौद्ध संस्कृति को बचाने की राह पर हैं। हम तिब्बत के लिए आजादी नहीं, सार्थक स्वयत्ता मांग रहे हैं।

87 वर्ष के दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु हैं। तिब्बत में चीन के अत्याचारों के बाद 1959 में उन्हें अपना देश छोडऩा पड़ा था। इसके बाद वह भारत आ गए थे। वह 63 वर्ष से भारत में रह रहे हैं। चीन के कट्टरपंथी दलाईलामा को अलगाववादी होने का आरोप लगाते हैं।

दलाई लामा रविवार को लेह के चोगलमसर में सोनमङ्क्षलग तिब्बत सेटेलमेंट पहुंचे। इसलिए उनसे आशीर्वाद लेने और दर्शन करने के लिए सुबह से ही तिब्बती लोगों की भारी भीड़ जमा थी। यहां कार्यक्रम में दलाई लामा ने तिब्बत सेटलमेंट के निवासियों को शांति, अहिंसा व मानवता का संदेश दिया। उन्होंने लद्दाख में सांप्रदायिक सौहार्द को बरकरार रखने के लिए क्षेत्र के निवासियों की सराहना की। इस मौके पर तिब्बत मूल के 6500 के करीब लोग मौजूद थे।

चोगलमसर में दलाई लामा का स्वागत करने वाले लद्दाख के सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के मुख्य प्रतिनिधि डुंडुप ताशी ने लद्दाख में अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट भी पेश की। सुबह करीब एक घंटे के इस कार्यक्रम में तिब्बतन सेटलमेंट के निवासियों ने तिब्बती संस्कृति के प्रतीक लोग नृत्य व गीत भी पेश किए। सोनमङ्क्षलग तिब्बत सेटेलमेंट विलेज स्कूल के विद्यार्थियों व चांगथांग इलाके में बसे तिब्बती खानाबदोशों ने भी कार्यक्रम पेश किया।

दलाई लामा के कार्यक्रम के दौरान सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर नौ बजे तक सोनमलिग तिब्बत सेटेलमेंट में निजी और सार्वजनिक वाहनों को क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं थी। लद्दाख पुलिस ने इस संबंध में पहले ही सलाह जारी कर दी थी। इस मौके पर लेह नागरिक व पुलिस प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

सिंधु घाट पर फहराया था तिरंगा : तिब्बत सेंटलमेंट में कार्यक्रम से पहले दलाई लामा ने पांच अगस्त को लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने की तीसरी वर्षगांठ पर लेह के सिंधु नदी घाट में तिरंगा फहराने के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में दलाई लामा को विश्व शांति, मानव कल्याण, अन्य क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए स्पालियम तुस्तम अवार्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया।


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