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International Yoga Day 2019: सियाचीन की बर्फीली चोटियों से लेकर जम्मू के मैदानी इलाकों में दिखा योग का जोश Jammu News

दैनिक जागरण की आेर से पॉम आईलैंड में योग कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने योग तो किया ही योग से जुड़ी जानकारी भी एक दूसरे से सांझा की।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 11:34 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 02:27 PM (IST)
International Yoga Day 2019: सियाचीन की बर्फीली चोटियों से लेकर जम्मू के मैदानी इलाकों में दिखा योग का जोश Jammu News
International Yoga Day 2019: सियाचीन की बर्फीली चोटियों से लेकर जम्मू के मैदानी इलाकों में दिखा योग का जोश Jammu News

जम्मू, जेएनएन। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन की बर्फीली चोटियों से लेकर जम्मू के मैदानी इलाकों में सेना के जवानों से लेकर आम आदमी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। भारत-चीन सीमा पर 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन में तैनात सैनिक और अधिकारी योग के रंग में रंगे दिखे। यहां किसी भी समय चीन की तरफ से घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। ऐसे में भी भारतीय जवान माइनस 30 डिग्री तापमान में भी भारतीय जवान 24 घंटे मुस्तैद रहती है। 

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भारतीय सेना ने कठोर जलवायु परिस्थितियों वाले ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों की दैनिक दिनचर्या में योग आसनों को शामिल किया है। इसके अलावा लद्दाख की पैंगोंग झील हो या आतंकवाद ग्रस्त कश्मीर घाटी सुबह तड़के भारतीय सेना के जवान योगासन करते नजर आए। इसी तरह का नजारा एलओसी के साथ स्थित सैन्य शिविरों में भी था। सेना, अर्धसैनिक बलों के जवानों ने भी अपने-अपने इलाके में योग किया। 

सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सियाचिन में मुश्किल हालात के बीच देश की सरहद की निगरानी कर रहे जवानों के लिए योग अभ्यास उनकी ड्यूटी का एक हिस्सा है। जब योग आज सारे देश और प्रधानमंत्री मोदी का मिशन बन गया है तो जवान दोगुने जोश के साथ सियाचिन में योग कर रहे हैं। सियाचिन के अलावा सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉप्र्स ने लेह, कारगिल और नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अन्य स्थानों पर भी योग दिवस मनाया।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में 900 से अधिक कर्मियों ने भाग लिया, जिसमें अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी और लेह गैरिसन के जवान शामिल थे। सियाचिन, कारगिल और सीमाओं के साथ अन्य प्रमुख स्थानों पर आयोजित किए गए योग शिविर में के दौरान जवानों को शारीरिक फिटनेस के लिए प्रेरित किया गया। यही नहीं उन्हें योग के लाभों के बारे में जागरूक करने के साथ उन्हें दिनचर्या के दौरान आसाीन से किए जाने वाले योग आसन, प्राणायाम और ध्यान के बारे में प्रशिक्षित भी किया गया।

दैनिक जागरण ने बताए योग के अमूल्य लाभ

योग निश्चित ही विश्व को भारत की अमूल्य देन है। भारत के प्रयासों से ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मान्यता दी। दुनिया भर की तरह आज जम्मू में भी पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे जोश के साथ मनाया गया। दैनिक जागरण की आेर से पॉम आईलैंड में योग कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने योग तो किया ही योग से जुड़ी जानकारी भी एक दूसरे से सांझा की। योग से जुडे़ प्रश्नों के सही उत्तर देने वालों को उपहार देकर सम्मानित भी किया गया। बच्चों को कुछ योग क्रियाएं और योग करने के लिए कहा गया। जिन बच्चों ने सबसे अच्छे आसन किये उन्हें प्रोत्साहन के लिए पुरुस्तकृत किया गया। जागरण के इस प्रयास से योग शिविर में भाग लेने वाले बच्चे काफी उत्साहित दिखे।

करीब दो घंटे चले इस कार्यक्रम की शुरूआत योग क्रियाओं के साथ हुई। शिविर में सौ के करीब प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें बच्चों, बुजुर्गो और महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। योग पर चर्चा के दौरान सभी ने योग से जुडे़ अपने अनुभव सांझा किये। सभी का मानना था कि जब से योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा है। लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। योग प्रशिक्षक स्माइली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान विश्व समुदाय से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है।

यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है। हमारी बदलती जीवनशैली में योग चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। इस पहल के बाद 11 दिसम्बर 2014 को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।

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