Mata Vaishno Devi: गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही दरबार में लगा भक्तों का तांता, रोजाना 30 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे
तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन श्रद्धालुओं से पूरी तरह से गुलजार हो गया है। भवन पर श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर मां के दर्शन कर रहे हैं।
कटड़ा, राकेश शर्मा। गर्मी की छुट्टियां पड़ते ही माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। 30 से 35000 श्रद्धालु रोज दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बीते पांच महीने में 27 लाख 32 हजार श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। वर्ष 2018 के मुकाबले यह आंकड़ा कम है। बीते वर्ष इसी अवधि में कुल 33,59239 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के दर्शन किए थे। यानी वर्ष 2018 के मुकाबले जारी वर्ष 2019 के पहले पांच महीने में 62,7233 कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इसके विभिन्न कारण रहे जिनमें जनवरी में प्रयागराज में महाकुंभ, फरवरी में भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव, उसके उपरांत परीक्षाएं व लोकसभा चुनाव प्रमुख रहे। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के उपरांत फिर यात्र में बढ़ोतरी हुई है।
शनिवार शाम 5 बजे 17000 श्रद्धालु पंजीकरण करवाकर भवन की ओर रवाना हो चुके थे। मौजूदा वर्ष में अभी तक 62,7233 से कम श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो के दर्शन किए हैं। जानकारों का मानना है कि आगामी माह में यात्र का रिकॉर्ड पिछले वर्ष के रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएगा पर यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा क्योंकि जब जब भी राज्य के साथ देश में कोई प्रमुख घटना घटती है तो उसका सीधा असर यात्र पर पड़ता है।
श्रद्धालुओं से वैष्णो देवी भवन हुआ गुलजार:
तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन श्रद्धालुओं से पूरी तरह से गुलजार हो गया है। भवन पर श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर मां के दर्शन कर रहे हैं। आधार शिविर कटड़ा में भी पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। आधार शिविर कटड़ा में सभी पंजीकरण केंद्र श्रद्धालुओं के लिए खोले हुए हैं ताकि जल्द श्रद्धालुओं को यात्र पर्ची उपलब्ध हो सके। पंजीकरण केंद्र मुख्य बस अड्डा के साथ ही श्रइन बोर्ड के निहारिका कंपलेक्स, हेलीपैड कटड़ा, रेलवे स्टेशन तथा काउंटर नंबर दो बस अड्डा पर हैं।
5-6 जून को नहीं चलेगी केबल कार:
देशभर से मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड द्वारा 24 दिसंबर 2018 को पैसेंजर केबल कार परियोजना शुरू की गई थी। यह सुविधा श्रद्धालुओं के लिए वैष्णो देवी भवन से भैरव घाटी तक उपलब्ध है। आगामी पांच व छह जून को तकनीकी रखरखाव के चलते यह सेवा श्रद्धालुओं को दो दिन उपलब्ध नहीं होगी। तकनीकी रखरखाव का जिम्मा संभालने वाली स्विटजरलैंड की कंपनी गर्वेता एजी के विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण परियोजना का बारीकी से निरीक्षण करेंगे। ताकि श्रद्धालुओं को सफर के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
परियोजना में आई है 80 करोड़ रुपये की लागत:
वैष्णो देवी भवन से भैरव घाटी के बीच चलने वाली पैसेंजर केबल कार की परियोजना में करीब 80 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे चार साल में पूरा किया गया। जब यह परियोजना नहीं थी, तो श्रद्धालु भवन से भैरव घाटी की कठिन चढ़ाई पैदल या फिर घोड़ा, पिटठु अथवा पालकी आदि पर सवार होकर पूरी करते थे। दिव्यांगों, मरीजों और बुजुर्गो को इस सुविधा से काफी लाभ मिला है। अब श्रद्धालु महज दो-तीन मिनट में बिना किसी परेशानी के भैरव घाटी पहुंच जाते हैं।
दिन में 12 घंटे चलती है केबल कार:
वैष्णो देवी भवन से भैरव घाटी के बीच चलने वाली पैसेंजर केबल कार श्रद्धालुओं के लिए दिन में करीब 12 घंटे उपलब्ध रहती है। रात में केबल कार नहीं चलती है। चाहते हुए भी श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड इसकी और अधिक सीमा नहीं बढ़ा सकता है।
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