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कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समां बांधा

किश्तवाड़ में आए कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश करके लोगों का मन मोह लिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 11:22 AM (IST)
कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समां बांधा
कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समां बांधा

किश्तवाड़, संवाद सहयोगी। किश्तवाड़ में आए कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश करके लोगों का मन मोह लिया। किश्तवाड़ के चौगान मैदान में सेना की 26 राष्ट्रीय राइफल द्वारा एक यूथ कल्चर फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 9 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल के कमांडर ब्रिगेडियर रोहन आनंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने पहले कार्यक्रम का रिबन काटा, फिर ज्योति प्रज्ज्वलित करके शांति के प्रतीक कबूतरों को उड़ाया।

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उनके साथ किश्तवाड़ के डीसी अंग्रेज राणा, एसएसपी अबरार अहमद चौधरी, 52 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट पीके चौधरी और सेना के कई अधिकारी उनके साथ उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में किश्तवाड़ के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश करके वहां आए मेहमानों का दिल जीत लिया। हर स्कूल ने अपने अपने तरीके से कार्यक्रम पेश किए, जिसमें एसबीएम पब्लिक स्कूल, लिटिल एंजेल हाई स्कूल के बच्चे शामिल हुए। इसके साथ ही किश्तवाड़ में आए दिल्ली, पंजाब, जम्मू, श्रीनगर के कलाकारों ने अपनी कला दिखाकर समा बांधा और किश्तवाड़ के लोगों का मन मोह लिया। जम्मू से आई सोनाली डोगरा ने स्टेज छोड़कर लोगों के बीच आकर लोगों को डोगरी, हिंदी, पंजाबी किश्तवाड़ी व कश्मीरी गीत सुना कर लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया।

इसके साथ ही अंबाला से आए एक जादूगर ने भी ऐसा समा बांधा कि लोग दांतों तले उंगली दवाने पर मजबूर हो गए। कार्यक्रम में आए सभी कलाकारों ने ऐसे जौहर दिखाए कि लोग 6 घंटे तक चौगान मैदान से हिल नहीं पाए। यह पहला मौका था कि सेना द्वारा कराए गए कल्चरल फेस्टिवल को देखने के लिए किश्तवाड़ में भीड़ उमड़ पड़ी हो। जब तक कार्यक्रम खत्म नहीं हुआ तब तक भीड़ अपनी कुर्सियों से चिपकी रही। आखिर में मुख्य अतिथि ने स्कूलों के बच्चों को इनाम दिए और साथ ही जो कलाकार बाहर से आए थे, उन्हें भी स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस कार्यक्रम को देख कर लोगों ने सेना के इस कार्य की काफी सराहना की।

उनका कहना था कि किश्तवाड़ इलाका दूरदराज का इलाका है और पिछले 20 साल यहां पर आंतकवाद की वजह से ऐसे कार्यक्रम नहीं हो पाए, लेकिन अब माहौल ठीक होने पर सेना ऐसे कार्यक्रम करवा रही है, जिससे लोगों को ऐसा कार्यक्रम देखने का मौका मिला है। लोगों ने सेना अधिकारियों से आग्रह किया कि ऐसा ही एक बड़ा कार्यक्रम और करवाया जाए, ताकि यहां के बच्चों में भी उत्साह बढ़े। 


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