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लक्ष्य से भटका क्रॉस एलओसी व्यापार, जानिए सरकार ने क्यों लिया इसे रोकने का फैसला?

यह व्यापार जब शुरू हुआ तो जम्मू कश्मीर के 646 व्यापारियों ने पंजीकरण करवाया जिनकी संख्या आज करीब 280 बची है लेकिन प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करीब तीन हजार व्यापारी इससे जुड़े हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 12:28 PM (IST)
लक्ष्य से भटका क्रॉस एलओसी व्यापार, जानिए सरकार ने क्यों लिया इसे रोकने का फैसला?
लक्ष्य से भटका क्रॉस एलओसी व्यापार, जानिए सरकार ने क्यों लिया इसे रोकने का फैसला?

जम्मू, ललित कुमार। गुलाम कश्मीर और जम्मू कश्मीर के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड पिछले एक दशक में अपने लक्ष्य से भटक कर मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि के आदान-प्रदान का जरिया बनकर रह गया। इस ट्रेड की निगरानी करने वाले प्रशासनिक अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पाए और न ही सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए गए, जिसका खामियाजा इस व्यापार से जुड़े हजारों लोगों को भुगतना पड़ेगा।

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आपसी विश्वास बहाली के तहत 21 अक्टूबर 2008 से 2017 तक हुए करीब सात हजार करोड़ रुपये का क्रॉस एलओसी व्यापार बाहरी राज्यों के व्यापारियों के लिए टैक्स बचाने और आतंकी संगठनों के लिए मादक पदार्थ, हथियार व हवाला राशि पहुंचाने का जरिया बन चुका था। जब यह ट्रेड शुरू हुआ तो तय हुआ था कि जम्मू कश्मीर व गुलाम कश्मीर के उत्पादों का ही बाटर सिस्टम के तहत आदान-प्रदान होगा, लेकिन अब इस ट्रेड के रास्ते कैलिफोर्निया के बादाम तक का व्यापार हो रहा था। पाकिस्तानी व्यापारी स्थानीय उत्पाद की आड़ में कैलिफोर्निया बादाम की काफी कम कीमत का बिल बना रहे थे और यहां पर व्यापारी मार्केट रेट पर बिक्री कर रहे थे। ऐसे में जो अतिरिक्त मुनाफा होता था, वह आतंकवादी और उनके मददगारों तक पहुंचाया जा रहा था।

ट्रेड में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से तीन हजार व्यापारी जुड़

यह व्यापार जब शुरू हुआ तो जम्मू कश्मीर के 646 व्यापारियों ने पंजीकरण करवाया, जिनकी संख्या आज करीब 280 बची है, लेकिन प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करीब तीन हजार व्यापारी इससे जुड़े हैं। इसके अलावा करीब एक हजार ट्रक चालक व 200 श्रमिक इस ट्रेड के बंद होने से बेकार हो गए हैं। कई व्यापारियों के गुलाम कश्मीर के व्यापारियों के पास पैसे फंसे हुए हैं। इसकी वसूली अब कैसी होगी, यह भी चिंता का विषय है। सरकार को इस पर गौर करने की जरूरत है ताकि उनकी समस्या दूर हो सके।

क्रास एलओसी ट्रेड के बारे में क्या कहते हैं व्यापारी

  • केंद्र सरकार ने इसे सस्पेंड करके उचित फैसला किया है। जम्मू के व्यापारियों को इस ट्रेड से कोई खास फायदा नहीं हो रहा था। मुख्य रूप से कश्मीर के व्यापारी ही इससे जुड़े थे क्योंकि वो इसकी आड़ में मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि का लेनदेन कर रहे थे। -दीपक गुप्ता, महासचिव ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, जम्मू
  • कश्मीर के कई व्यापारियों का लाखों रुपये इस ट्रेड में लगा है। सरकार को बताना होगा कि जिन लोगों को गुलाम कश्मीर के व्यापारियों से लाखों रुपये लेना है, उन्हें कैसे मिलेगा। केंद्र को अपने फैसले पर दोबारा सोचना चाहिए। भुगतान के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। -हिलाल अहमद, प्रधान सलामाबाद-चकोटी ट्रेडर्स यूनियन
  • हमने गृह मंत्रलय में डायरेक्टर श्रीमति सुलेखा को संवाद भेजकर उन प्रशासनिक अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने की अपील की है, जिनकी लापरवाही से क्रॉस एलओसी ट्रेड मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि के लेनदेन का जरिया बना। -राकेश गुप्ता, प्रधान ज्वाइंट चैंबर ऑफ क्रॉस एलओसी ट्रेडर्स

केंद्रीय गृह मंत्रलय ने व्यापार बंद करने के दिए यह ठोस कारण

  1. यह व्यापार जम्मू-कश्मीर व गुलाम कश्मीर के उत्पादों के लिए था, लेकिन इसमें बाहरी उत्पादों का ट्रेड हो रहा था।
  2. एलओसी ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान रहे जहूर अहमद वटाली का मुख्य धंधा कश्मीर घाटी में आतंकियों व अलगाववादियों को पैसा मुहैया करवाना था। प्रवर्तन निदेशालय ने वटाली की करोड़ों की संपत्ति अटैच की है।
  3. ट्रेड से जुड़ी अधिकतर फर्म ऐसी थी, जो किसी न किसी तरह से हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ी थी। कश्मीर से कुछ लोग सीमापार कर चले गए और वहां पर फर्म बनाकर ट्रेड से जुड़ गए। ऐसे में कश्मीर की अधिकतर फर्म आतंकी संगठनों से जुड़ी थी।
  4. यह ट्रेड घाटी में मादक पदार्थो की तस्करी का साधन बन चुका था। हाल ही में कश्मीर के लिए इस रास्ते भेजी जा रही 66.5 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी।
  5. यह ट्रेड हथियारों की सप्लाई का रास्ता बन चुका था। हाल ही में कुलगाम के एक ड्राइवर को पकड़ा गया था, जो क्रॉस एलओसी ट्रेड से जुड़ा था और केलों के ट्रक में भारी मात्र में हथियार छुपाकर लाया था।
  6. इस ट्रेड की आड़ में हवाला राशि भेजी जा रही थी। हाल ही में 57 लाख, 20 लाख, 15 लाख, 7.5 लाख रुपये की जाली करंसी भी पकड़ी गई और करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया।

आतंकवाद और अलगाववाद को दी जा रही थी शह: जुगल

जम्मू-पुंछ संसदीय सीट के भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा है कि क्रॉस एलओसी व्यापार की आड़ में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को शह दी जा रही थी। केंद्र सरकार ने एलओसी व्यापार बंद कर देश के खिलाफ काम कर रही ताकतों को आघात दिया है। पार्टी मुख्यालय में जुगल किशोर ने कहा कि पाकिस्तान और उसकी शह पर काम कर रही ताकतों के खिलाफ मोदी सरकार की मुहिम जारी है। इस मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री कविन्द्र गुप्ता भी मौजूद थे। भाजपा नेताओं ने जम्मू-पुंछ के बाद ऊधमपुर-डोडा में भारी मतदान के लिए लोगों का आभार जताया। दोनों संसदीय सीटों के लिए 70 फीसद मतदान लोगों के उत्साह को दिखाता है। कांग्रेस के घोषणा पत्र का हवाला देते हुए जुगल ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) का विरोध कर यह पार्टी पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। महबूबा मुफ्ती के कश्मीर में जंगल राज होने संबंधी बयान पर जुगल किशोर ने कहा कि यह इस पार्टी की हताशा का सुबूत है। सत्ता में कश्मीर की पार्टियां कुछ और बोलती हैं। कुर्सी जाते ही भाषा बदल जाती है।

महबूबा मुफ्ती ने मोदी को घेरा

पीडीपी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने क्रॉस एलओसी ट्रेड निलंबित करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी उन सभी फैसलों को नेस्तनाबूद करने पर तुले हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमन के लिए शुरू किए थे। इसके साथ ही उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को भाजपा उम्मीदवार बनाने पर कहा कि हमारे मुल्क के बुरे दिन आ गए हैं। शुक्रवार को अपने निवास पर उन्होंने कहा कि क्रॉस एलओसी ट्रेड बंद करना दुर्भाग्यजनक है। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जब यहां वर्ष 2003 में आए थे तो उन्होंने कश्मीर से पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। मुजफ्फराबाद के लिए सड़क खोलने की बात हुई थी, रास्ता भी खुला, व्यापार भी शुरू हुआ। ऐसा लगता है कि हम आगे जाने के बजाय पीछे जा रहे हैं। मैं केंद्र भारत सरकार को बताना चाहती हूं कि जम्मू कश्मीर की समस्या गंभीर है। अगर आप जम्मू कश्मीर के लोगों के रास्ते बंद करेंगे,उनकी आवाज को दबाएंगे तो उसके नतीजे गलत ही निकलेंगे। जम्मू कश्मीर को गुलाम कश्मीर से जोडऩे वाले,मध्य एशिया से जोडऩे वाले जितने भी रास्ते हैं, सभी खोले जाएं। 


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