Coronavirus Update in Jammu and Kashmir : सर्दियों में स्वाइन फ्लू बढ़ा सकता है कोविड 19 की चुनौती
सर्दियों का आगाज होते ही स्वाइन फ्लू के मामले आने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बार चुनौती अधिक है। कोरोना के कारण आशंका है कि कहीं समस्या अधिक न बढ़ जाए। कोविड 19 के मरीजों के सीधे संपर्क में आने वालों को फ्लू वैक्सीन देने की तैयारी है।
जम्मू, रोहित जंडियाल । सर्दियों का आगाज होते ही स्वाइन फ्लू के मामले आने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बार चुनौती अधिक है। कोरोना के कारण यह आशंका है कि कहीं समस्या अधिक न बढ़ जाए। इसी को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों के अलावा कोविड 19 के मरीजों के सीधे संपर्क में आने वालों को फ्लू वैक्सीन देने की तैयारी में है। कश्मीर में कुछ वैक्सीन भेज दी गई है जबकि जम्मू में अभी वैक्सीन लेने की तैयारी है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि किसी भी मरीज के लिए एक साथ स्वाइन फ्लू और कोविड 19 के संक्रमण को सहना आसान नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच सालों में स्वाइन फ्लू से 87 लोगों की मौत हुई है। साल 2019 में ही स्वाइन फ्लू से 27 लोगों की मौत हो गई थी। यह बीमारी भी सांस संबंधी रोग है। इसमें खांसी, बुखार सहित अधिकांश लक्षण कोविड 19 वाले ही होते हैं। ऐसे में डाक्टरों के लिए दोनों बीमारियों की जांच करना चुनौती होगा। जम्मू-कश्मीर विशेषकर कश्मीर में स्वाइन फ्लू के मामले अधिक आते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इससे भलीभांति परिचित है। स्वास्थ्य विभाग अब इससे अपने कर्मचारियों को बचाने के लिए उन्हें पहले से ही फ्लू वैक्सीन देने की तैयारी में है।
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की तैयारी, कर्मचारियों को दी जाएगी फ्लू वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इन्फ्लूंजा वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों और उन अधिकारियों को दी जाएगी जो कि कोविड 19 के मरीजों के साथ सीधे काम कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोरोना की कोई भी वैक्सीन और इलाज न होने के कारण यह वैक्सीन एहतियात के तौर पर जरूरी है। कोविड 19 के साथ अगर कोई और फ्लू हो जाएगा तो यह काफी घातक साबित हो सकता है। इसीलिए जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर सर्दियां शुरू होने से पहले ही वैक्सीन दी जाएगी।
मेडिकल कालेज श्रीनगर में वैक्सीन भेज दी गई है और स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू ने भी वैक्सीन खरीदने के लिए कहा है। कश्मीर में जम्मू की अपेक्षा सर्दी अधिक पड़ती है और जल्दी शुरू होती है। यही नहीं कश्मीर में स्वाइन फ्लू के मामले भी अधिक आते हें। इसीलिए वहां पर पहले वैक्सीन दी जाएगी।कश्मीर में 18 हजार के करीब वैक्सीन की डोज पहुंच गई है। पूरे जजम्मू-कश्मीर में करीब पचास हजार डोज की जरूरत है। जल्दी ही सभी की खरीदारी कर पूरे जम्मू-कश्मीर में इसे भेजने की प्रक्रिया चल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड 19 के कारण उन मरीजों की मौत अधिक हो रही है जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी हे। ऐसे में सरकार का अब यह प्रयास है कि लोगों को अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। इस समय स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी और कोविड 19 से पीड़ित मरीजों के परिजनों को सबसे अधिक संक्रमण का खतरा है। ऐसे में इनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। फ्लू वैक्सीन से काफी फर्क पड़ता है।
स्वाइन फ्लू से बचाव को वैक्सीन जरूरी कश्मीर में शुरू से ही कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाले मेडिसीन विभाग के विशेषज्ञ डा. निसार का कहना है कि कोविड 19 और स्वाइन फ्लू अगर दोनों ही किसी मरीज को एक साथ हो जाते हें तो उससे बचाव करना आसान नहीं है। कोविड 19 के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं बनी है। लेकिन स्वाइन फ्लू की वैक्सीन तो बनी हुई है। ऐसे में यह जरूरी है कि स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा जो लोग खुद यह वैक्सीन नहीं खरीद सकते हें, उन्हें सरकार निशुल्क वैक्सीन दे ताकि और अधिक मौतें न हों। उन्होंने कहा कि सर्दियों का मौसम पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए चुनौती भरा होगा। इसके लिए अभी से सभी को तैयारी कर लेनी चाहिए।