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वन विभाग की जमीन पर इमारत बनाने पर रिपोर्ट तलब

जेएनएफ जम्मू हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर को नवाबाद सुंजवां में वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर इमारत बनाए जाने के मामले में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:09 AM (IST)
वन विभाग की जमीन पर इमारत बनाने पर रिपोर्ट तलब
वन विभाग की जमीन पर इमारत बनाने पर रिपोर्ट तलब

जेएनएफ, जम्मू : हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर को नवाबाद सुंजवां में वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर इमारत बनाए जाने के मामले में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल गनी कोहली पर आरोप है कि उन्होंने वन विभाग की दस कनाल जमीन पर कब्जा कर बीएड कॉलेज, ईटीटी कॉलेज, बीएन पैरा मेडिकल स्कूल, बीएन पब्लिक स्कूल, जम्मू कश्मीर बैंक की शाखा व एटीएम स्थापित की।

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एडवोकेट अंकुर शर्मा की ओर से दायर केस में डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस ताशी रबस्तान ने केस से जुड़े रिकॉर्ड व वन विभाग की रिपोर्ट डिवीजनल कमिश्नर को सौंपने का निर्देश दिया। इसके साथ ही केस में दायर रिकॉर्ड के साथ राजस्व विभाग के रिकॉर्ड की भी जांच करने के लिए कहा। बेंच ने डिवीजनल कमिश्नर को मौके पर जमीन की दोबारा जांच करवाने और जरूरत पड़ने पर नए सिरे से निशानदेही करवाने का भी निर्देश दिया। पूर्व मंत्री की पत्नी ने बेच दी थी आठ कनाल जमीन

डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान पाया कि पहली जून 2016 को एसएसपी विजीलेंस की ओर से पेश रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल गनी कोहली की पत्नी जरीना कोहली ने तीन जनवरी 2002 को सुंजवां के खसरा नंबर 356 में आठ कनाल जमीन सरफराज अहमद को बेच दी। यह जमीन वन विभाग की थी। एक अन्य रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कोहली ने 2013 में जेके बैंक के साथ समझौता किया, जिसके अनुसार बैंक को 12 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से 2400 वर्ग फुट जगह किराये पर दी गई। इसके अलावा कोहली ने इस जमीन के आधार पर कई तरह के ऋण भी लिए। बेंच ने पाया कि विभिन्न रिपोर्ट में साबित हुआ है कि जमीन पर कोहली परिवार की ओर से शिक्षा संस्थान चलाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट एसएसवी विजीलेंस की ओर से पेश की गई है, जिसमें कहा गया है कि यह जमीन वन विभाग की नहीं बल्कि सरकारी है। बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को भी नोटिस जारी

डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि जमीन सरकारी है तो किस तरह सरकारी जमीन पर निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी गई। अतिक्रमण होने पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस मामले में अंकुर शर्मा ने सीबीआइ जांच करवाने की मांग की थी। इस पर बेंच ने कहा कि यह मामला सीबीआइ को सौंपने योग्य है, लेकिन इससे पहले कई अन्य जानकारियां हासिल करना जरूरी है। बेंच ने कहा कि यह जानना भी जरूरी है कि जिस जमीन पर कब्जा किया गया था, उस पर बैंक शाखा व शिक्षा संस्थान खोलने की अनुमति किसने और कैसे दी। बेंच ने बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को भी नोटिस जारी कर पूछा कि बताया जाए कि सरकारी जमीन पर ईटीटी इंस्टीट्यूट खोलने की अनुमति कैसे दी गई? बेंच ने राजस्व विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि बताया जाए कि सरकारी जमीन किसी व्यक्ति के नाम पर कैसे रजिस्टर हो गई।


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