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Coronavirus Effect: कोरोना वायरस के चलते वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किये बंद

कोरोना वायरस के चलते श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किये बंद

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 10:59 AM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना वायरस के चलते वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किये बंद
Coronavirus Effect: कोरोना वायरस के चलते वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किये बंद

जम्मू, जागरण संवाददाता। कोरोना की दहशत का असर माता वैष्णो देवी की यात्रा पर भी होने लगा है। कोरोना वायरस के चलते श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट बंद कर दिये है। यात्रा के आधार शिविर कटड़ा के अधिकांश होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं खाली होने लगी हैं। यहां करीब 40 फीसद अग्रिम बुकिंग रद हो चुकी हैं। यहां मुख्य यात्रा पंजीकरण केंद्र और मुख्य बस स्टैंड भी सूने नजर आने लगे हैं। कटड़ा से रेल टिकटों की बुकिंग में भी बीस फीसद की कमी आई है। यात्रा में भी गिरावट जारी है। यात्रा 15000 तक पहुंच गई है।

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कोरोना वायरस की दहशत के बीच ढाबों व खाने पीने का सामान बेचने वाली रेहडि़यों को बंद करवाने का असर पहले ही दिन देखने को मिला। इन ढाबों व रेहडि़यों के बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को हुई, जो भोजन के लिए भटकते देखे गए।

गौरतलब है कि प्रशासन ने रविवार को आदेश जारी कर पूरे जम्मू जिले में ढाबों, होटलों व रेहडि़यों को बंद करने के आदेश जारी किए थे। सोमवार को जम्मू रेलवे स्टेशन से बाहर ही इसका व्यापक असर देखने को मिला, जहां लोग भोजन तलाशने के लिए भटकते दिखे। इन यात्रियों को भटकता देख कुछ ढाबा मालिकों ने उन्हें भोजन खिलाने का प्रयास किया तो पुलिस ने वहां पहुंच ढाबों को बंद करवा दिया।

उधर, दूसरे राज्यों से आए यात्रियों का कहना था कि अगर प्रशासन ने ऐसा कदम उठाना था तो कम से कम खुद कोई ऐसी व्यवस्था प्रशासन करता जिससे लोगों को भोजन तो मिल जाता। भूख से बिलखते बच्चों को वे फल-बिस्कुट आदि खिलाकर वे चुप करते नजर आए। वहीं, इस बारे में प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए यात्री महेंद्र कुमार का कहना था कि वे जब चले तो उनको जम्मू में रेहड़ी, ढाबे बंद होने की जानकारी नहीं थी।

जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद उनको इस संबंध में जानकारी मिली। ऐसे में वे परेशान हो गए। उन्होंने बताया कि भूख से बच्चों का बुरा हाल है। उनको कुछ फल ही खिला पाया हूं। अन्य यात्रियों ने भी इसी तरह परेशान बयां की। उनका कहना था कि जब वे घर से जम्मू कश्मीर के लिए चले थे, तो उनको ऐसे किसी आदेश की जानकारी नहीं थी कि यहां ढाबे और रेस्टोरेंट भी बंद करवा दिए गए हैं। अगर यह जानकारी मिली होती तो वे यहां का रुख नहीं करते। उधर, बस स्टैंड में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। वहां भी लोग भोजन न मिलने से परेशान नजर आए। फल आदि का सेवन कर लोग समय व्यतीत कर रहे थे और जल्द से जल्द अपने घर जाने का प्रयास कर रहे थे। 


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