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Corona Vaccine In Kashmir: कश्मीर में स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट की बढ़ती घटनाएं देख एमएमयू ने संभाली कमान

एमएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी उमर फारुक ने सभी मजहबी संगठनों के नेताओं के साथ इस मुद्दे पर फोन पर विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि लोगों में जो भ्रम फैले हैं उन्हेंं दूर करने की जरूरत है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 09:35 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 09:35 AM (IST)
Corona Vaccine In Kashmir: कश्मीर में स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट की बढ़ती घटनाएं देख एमएमयू ने संभाली कमान
जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में कोरोना वैक्सीन को लेकर फैले भ्रम और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए एमएमयू (मुस्लिम मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा) ने खुद लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता के लिए अभियान चलाने का फैसला किया है। एमएमयू कश्मीर में इस्लाम की विभिन्न विचारधाराओं और मतों के धर्मगुरुओं का सबसे बड़ा साझा मंच है। इसमें धर्मगुरुओं के अलावा इस्लामिक विद्वान भी शामिल हैं। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक इसके अध्यक्ष हैं।

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कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एमएमयू विभिन्न शहरों, कस्बों और मोहल्लों में पोस्टर बांटेगा और इंटरनेट मीडिया का सहारा लेगा। इसके अलावा सभी मस्जिदों के इमामों, खतीबों, मौलवियों व उलेमाओं से कहा गया है कि वह 18 जून को जुमे की नमाज के दौरान अपने खुतबे में लोगों को कोरोना वैक्सीन की अहमियत के बारे में समझाएं। वैक्सीन को लेकर फैली सभी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करें। यह जानलेवा नहीं, बल्कि जान बचाने वाली है।

उल्लेखनीय है कि प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद कश्मीर के कई इलाकों के लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। कई जगह लोगों ने टीकाकरण के लिए पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की है। बीते दिनों बारामुला में एक महिला ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की थी। वीरवार को बांडीपोरा में एक युवक ने टीका लगाने से मना करते हुए मारपीट की है। जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। 4226 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है।

एमएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी उमर फारुक ने सभी मजहबी संगठनों के नेताओं के साथ इस मुद्दे पर फोन पर विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि लोगों में जो भ्रम फैले हैं, उन्हेंं दूर करने की जरूरत है, अन्यथा यह महामारी कश्मीर में किसी भी समय बड़ा रूप ले सकती है। इसलिए सभी लोगों को समझाना जरूरी है कि वह किसी वहम में न रहें और कोरोनारोधी टीका लगवाएं। लोगों को समझाया जाए कि टीका लगवाना किसी भी तरह से शरिया और इस्लाम के खिलाफ नहीं है।  


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