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Jammu Kashmir: कोरोना से देश के भावी इंजीनियरों की पढ़ाई प्रभावित, लगातार दूसरे वर्ष प्रेक्टिकल नहीं होने से परेशान

जम्मू कश्मीर की यूनिवर्सिटी मौजूदा दौर को देखते हुए मजबूरी में यह फैसला ले रही हैं। विद्यार्थियों को लगातार दूसरे वर्ष भी प्रेक्टिकल करने का मौका नहीं मिला। इससे उनके कौशल विकास में कमी आ रही है। जम्मू कश्मीर में 31 मई तक शिक्षण संस्थान बंद रखे गए है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 04:39 PM (IST)
श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी कटड़ा तो पूरी तरह से इंजीनियरिंग कोर्सों पर निर्भर है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना से इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अधिक धक्का लगा है। एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद आज तक विद्यार्थी कोई प्रेक्टिकल नहीं कर पाए हैं। कोरोना के कारण प्रोफेशनल कोर्सों की ऑनलाइन पढ़ाई के बाद अब परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही करवाने की तैयारी हो गई है।

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जम्मू कश्मीर की यूनिवर्सिटी मौजूदा दौर को देखते हुए मजबूरी में यह फैसला ले रही हैं। विद्यार्थियों को लगातार दूसरे वर्ष भी प्रेक्टिकल करने का मौका नहीं मिला। इससे उनके कौशल विकास में कमी आ रही है। जम्मू कश्मीर में कोरोना से उपजे हालात के कारण 31 मई तक शिक्षण संस्थान बंद रखे गए है। सभी शिक्षण संस्थान पिछले वर्ष मार्च में बंद हुए थे, उसके बाद वर्ष के फरवरी मार्च में खोलने की तैयारी की गई थी। यूनिवर्सिटी ने सीनियर विद्यार्थियों को बुला लिया था। जूनियर इंतजार ही कर रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर आ गई। कोरोना के मामलों में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो गई और प्रशासन को आनन फानन में शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा।

इन विभिन्न यूनिवर्सिटी ने सीनियर विद्यार्थियों को वापस भेज दिया। स्थिति अब फिर वहीं की वहीं आ गई है। जम्मू कश्मीर में कुल 11 यूनिवर्सिटी हैं। इनमें जम्मू यूनिवर्सिटी, कश्मीर यूनिवर्सिटी के साथ इंजीनियरिंग कालेज जुड़े हुए हैं। श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी कटड़ा तो पूरी तरह से इंजीनियरिंग कोर्सों पर निर्भर है। बाबा गुलाम शाह बड़शाह यूनिवर्सिटी राजौरी में भी प्रोफेशनल कोर्स हैं। चूंकि इंजीनियरिंग कोर्सों की ऑनलाइन पढ़ाई के बाद अब परीक्षाएं भी ऑनलाइन करवाने की तैयारी हो गई है। डेटशीट जारी हो गई है।

विद्यार्थियों की परेशानी यह है कि उन्हें प्रेक्टिकल करने का मौका नहीं मिला है। इंजीनियरिंग में प्रेक्टिकल ही अहम होते हैं जिसमें विद्यार्थी सीखते है। इंजीनियरिंग का दूसरा वर्ष भी बिना प्रेक्टिकल के निकलना विद्यार्थियों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग कर रहे एक विद्यार्थी साहिल ने कहा कि कोरोना के बीच ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन परीक्षाएं हुई है। हमें तो कुछ सीखने का मौका ही नहीं मिला। यूनिवर्सिटी में होते तो वर्कशाप में जाकर प्रेक्टिकल तो करते।

मेकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र सौरभ का कहना है कि कोरोना के कारण हमारी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इंजीनियरिंग में प्रेक्टिकल का काफी नुकसान हुआ है। वहीं फिलहाल मेडिकल की परीक्षाओं को ऑफलाइन करवाने के लिए टाला गया है। मेडिकल परीक्षाओं को लेकर यूनिवर्सिटी केंद्र के फैसले का इंतजार करेंगी।


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