Union Territory Ladakh: फंसे लद्दाखियों को वापस लाने के मामले पर लद्दाख भाजपा-उपराज्यपाल प्रशासन में ठनी
इन आरोपों के साथ लद्दाख के पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष छीरिंग दोरजे ने अपना त्यागपत्र दे दिया। उनके इस कदम से लद्दाख में भाजपा को और मजबूत बनाने की मुहिम को जोरदार झटका लगा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। देश के दूसरे राज्यों में फंसे लद्दाखियों को वापस लाने का मुद्दा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में ज्वलंत रूप धारण कर चुका है। लद्दाख के निवासियों को बसों में लाने का खर्च जिला प्रशासन को वहन करना था। लेकिन अब प्रशासन इस बात को नाकारते हुए हिल काउंसिल को अपने खर्चे पर नागरिकों को लाने की व्यवस्था करने को कह रही है। इससे विवाद पैदा हो गया है। नतीजतन भाजपा प्रधान छीरिंग दोरजे ने प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ विरोध जाहिर करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।
दोरजे के इस्तीफा देने की देर थी कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के छह महीनाें के अंदर ही भाजपा सदस्यों और लद्दाख हिल काउंसिल के कुछ सदस्यों ने क्षेत्र में उपराज्यपाल प्रशासन के कामकाज के रवैये पर एतराज जताते हुए मोर्चा खोल दिया। लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर समेत सभी काउंसिलर तो प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर भी उतर आए। लद्दाख में इन विरोध प्रदर्शनों की बात दिल्ली पहुंची तो भाजपा सांसद जामियांग त्सीरिंग नांग्याल पार्टी हाईकमान के निर्देश पर लाॅकडाउन के बीच आज मंगलवार को सड़क मार्ग से लेह पहुंचे। हालांकि लेह पहुंचे ही उन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। परंतु घर में रहकर भी सांसद फोन पर भाजपा नेताओं को शांत करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल मामला यह है कि लेह हिल काउंसिल ने गत सोमवार को लेह में राज निवास के बाहर प्रदर्शन कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारियों पर मनमर्जी करने का आरोप लगाया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा सांसद भी यह मुद्दा इससे पहले उपराज्यपाल प्रशासन के समक्ष उठा चुके हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से यह भी कहा था कि काउंसिल को विश्वास में लेकर ही कार्य करें। इसके बाद लद्दाख प्रशासन ने अन्य राज्यों से अपने खर्च पर लद्दाखियों को लाने की तैयारी भी कर ली।
अब कहा जा रहा है कि लद्दाख में कोरोना वायरस की रोकथाम की मुहिम के चलते जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई में हिल काउंसिल को विश्वास में नही लिया। लेह के डिप्टी कमिश्नर हिल काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी हैं, ऐसे में उन्हें फैसला करते हुए हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिल ग्याल पी वांग्याल को भी विश्वास में लेना होता है। गत सोमवार को प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले वांग्याल का आरोप था कि जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन संबंधी कार्यों में उन्हें पूछ नहीं रहे हैं।
प्रशासन के रवैये से आहत लेह भाजपा के प्रधान दोरजे आंगचुक का कहना है कि अन्य राज्यों से लद्दाख के निवासियों को बसों में लाने का खर्च जिला प्रशासन को वहन करना था। लेकिन प्रशासन ने हिल काउंसिल को गुमराह किया किया और कहा कि वह अपने खर्चे पर लद्दाखियों को लाने की व्यवस्था करें। यही विवाद का कारण बना। लद्दाख को पहले जम्मू-कश्मीर का अलग संभाग व उसके बाद उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने में प्रदेश भाजपा नेताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई है। अब भाजपा नेता ही उपराज्यपाल प्रशासन पर यह आरोप लगा रहे हैं कि लद्दाखियों को विश्वास में न लेकर काम किया जा रहा है। इन आरोपों के साथ लद्दाख के पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष छीरिंग दोरजे ने अपना त्यागपत्र दे दिया। उनके इस कदम से लद्दाख में भाजपा को और मजबूत बनाने की मुहिम को जोरदार झटका लगा है।
लद्दाख में इस समय कोरोना वायरस को रोकने की मुहिम जारी है। इस दौरान रविवार को एक ही दिन भी लद्दाख में संक्रमण के 19 मामले सामने आने से प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। ऐसे हालात में लद्दाख में भाजपा को मजबूत बनाने की कोशिशों के बीच भाजपा प्रधान छीरिंग दोरजे का दूसरे राज्यों में फंसे लद्दाखियों को लाने की मांग पर इस्तीफा देना, वहां के लोगों में भाजपा के प्रति विरोध पैदा कर सकता है। सांसद जामियांग त्सीरिंग नांग्याल होम क्वारंटाइन में रहते हुए भी भाजपा प्रधान को मनाने का जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं।